झांसी में इन दिनों किसान खेत पर न होकर खाद की लाइन में लगा हुआ है. इसके बाबजूद भी उसे खाद लेने में बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है, जिसके चलते तो कई बार किसान लाइन में लगे लगे आपस में ही भिड़ जाते हैं. ऐसा ही मामला झांसी के मऊरानीपुर में देखने को मिला, जहां नई मंडी में बने पीसीएफ गोदाम पर खाद के लिए लाइन में लगे किसान आपस में भिड़ गए. इस दौरान किसी ने घटना का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया. वहीं सुरक्षा में लगे पुलिस जवानों ने हस्तक्षेप कर मामले को शांत कराया.
किसानों का कहना है कि इस समय रबी की बुवाई का समय चल रहा है और किसानों को खेतों में खाद का छिड़काव करना है, जिसके लिए वे रतजगा करके लाइन में लग रहे हैं, लेकिन कई दिनों के इंतजार के बाद भी उन्हें खाद नहीं मिल पा रही है, क्योंकि जिला प्रशासन किसानों को खाद उपलब्ध कराने में नाकाम साबित हो रहा है.
वहीं, एक दिन पहले प्रदेश के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ने कहा है कि राज्य में पर्याप्त मात्रा में खाद उपलब्ध कराई जा रही है, जिन किसानों को अभी बुवाई नहीं करनी है वे खाद खरीदकर उसका भंडारण न करें. सूर्य प्रताप शाही ने शुक्रवार को कृषि विभाग के सीनियर अफसरों और पीसीएफ के साथ समीक्षा बैठक में सभी जिलों में डीएपी (एन-18, पी-46) जैसे फॉस्फेटिक खादों की आपूर्ति करने के निर्देश दिए.
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कृषि मंत्री ने जानकारी दी कि जनपद मैनपुरी, हाथरस, अयोध्या, अम्बेडकरनगर, मुजफ्फरनगर और आगरा के लिए रेक अभी रास्ते में है, जो जल्द ही पहुंच जाएगी. उन्हाेंने कहा कि पिछले साल की खपत को ध्यान में रखते हुए जिन जनपदों में कमी चल रही है, वहां प्राथमिकता से रेक प्वाइंट से सीधे खाद की रेक पहुंचाने के लिए कहा गया है.
वहीं, आज पूर्व सीएम और समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने खाद लेने के लिए लाइन में लगे किसानों का एक वीडियाे पोस्ट कर राज्य की भाजपा सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने भाजपा पर खाद की चोरी का आरोप लगाया और कहा कि भाजपा वालों के गोदामों में खाद बिक रही है.
यूपी के अलावा हरियाणा, पंजाब में भी किसान खाद की कमी की बात कह रहे हैं. इन राज्यों में भी खाद खरीदने के लिए लंबी लाइनें देखने को मिल रही हैं. हरियाणा में तो कुछ जिलों में थानों से खाद की बिक्री किए जाने की खबर आई थी. वहीं, ज्यादातर जगहों पर पुलिस की देखरेख में डीएपी बेची जा रही है. हालांकि, यहां की राज्य सरकार दावा कर रही है कि खाद का पर्याप्त स्टॉक है.