भारत सरकार देशभर में नैनो उर्वरकों के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए सक्रिय कदम उठा रही है. हालांकि सरकार सीधे तौर पर नैनो-उर्वरक संयंत्रों की स्थापना में शामिल नहीं है, लेकिन उर्वरक कंपनियों ने इस दिशा में गज़ब जी प्रगति की है.
नैनो यूरिया और डीएपी यूनिट की स्थापना
- देश में अब तक उर्वरक कंपनियों द्वारा कुल 7 नैनो यूरिया संयंत्र और 3 नैनो डीएपी संयंत्र स्थापित किए जा चुके हैं.
- इन नैनो यूरिया संयंत्रों की कुल उत्पादन क्षमता 27.22 करोड़ बोतलें (500 मि.ली.) प्रति वर्ष है.
- वहीं, नैनो डीएपी संयंत्रों की उत्पादन क्षमता 7.64 करोड़ बोतलें (500 मि.ली.) प्रति वर्ष है.
- इसके अतिरिक्त, उर्वरक कंपनियों और सार्वजनिक उपक्रमों ने 3 और नए संयंत्रों की स्थापना की जानकारी दी है, जिनकी अनुमानित उत्पादन क्षमता 17 करोड़ बोतलें प्रति वर्ष होगी.
नैनो उर्वरकों की बिक्री और पहुंच
इन संयंत्रों से अब तक देशभर में:
- 10.68 करोड़ बोतलें (500 मि.ली.) नैनो यूरिया और
- 2.75 करोड़ बोतलें (500 मि.ली.) नैनो डीएपी
- बेची जा चुकी हैं. ये बिक्री देश के सभी क्षेत्रों में की गई है, जिनमें आदिवासी क्षेत्र भी शामिल हैं.
नैनो उर्वरकों को बढ़ावा देने के प्रयास
1.राज्यों के साथ समन्वय
भारत सरकार ने राज्यों के साथ कई मंचों पर बैठकों के माध्यम से नैनो उर्वरकों के उपयोग पर चर्चा की है. खरीफ 2024 सीज़न के लिए हुए सम्मेलन में राज्यों से कहा गया कि वे अपने कृषि विभागों के ज़रिए इन उर्वरकों को बढ़ावा दें.
2.प्रदर्शन और परीक्षण
रबी 2024-25 सीज़न के लिए भी नैनो यूरिया और डीएपी की आवश्यकताओं का आकलन किया गया है. सभी राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों और ICAR संस्थानों को सुझाव दिया गया कि वे फील्ड डेमोंस्ट्रेशन के लिए नैनो उर्वरकों को शामिल करें.
3.जागरूकता और प्रशिक्षण
किसानों में जागरूकता बढ़ाने के लिए:
- जागरूकता शिविर,
- वेबिनार,
- क्षेत्रीय भाषाओं में फिल्में,
- फील्ड डेमोंस्ट्रेशन और
- किसान सम्मेलन जैसे कई कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं.
4.वितरण नेटवर्क का विस्तार
नैनो यूरिया और डीएपी को प्रधानमंत्री किसान समृद्धि केंद्रों (PMKSK) पर उपलब्ध कराया जा रहा है ताकि किसानों को आसानी से यह उत्पाद मिल सके.
- तकनीक आधारित छिड़काव सुविधाएं
- नैनो उर्वरकों के पत्तियों पर छिड़काव के माध्यम से बेहतर प्रभाव के लिए:
- किसान ड्रोन,
- बैटरी चालित स्प्रेयर,
- ग्राम स्तरीय उद्यमियों द्वारा प्रशिक्षण और सेवा जैसी नई तकनीकों का उपयोग किया जा रहा है.
राष्ट्रीय अभियान और महा अभियान
- ICAR द्वारा “नैनो उर्वरकों का कुशल उपयोग” विषय पर राष्ट्रीय अभियान चलाया गया.
- उर्वरक विभाग (DOF) ने देश के 15 कृषि-जलवायु क्षेत्रों में परामर्श और फील्ड डेमोंस्ट्रेशन शुरू किए हैं.
- साथ ही, 100 जिलों में नैनो यूरिया प्लस के प्रचार के लिए विशेष अभियान भी चल रहा है.
नैनो उर्वरक भारत में कृषि के लिए एक क्रांतिकारी बदलाव साबित हो रहे हैं. ये न केवल पर्यावरण के लिए सुरक्षित हैं, बल्कि किसानों को कम लागत में अधिक उपज देने में भी मदद कर रहे हैं. सरकार और उर्वरक कंपनियों के मिलकर किए जा रहे प्रयासों से यह उम्मीद की जा रही है कि भविष्य में ये उर्वरक परंपरागत उर्वरकों का मजबूत विकल्प बनेंगे.