Agri Quiz: किस फूल की वैरायटी है अर्का भानु? क्या है इसकी खासियत और कैसे करें खेती

Agri Quiz: किस फूल की वैरायटी है अर्का भानु? क्या है इसकी खासियत और कैसे करें खेती

भारत में अलग-अलग चीजें अपनी खास पहचान के लिए जानी जाती हैं. ऐसी ही एक चीज है जिसकी वैरायटी का नाम अर्का भानु है. इस वैरायटी की खेती करके किसान अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. ऐसे में आइए जानते हैं क्या है इस वैरायटी की खासियत.

किस फूल की वैरायटी है अर्का भानुकिस फूल की वैरायटी है अर्का भानु
संदीप कुमार
  • Noida,
  • Jan 05, 2025,
  • Updated Jan 05, 2025, 10:30 AM IST

लोग फूलों के लेन-देन के शौकीन होते हैं. वहीं, कई ऐसी फूल हैं जिनका इस्तेमाल सबसे अधिक सजावट या पूजा-पाठ के लिए किया जाता है. इसी कड़ी में आज हम बात करेंगे एक ऐसे ही फूल की वैरायटी की जिसका नाम अर्का भानु है. दरअसल, ये वैरायटी गेंदे के फूल की है, जिसकी खेती पूरे साल की जाती है. वहीं, बात करें गेंदे की तो फूलों में इसकी मांग सबसे अधिक होती है. ऐसे में अब ये जान लेते हैं कि बंपर पैदावार के लिए इसकी उन्नत किस्में कौन सी हैं? और किस विधि से करनी चाहिए खेती.

गेंदे की 3 उन्नत किस्में

अर्का भानु: ये गेंदे की एक खास किस्म है. इस किस्म के फूल का रंग पीला होता है और पौधों की लंबाई 7 से 8 सेमी के बीच होती है. वहीं, इस किस्म की खासियत ये है कि ये सजावट के लिए बेस्ट वैरायटी है.  ये किस्म लगभग 7 दिनों तक ताजा रहता है. वहीं, इस किस्म की रोपाई करने के 10 दिन बाद टिप पिंचिंग करने से अधिक संख्या में शाखाएं निकलती है. इसके ताजे फूलों की उपज 10 से 11 टन प्रति हेक्टेयर है.

पूसा अर्पिता: यह फ्रेंच गेंदा की एक किस्म है और इसे भी भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली द्वारा वर्ष 2009 में जारी किया गया था. यह उत्तरी मैदानी इलाकों में उगाने के लिए एक अच्छी किस्म है. भारत के उत्तरी मैदानी इलाकों में मध्य दिसंबर से मध्य फरवरी तक मध्यम आकार के हल्के नारंगी फूल पैदा होते हैं. इसके ताजे फूलों की उपज 18 से 20 टन प्रति हेक्टेयर आंकी गई है.

मेरीगोल्ड ऑरेंज: ये गेंदे की एक बेहतरीन किस्म है. इसकी खेती भारत के लगभग सभी क्षेत्रों में आसानी से की जा सकती है. इसके फूलों का आकार बड़ा होने के कारण दक्षिण भारतीय क्षेत्रों में यह अधिक लोकप्रिय है. इसके फूल गहरे नारंगी रंग के होते हैं. बीज की बुवाई के करीब 125 से 135 दिनों बाद पौधों में फूल निकलना शुरू हो जाता है. वहीं, इसकी प्रति एकड़ खेती करने पर 100 से 120 क्विंटल ताजे फूलों की पैदावार होती है.

गेंदे के लिए खेत की तैयार

गेंदे की फसल लेने के लिए भूमि को तैयार करते समय एक गहरी जुताई कर तीन-चार जुताई कल्टीवेटर से कर लेनी चाहिए. फिर खेत को समतल बना लें. इसके अलावा जुताई के समय 15-20 टन सड़ी हुई गोबर खाद या कंपोस्ट खाद जमीन में मिला दें ताकि उपज अच्छी मिले. इसके अलावा छह बोरी यूरिया, 10 बोरी सिंगल सुपर फास्फेट और तीन बोरी पोटाश प्रति हेक्टेयर के हिसाब से खेतों में मिला दें. साथ ही यूरिया की दूसरी और तीसरी मात्रा को रोपाई के 30 दिन और 45 दिन बाद पौधों के आसपास कतारों के बीच में दें.

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