देश में रबी फसलों की कटाई शुरु होते ही जायद फसलों की बुआई शुरू हो गई है. छोटे और सीमांत किसान ज्यादातर रबी और खरीफ सीजन में ही खेती करते हैं. जायद सीजन में खेती कम करते हैं या कुछ जगहों में बिल्कुल भी नहीं करते, जबकि सबसे अधिक लाभ देने वाली खेती जायद सीजन में ही मानी जाती है. जायद में सबसे अधिक मौसमी फल और सब्जियों की खेती की जाती हैंं, जो गर्मी के दिनों में तैयार होती हैं और उस समय इनकी मांग जोरों में होती है. आइए जानते हैं कि किसान जायद सीजन में मुनाफे की खेती कैसे कर सकते हैं और वे किन फल, सब्जियों की खेती करें, जिससे उन्हें अच्छा मुनाफा मिले.
देश की एक बहुत बड़ी आबादी केवल खेती किसानी पर टिकी हुई है. इन किसानों की आर्थिक स्थिति को बढ़ाने के लिए सरकार कई तरह की सहूलियत देती रहती है. इसके अलावा किसानों को खेती किसानी करने के तौर तरीके को बदलने की भी सिफारिश की जाती है. किसानों को खेती के पारंपरिक तरीके को बदल कर आधुनिकता अपनाने की सलाह दी जाती है साथ ही मौसम और सीजन का फायदा उठा कर खेती करने की सलाह दी जाती है.
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इसी तरह से जायद में की जाने वाली खेती थोड़े समय में अधिक मुनाफा देने के लिए जानी जाती है. असल में जायद सीजन को मुनाफे का सीजन इसलिए कहां जाता है क्योंकि इस सीजन में कम समय और मेहनत में अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है. जबकि जायद सीजन की खेती खेत की उर्वरक क्षमत को भी बढ़ाती है.
असल में जायद सीजन फरवरी मध्य से शुरू होकर मार्च के आखिर तक चलता है. किसान इस सीजन में गर्मियों में तैयार होने वाले फल और सब्जियों की खेती कर लाभ कमाते हैं.क्योंकि इसमें से अधिकांश ऐसी फसलें होती हैं, जिन्हें साल में केवल गर्मियों के दिनों में ही अधिक पसंद किया जाता है. इसलिए इन दिनों में इनकी बाजार मांग बहुत अधिक होती है. इस सीजन में खेती कर किसान अधिक लाभ कमा सकते हैं.
जायद सीजन में उगाई जाने वाली खीरा, ककड़ी, तरबूज, खरबूजा जैसी चर्चित फसलों को गर्मी के दिनों में खूब महत्व दिया जाता है. कहा जाता है कि इनको खाने से शरीर में पानी की कमी को दूर किया जा सकता है. इसके अलावा गर्मियों में तैयार होने वाले टमाटर, भिंडी, लौकी और परवल की खेती भी जायद सीजन में ही की जाती है. इन दिनों खेती कर किसान गर्मियों में कम समय में अधिक लाभ कमा सकते हैं.