केंद्रीय कृषि व किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दिल्ली में 11 अगस्त को आयोजित होने वाले कार्यक्रम को लेकर भोपाल में प्रेसवार्ता की. इस दौरान उन्होंने पीएम माेदी के नेतृत्व में हो रहे कार्यों की सराहना की. शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और किसान उसकी आत्मा हैं. आज लगभग 50% लोगों को कृषि क्षेत्र रोजगार देता है. किसान अगर उत्पादक है तो सबसे बड़ा उपभोक्ता भी है.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पीएम मोदी की सर्वोच्च प्राथमिकता किसान हैं. हम कहते रहे हैं कि किसानों की आय बढ़ाएंगे. उन्होंने कृषि क्षेत्र को मजबूत करने और किसानों की आय बढ़ाने की बात कहते हुए निर्धारित रोडमैप बताया-
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हम इन 6 आयामों पर पीएम मोदी के नेतृत्व में निरंतर काम कर रहे हैं. उत्पादन बढ़ाना और लागत घटाना है तो अच्छे बीज चाहिए. जलवायु परिवर्तन के कारण धरती की सतह का तापमान बढ़ रहा है. हमें ऐसे बीज की जरूरत है, जो जलवायु के अनुकूल हों, उचित पैदावार दे सकें, कीटनाशकों का प्रयोग कम हो. बीज उत्पादित करना, अनुसंधान कर के बीज बनाना, यह काम बहुत महत्वपूर्ण है. ICAR निरंतर इस काम में लगा है.
पिछले दिनों 109 किस्में बीजों की तैयार की गई हैं. अनाज की 23, अनाज में चावल की 9, गेहूं की 2, जौ की 1, मक्का की 6, ज्वार की 1, बाजरा की 1, रागी की 1, छीना की 1, सांबा की 1, अरहर की 2, चने की 2, मसूर की 3, मटर की 1, मूंग की 2, ओवरऑल तिलहन की 7 किस्में. चारे की 7 किस्में, गन्ने की 7 किस्में, कपास की 5, जूट की एक, बागवानी की 40 किस्म.
हमारे वैज्ञानिकों ने अनुसंधान करके अधिक उत्पादन देने वाली, धान की ऐसी किस्म भी है, जिसमें 20% कम पानी लगेगा. उत्पादन के साथ कीटों का कम प्रकोप हो, वो प्रयत्न भी किया गया है. 11 अगस्त को सुबह 11 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूसा, दिल्ली में 109 किस्मों को जारी करेंगे. अलग एग्रो क्लाइमेटिक ज़ोन के लिए अलग किस्म हैं. एरिया स्पेसिफिक फसलों के लिए भी बीजों की किस्म तैयार की गई है.
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केंद्रीय मंत्री ने जानकारी दी कि रिलीज करने का कोई बड़ा कार्यक्रम नहीं हो रहा है, बल्कि प्रधानमंत्री खेत में ही जाकर फसलों को रिलीज करेंगे. कल ICAR के खेतों में प्रधानमंत्री जाएंगे और तीन स्थानों पर बीजों की वैरायटी जारी करेंगे. शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि लैब टू लैंड यानी विज्ञान सीधे किसान तक पहुंचें, रिसर्च का फायदा किसान तक पहुंच जाए. सब एक जगह हो, यह प्रयत्न किया गया है.
केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि मुझे कहते हुए खुशी है कि कृषि बजट जो यूपीए की सरकार में लगभग 27 हजार करोड़ रुपये हुआ करता था, वो एलाइड सेक्टर्स का मिलाकर अब 1.52 लाख करोड़ रुपये है. पिछले साल 1 लाख 95 हजार करोड़ की सब्सिडी फर्टिलाइजर पर प्रदान की गई थी. इस साल 1 लाख 70 हजार करोड़ की सब्सिडी का प्रावधान किया गया है, लेकिन खपत बढ़ेगी तो ये बढ़ भी जाएगी.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय परिस्थिति के कारण खाद के जहाजों को घूमकर आना पड़ता है. इसमें समय भी लगता है, वो भार किसान पर न आये, इसके लिए इस साल 2,625 करोड़ के विशेष पैकेज का प्रावधान किया गया है. एग्रीकल्चर में सिंचाई बहुत महत्वपूर्ण है, इसके लिए जलशक्ति मंत्रालय का बजट है, ये खेत के पानी के लिए भी होता है. कृषि क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रावधान किया गया है. कैबिनेट में गरीबों के 2 करोड़ घर ग्रामीण क्षेत्र में बनाने का प्रावधान किया है.
कृषि के क्षेत्र में बागवानी भी महत्वपूर्ण है. फल के जो पौधे होते हैं, वो बीज से नहीं, कलम से बनते हैं. अगर मूल कलम में वायरस हो, तो उससे दूसरे कलमों में भी वायरस हो जाते हैं। इसके लिए क्लीन प्लांट प्रोग्राम के लिए 1,700 करोड़ रू. की मंजूरी दी गई है. हम किसानों को जो बागवानी के क्षेत्र में फलों की खेती करेंगे, उसके लिए पूरा एक सिस्टम है, उसके लिए 9 सेंटर बनाए जाएंगे. कृषि और ग्रामीण विकास के क्षेत्र में निरंतर बेहतर करने का प्रयास चल रहा है.
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