कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को कहा कि अगर कोई प्राकृतिक आपदा आती है तो केंद्र सरकार किसी भी राज्य के किसानों के साथ भेदभाव नहीं करेगी, चाहे वह केरल का हो या कर्नाटक का. लोकसभा में पूरक प्रश्नों का उत्तर देते हुए चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार किसानों के कल्याण को सुनिश्चित करने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी.
कांग्रेस सदस्य प्रियंका गांधी वाड्रा के एक सवाल के जवाब में चौहान ने कहा, "किसान तो किसान ही है, चाहे वह केरल का हो, कर्नाटक का हो या देश के किसी अन्य हिस्से का. हम सभी भारत माता की संतान हैं और किसी के साथ किसी भी तरह के भेदभाव की कोई गुंजाइश नहीं है."
वाड्रा ने किसानों के लिए विदर्भ पैकेज को लागू करने पर अपडेट मांगा था, जिसके तहत केरल के वायनाड, पलक्कड़ और कासरगोड जिले भी शामिल हैं. चौहान ने कहा कि केंद्र ने थोक बाजारों में लाल मिर्च की कीमतों में गिरावट आने पर 11,000 रुपये प्रति क्विंटल से अधिक की कीमत पर इसे खरीदने का कदम उठाया था.
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केंद्र ने कर्नाटक में सुपारी की खेती करने वाले किसानों के लिए विशेष पैकेज को मंजूरी दी है, जिन्हें बीमारी के प्रकोप के कारण बागान नष्ट होने के बाद नुकसान उठाना पड़ा था. चौहान ने कहा, "जहां भी किसानों को प्राकृतिक आपदा के कारण कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा...चाहे वह किसी भी कोने में हो...भारत सरकार बिना किसी भेदभाव के उनके साथ खड़ी रहेगी."
कर्नाटक के किसान लंबे समय से लाल मिर्च के गिरते रेट से जूझ रहे हैं. किसानों का कहना है कि लाल मिर्च की बिक्री से उनकी लागत भी नहीं निकल पा रही. यहां तक कि ढुलाई का खर्च भी मुश्किल हो रहा है. इसे देखते हुए किसानों ने केंद्र सरकार से राहत की मांग की थी.
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इस मांग को लेकर कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह किया था कि जैसे बाकी प्रदेशों के किसानों को वित्तीय सहायता दी जाती है, वैसे ही कर्नाटक के मिर्च किसानों को भी दी जाए. कर्नाटक के सांसद इस मुद्दे पर कृषि मंत्री से अपनी मांग रख चुके हैं. यहां तक कि कर्नाटक से बीजेपी सांसद और केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी ने शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात कर मिर्च किसानों के लिए राहत की मांग की थी.