Organic Farming in India: जैविक खेती का कमाल, बचेगी मिट्टी, बढ़ेगा मुनाफा!

Organic Farming in India: जैविक खेती का कमाल, बचेगी मिट्टी, बढ़ेगा मुनाफा!

Organic Farming: जैविक खेती न केवल स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए फायदेमंद है, बल्कि किसानों के लिए भी फायदेमंद साबित हो रही है. अगर आप किसान हैं, तो अब समय आ गया है कि आप इस टिकाऊ खेती पद्धति को अपनाएं और प्राकृतिक संसाधनों को बचाते हुए अधिक मुनाफा कमाएं.

Organic Farming in IndiaOrganic Farming in India
प्राची वत्स
  • Noida,
  • May 26, 2025,
  • Updated May 26, 2025, 4:15 PM IST

Organic Farming: आज के समय में जब रासायनिक खादों और कीटनाशकों के ज़्यादा इस्तेमाल से मिट्टी की गुणवत्ता और स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है, ऐसे में जैविक खेती (Organic Farming) एक बेहतर और टिकाऊ विकल्प बनकर उभरी है. यह खेती का ऐसा तरीका है जिसमें बिना रसायनों के खेती की जाती है और प्रकृति के नियमों के अनुसार फसलें उगाई जाती हैं. इतना ही नहीं बाज़ारों में इसकी मांग और कीमत दोनों बहुत अधिक है.

जैविक खेती क्या है?

जैविक खेती एक प्राकृतिक तरीका है जिसमें खेती के दौरान किसी भी तरह के रासायनिक खाद, कीटनाशक या जीएम बीज का इस्तेमाल नहीं किया जाता. इसमें गोबर की खाद, हरी खाद, वर्मी कंपोस्ट, नीम के कीटनाशक जैसे प्राकृतिक तरीकों से खेती की जाती है.

जैविक खेती के फायदे

जैविक खेती के कई लाभ हैं, जो पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य के लिए लाभदायक हैं. इनमें भूमि की उर्वरता में वृद्धि, पानी की बचत, कम प्रदूषण और बेहतर गुणवत्ता वाली फसलें शामिल हैं.

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मिट्टी की उर्वरता बनी रहती है

जैविक खेती में जैविक खादों का इस्तेमाल होता है जिससे मिट्टी में जीवाणु और केंचुए पनपते हैं. इससे मिट्टी की ताकत और संरचना सुधरती है.

सेहत के लिए फायदेमंद

जैविक फसलों में रासायनिक अवशेष नहीं होते, जिससे ये खाने में सुरक्षित और पौष्टिक होती हैं. इससे कैंसर, एलर्जी और हॉर्मोनल गड़बड़ी जैसी बीमारियों का खतरा कम होता है.

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पानी और कृषि लागत की बचत

जैविक खेती में मिट्टी की जलधारण क्षमता बेहतर होती है जिससे सिंचाई की आवश्यकता कम पड़ती है. रासायनिक खादों और कीटनाशकों पर खर्च नहीं होता, जिससे किसान की लागत घटती है और लाभ बढ़ता है.

पर्यावरण के लिए लाभदायक

जैविक खेती से हवा, पानी और मिट्टी प्रदूषित नहीं होते. यह जलवायु परिवर्तन को भी कम करने में मदद करती है.

जैविक खेती के तरीके

1. जैविक खाद का उपयोग

गोबर की खाद, वर्मी कम्पोस्ट, हरी खाद, नीम की खली आदि का इस्तेमाल.

2. फसल चक्र (Crop Rotation)

एक ही खेत में अलग-अलग प्रकार की फसलें बदल-बदल कर उगाना ताकि मिट्टी की उर्वरता बनी रहे.

3. मिश्रित खेती (Mixed Cropping)

एक साथ दो या दो से अधिक फसलें उगाना जिससे एक फसल दूसरी की रक्षा करे.

4. प्राकृतिक कीट नियंत्रण

नीम का तेल, लहसुन-अदरक का घोल, गौमूत्र से बने जैविक कीटनाशकों का उपयोग.

5. कम्पोस्टिंग और मल्चिंग

खेत में सूखी घास, फसल अवशेष या जैविक कचरे को खाद में बदलना और उसे खेत में डालना.

भारत में जैविक खेती का बाजार

भारत में जैविक उत्पादों की मांग तेजी से बढ़ रही है. शहरों में रहने वाले लोग अब स्वास्थ्य को लेकर जागरूक हो गए हैं और जैविक फल, सब्ज़ी, अनाज खरीदना पसंद करते हैं.

सरकार की पहल और योजनाएं

भारत सरकार भी जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं चला रही है:

  • परम्परागत कृषि विकास योजना (PKVY)
  • राष्ट्रीय जैविक कृषि मिशन (NMSA)
  • ईनाम पोर्टल के माध्यम से बिक्री की सुविधा

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