Fertiliser Crisis: विधानसभा में उठा खाद और बीज की कमी का मुद्दा, कांग्रेस ने बीजेपी सरकार पर साधा निशाना

Fertiliser Crisis: विधानसभा में उठा खाद और बीज की कमी का मुद्दा, कांग्रेस ने बीजेपी सरकार पर साधा निशाना

छत्तीसगढ़ विधानसभा में कांग्रेस ने खाद और बीज की कमी को लेकर बीजेपी सरकार पर हमला बोला. खरीफ 2025 में किसानों को यूरिया और डीएपी की भारी किल्लत का सामना करना पड़ रहा है.

Controversy arose over the shortage of urea and fertilizerControversy arose over the shortage of urea and fertilizer
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Jul 15, 2025,
  • Updated Jul 15, 2025, 12:30 PM IST

छत्तीसगढ़ विधानसभा के मॉनसून सत्र के पहले दिन कांग्रेस ने खाद और बीज की भारी कमी का मुद्दा जोरदार ढंग से उठाया. शून्यकाल के दौरान विपक्ष के नेता चरण दास महंत, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल समेत कांग्रेस के अन्य विधायकों ने कहा कि राज्य की बीजेपी सरकार खरीफ 2025 के लिए पर्याप्त खाद और बीज की व्यवस्था करने में नाकाम रही है.

खाद और बीज की भारी कमी का आरोप

कांग्रेस नेताओं ने दावा किया कि राज्य में किसानों को डीएपी (डाय-अमोनियम फॉस्फेट) और यूरिया के लिए भटकना पड़ रहा है. खरीफ 2025 के लिए डीएपी का लक्ष्य 3.10 लाख मीट्रिक टन रखा गया था, जो पिछले वर्ष से 30,000 टन कम था. अब तक केवल 1.01 लाख मीट्रिक टन ही उपलब्ध हो पाया है.

इसी तरह, यूरिया का लक्ष्य 7.12 लाख टन था लेकिन अब तक केवल 3.59 लाख टन की ही आपूर्ति हुई है. कांग्रेस ने आरोप लगाया कि सरकार ने किसानों के विरोध के बीच डीएपी का लक्ष्य धोखाधड़ी से घटाकर सिर्फ 1.03 लाख टन कर दिया.

धान उत्पादन कम करना चाहती है सरकार

कांग्रेस नेताओं ने कहा कि राज्य सरकार जानबूझकर खाद की कमी पैदा कर रही है ताकि धान का उत्पादन कम हो. उन्होंने बताया कि धान बीज की मांग 4,32,159 क्विंटल है, लेकिन सहकारी समितियों में केवल 3,83,169 क्विंटल ही उपलब्ध है.

साथ ही कांग्रेस ने आरोप लगाया कि खाद प्राइवेट दुकानों में तो उपलब्ध है, लेकिन वहां जमकर काला बाजारी हो रही है और किसानों को मनमाने दाम पर खाद बेचा जा रहा है.

सीमांत किसान सबसे ज्यादा परेशान

कांग्रेस ने बताया कि राज्य में 40.10 लाख किसान परिवार हैं, जिनमें से 80 प्रतिशत छोटे और सीमांत किसान हैं. ये किसान सहकारी समितियों से कृषि ऋण लेकर खाद लेते हैं. ऐसे किसान खाद की किल्लत से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं. कांग्रेस ने कहा कि राज्य और केंद्र, दोनों जगह की “डबल इंजन” बीजेपी सरकारें इस संकट के लिए जिम्मेदार हैं.

वैश्विक हालात की वजह से आपूर्ति प्रभावित

राज्य के कृषि मंत्री रामविचार नेताम ने कांग्रेस के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि फॉस्फेटिक खाद मुख्य रूप से आयात पर निर्भर है और वैश्विक स्थिति के कारण इसकी आपूर्ति प्रभावित हो सकती है. उन्होंने बताया कि खाद की कमी को देखते हुए सरकार ने समय रहते वैकल्पिक खाद की व्यवस्था शुरू कर दी थी और किसानों को इसके उपयोग के लिए जागरूक किया जा रहा है.

पर्याप्त खाद और बीज उपलब्ध

खाद और बीज की उपलब्धता पर मंत्री नेताम ने बताया कि:

  • कुल 6.90 लाख टन फॉस्फेटिक खाद की मांग के मुकाबले अब तक 6.40 लाख टन भंडारित किया जा चुका है.
  • किसानों ने 4.25 लाख टन से अधिक खाद उठा लिया है और अभी भी 2.14 लाख टन शेष है.
  • यूरिया की मांग 7.12 लाख टन थी, जिसमें से 6 लाख टन से ज्यादा भंडारित किया गया है.
  • 4.37 लाख टन यूरिया किसानों द्वारा उठाया जा चुका है और 1.62 लाख टन अभी भी उपलब्ध है.

नैनो खाद को भी बढ़ावा

मंत्री ने कहा कि इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर की सिफारिश पर नैनो यूरिया और नैनो डीएपी को भी अपनाया जा रहा है. इसके तहत 1.79 लाख से अधिक बोतलें सहकारी समितियों और निजी केंद्रों पर उपलब्ध हैं, जिन्हें किसान लगातार उठा रहे हैं.

काला बाजारी पर सख्त कार्रवाई

राज्य सरकार ने खाद की काला बाजारी रोकने के लिए जिलों में विशेष अभियान चलाया है. इससे सभी प्रकार की खाद किसानों को निर्धारित दर पर उपलब्ध हो रही है.

सदन में हंगामा और कांग्रेस विधायकों का निलंबन

मंत्री के जवाब के बाद कांग्रेस के स्थगन प्रस्ताव को अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने खारिज कर दिया. इसके विरोध में कांग्रेस विधायक वेल में आ गए. सदन में हंगामे के चलते उन्हें स्वतः निलंबित कर दिया गया, हालांकि बाद में निलंबन वापस ले लिया गया. कृषि संकट को लेकर छत्तीसगढ़ में विपक्ष और सरकार आमने-सामने हैं. जहां कांग्रेस सरकार पर खाद-बीज की आपूर्ति में विफलता का आरोप लगा रही है, वहीं सरकार का दावा है कि वह स्थिति को नियंत्रित करने के लिए हर संभव कदम उठा रही है. आने वाले दिनों में यह मुद्दा और तूल पकड़ सकता है, खासकर किसानों की खरीफ फसल को देखते हुए.

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