Dussehri Kalim: दशहरी आम की नई किस्म दशहरी कलीम विकसित, रंगीन किस्म को विकसित होने में लगे 16 साल

Dussehri Kalim: दशहरी आम की नई किस्म दशहरी कलीम विकसित, रंगीन किस्म को विकसित होने में लगे 16 साल

लखनऊ कब मलिहाबाद फल पट्टी दशहरी आम के लिए ही पूरे विश्व में मशहूर है. यहां के 30000 हेक्टेयर क्षेत्रफल में फल पट्टी फैली हुई है. इस फल पट्टी को पद्मश्री से सम्मानित कलीमुल्लाह ने एक से बढ़कर एक नई किस्म देकर समृद्ध किया है. अब उन्होंने दशहरी आम की नई किस्म को विकसित किया है जिसे उन्होंने अपने नाम पर दशहरी कलीम का नाम दिया है

आम की नई किस्म दशहरी कलीम विकसितआम की नई किस्म दशहरी कलीम विकसित
धर्मेंद्र सिंह
  • lucknow ,
  • Jul 02, 2023,
  • Updated Jul 02, 2023, 1:27 PM IST

लखनऊ कब मलिहाबाद फल पट्टी दशहरी आम के लिए ही पूरे विश्व में मशहूर है. यहां के 30000 हेक्टेयर क्षेत्रफल में फल पट्टी फैली हुई है. इस फल पट्टी को पद्मश्री से सम्मानित कलीमुल्लाह ने एक से बढ़कर एक नई किस्म देकर समृद्ध किया है. अब उन्होंने दशहरी आम की नई किस्म को विकसित किया है जिसे उन्होंने अपने नाम पर दशहरी कलीम (Dussehri Kalim)का नाम दिया है. आकार में यह बिल्कुल दशहरी जैसा ही है लेकिन पकने पर यह हरा और लाल रंग का हो जाता है. वही यह किस्म पकने पर वर्तमान दशहरी से कहीं ज्यादा स्वादिष्ट और टिकाऊ भी है. दशहरी आम की इस किस्म को रंगीन भी कहा जा सकता है. हालांकि इसे विकसित करने में कलीमुल्लाह खां को 16 साल का समय लगा.

दशहरी (Dussehri ) की नई किस्म की क्या है खासियतें

पद्मश्री से सम्मानित कलीमुल्लाह बताते हैं कि दशहरी आम (Dussehri mango )का वजूद अब खतरे में हो गया है. मौसम की मार और नई बीमारियों की वजह से अब बागवान भी परेशान है. इस साल मलिहाबाद क्षेत्र में दशहरी आम को बीमारियों से बचाने के लिए सात से आठ बार कीटनाशक का छिड़काव करना पड़ा लेकिन उसके बावजूद भी बीमारियां की चपेट से दशहरी आम को काफी नुकसान हुआ. बाजार में नकली दवाइयां भी किसानों के लिए बड़ी समस्या है. वही बीमारियों के चलते ही दशहरी आम का निर्यात लगातार कम हो रहा है. इसी वजह से उन्होंने नई प्रजाति पर काम शुरू किया. 16 साल की लंबी मेहनत के बाद दशहरी आम की यह किस्म विकसित हुई है. इस आम को निर्यात को ध्यान में रखते हुए विकसित किया गया है. अगले साल से इसके पौधे किसानो को उपलब्ध हो सकेंगे जिससे आगामी 5 सालों में इस नई किस्म दशहरी कलीम (Dussehri Kalim) से भरपूर उत्पादन संभव हो सकेगा. इस आम की किस्म गुठली गूदे से अलग नहीं होगी. वहीं यह दशहरी की रंगीन किस्म है .

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कौन है मैंगो मैन कलीमुल्लाह खां 

आम की 300 से ज्यादा किसानों को विकसित करने वाले  कलीमुल्लाह खान को 2008 में पद्मश्री से सम्मानित किया जा चुका है. उन्हें मैंगो मैन भी कहा जाता है. उन्होंने आम की ऐसी किस्मों को भी विकसित किया है जिनका नाम देश की महान हस्तियों के नाम पर हैं. उनके द्वारा विकसित की हुई किस्मों में ऐश्वर्या, सचिन तेंदुलकर, नमो आम ,सुष्मिता शामिल है. वही उनके नर्सरी में एक ऐसा पेड़ है जिस पर 300 से ज्यादा तरह के आम के फल लगते हैं. पद्मश्री कलीमुल्लाह खान की उम्र भले ही 84 साल हो चुकी है लेकिन अभी भी उनकी आम को लेकर जज्बा कम नहीं हुआ है. उन्होंने किसान तक को बताया कि वह जीते जी एक ऐसी किस्म विकसित करना चाहते हैं जो साल के 12 महीनों तक आम का फल दे सके.

 

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