
Lucknow News: भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद से जुड़े केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान (ICAR-CISH) रहमानखेड़ा (लखनऊ) ने आम और अमरूद की खास वैरायटी विकसित की हैं. केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान के निदेशक टी. दामोदरन ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 11 अगस्त, 2024 को एनएएससी कॉम्प्लेक्स, नई दिल्ली में आईसीएआर-सीआईएसएच, लखनऊ द्वारा विकसित 3 लोकप्रिय जलवायु अनुकूल और पोषक तत्वों से भरपूर आम की किस्मों और अमरूद की आशाजनक किस्मों को जारी करेंगे.
उन्होंने बताया कि सीआईएसएच एक प्रमुख आईसीएआर संस्थान है जो पिछले पांच दशकों से उपोष्णकटिबंधीय फलों की फसलों के सुधार पर काम कर रहा है. इसने 2 आम और 4 अमरूद की किस्में विकसित की हैं. यह दुनिया में आम का सबसे बड़ा भंडार है. जारी की जाने वाली विभिन्न फसलों की 109 आईसीएआर किस्मों में से सीआईएसएच, लखनऊ की तीन किस्मों को जगह मिली है, जिनमें पोषक तत्वों से भरपूर आम की किस्म सीआईएसएच अरुणिका शामिल है, जो मैंगिफेरिन और ल्यूपोल से असाधारण रूप से समृद्ध है और उच्च घनत्व वाले रोपण के लिए उपयुक्त है.
एक अन्य आम संकर सीआईएसएच.अंबिका, जो नियमित फल देने, उच्च उपज देने और उत्कृष्ट गुणवत्ता वाले आकर्षक फलों के कारण बाजार में अच्छी तरह से स्वीकार किया जाता है और इसके आकर्षक फलों के रंग के कारण निर्यात बाजारों के लिए अच्छी संभावनाएं हैं. प्रधानमंत्री अमरूद की किस्म सीआईएसएच.ललित भी जारी करेंगे जो दोहरे उद्देश्य वाली किस्म है जो खाने और प्रसंस्करण दोनों उद्देश्यों के लिए उपयुक्त है.
टी. दामोदरन ने बताया कि अमरूद की सीआईएसएच नाम से ललित, श्वेता, धवल और लालिमा प्रजातियां विकसित की हैं. इनके फल परंपरागत रूप से प्रचलित प्रजातियों से बड़े होते हैं. स्वाद और मिठास में बेहतर होने के नाते इनका बाजार भाव भी अच्छा मिल जाता है. इनके पौधे संस्थान की पौधशाला में विक्रय के लिए उपलब्ध भी हैं.
संस्थान के निदेशक टी. दामोदरन बताते हैं कि पेय पदार्थ में गुलाबी रंग भंडारण में एक वर्ष से अधिक समय तक स्थिर रहता है. इसकी व्यापक अनुकूलन क्षमता है, जो इसे उपोष्णकटिबंधीय दोनों स्थितियों में सभी अमरूद उगाने वाले क्षेत्रों के लिए उपयुक्त बनाती है. उन्होंने आगे बताया कि तीनों किस्में उत्पादकों के बीच बहुत लोकप्रिय हैं और इन किस्मों की भारी मांग है. संस्थान सीआईएसएच नर्सरी के साथ-साथ पीपीपी मोड में निजी नर्सरियों के माध्यम से इन आम और अमरूद किस्मों की वास्तविक रोपण सामग्री का उत्पादन कर रहा है. इसके औषधीय महत्व के मद्देनजर इसे खूब खाइए और लगाइए भी. बेहतर प्रबंधन के जरिए यह आसानी से बड़े गमले में आपके किचन गार्डेन का हिस्सा बन सकता है.
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