सरसों रबी की एक प्रमुख तिलहन फसल है. इस फसल का भारत की अर्थव्यवस्था में एक महत्वपूर्ण स्थान है. वहीं, सरसों की खेती किसानों के लिए काफी लोकप्रिय खेती है. इस फसल की खेती कम सिंचाई और कम लागत में आसानी से हो जाती है. साथ ही सरसों के तेल की डिमांड बाजारों में हमेशा बनी रहती है, क्योंकि सरसों के तेल के कई फायदे होते हैं. ऐसे में अगर आप भी इस रबी सीजन सरसों की खेती करने के लिए ऐसी ही किसी उन्नत किस्म की तलाश कर रहे हैं तो आप आरएच 725 किस्म का बीज नीचे दी गई जानकारी की सहायता से ऑनलाइन अपने घर पर मंगवा सकते हैं.
किसान पारंपरिक फसलों को छोड़कर तिलहन फसलों की खेती बड़े पैमाने पर करने लगे हैं. इससे किसानों की बंपर कमाई भी हो रही है. इसलिए किसान बड़े स्तर पर सरसों की खेती कर रहे हैं. ऐसे में किसानों की सुविधा के लिए राष्ट्रीय बीज निगम ऑनलाइन सरसों की आरएच 725 किस्म का बीज बेच रहा है. इस बीज को आप एनएससी के ऑनलाइन स्टोर से ऑनलाइन ऑर्डर करके अपने घर भी मंगवा सकते हैं.
RH 725 सरसों की एक खास किस्म है. ये सरसों की एक अगेती किस्म है. ये किस्म 136 से 143 दिनों में पक कर तैयार हो जाती है. इसकी फलियां लंबी होती हैं और फलियों में दानों की संख्या 17 से 18 तक होती है. दानों का आकार मोटा होता है. इसके अतिरिक्त इसकी फलियों वाली शाखाएं लंबी होती हैं और उनमें फुटाव भी ज्यादा होती है.
अगर आप भी सरसों की उन्नत किस्म की खेती करना चाहते हैं तो RH 725 किस्म के दो किलो के पैकेट का बीज फिलहाल 14 फीसदी छूट के साथ मात्र 300 रुपये में राष्ट्रीय बीज निगम की वेबसाइट पर मिल जाएगा. इसे खरीद कर आप आसानी से सरसों की खेती कर बेहतर मुनाफा कमा सकते हैं.
सरसों की खेती के लिए मध्य सितंबर से मध्य अक्टूबर तक का समय बेस्ट होता है. वहीं, बुवाई करने से पहले खेत में अच्छी तरह जुताई करें और मिट्टी को भुरभुरा बनाएं ताकि जल निकास अच्छा हो सके. बता दें कि सरसों की बुवाई पंक्तियों में करनी चाहिए. पंक्ति से पंक्ति की दूरी 30-45 सेंटीमीटर और पौधे से पौधे की दूरी 10-15 सेंटीमीटर रखनी चाहिए.