अमेरिका से उर्वरक आयात बढ़ाने के तरीके तलाश रहा भारत, चीन पर निर्भरता कम करना मकसद 

अमेरिका से उर्वरक आयात बढ़ाने के तरीके तलाश रहा भारत, चीन पर निर्भरता कम करना मकसद 

भारत,  रूस, सऊदी अरब, ओमान, चीन, मोरक्को और अमेरिका से सबसे ज्‍यादा उर्वरक का आयात करता है और ये टॉप फाइव निर्यातक देश बने हुए हैं. पिछले वित्‍तीय वर्ष में रूस से उर्वरक के आयात में 11.18 प्रतिशत की गिरावट हुई और यह 1.84 अरब डॉलर पर आ गया. जबकि 2023-24 में यह आंकड़ा 2.07 अरब डॉलर का था.

अमेरिका अभी उर्वरक आयात वाले टॉप 5 देशों में शामिल है (प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर)अमेरिका अभी उर्वरक आयात वाले टॉप 5 देशों में शामिल है (प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर)
क‍िसान तक
  • Noida,
  • May 03, 2025,
  • Updated May 03, 2025, 3:55 PM IST

भारत चीन जैसे देशों पर अपनी निर्भरता कम करने के साथ ही साथ व्यापार असंतुलन को कम करने के लिए अमेरिका से उर्वरक आयात बढ़ाने के तरीकों की तलाश कर रहा है. एक सीनियर अधिकारी की तरफ से इस बारे में जानकारी दी है. साल 2024-25 में भारत का उर्वरक आयात 7.16 प्रतिशत घटकर 8.29 अरब डॉलर रह गया है. जबकि 2023-24 में यह 8.92 अरब डॉलर और 2022-23 में 15.32 अरब डॉलर था. 

अभी रूस से आयात टॉप पर 

अधिकारियों की तरफ से बताया गया है कि भारत,  रूस, सऊदी अरब, ओमान, चीन, मोरक्को और अमेरिका से सबसे ज्‍यादा उर्वरक का आयात करता है और ये टॉप फाइव निर्यातक देश बने हुए हैं. पिछले वित्‍तीय वर्ष में रूस से उर्वरक के आयात में 11.18 प्रतिशत की गिरावट हुई और यह 1.84 अरब डॉलर पर आ गया. जबकि 2023-24 में यह आंकड़ा 2.07 अरब डॉलर का था.

चीन से भी आयात में गिरावट हुई है और यह 2024-25 में 0.88 अरब डॉलर पर आ गया है. जबकि 2023-24 तक यह आयात 2.25 अरब डॉलर का था यानी इसमें 61.13 प्रतिशत की गिरावट आई है. अमेरिका से भी आयात 27 प्रतिशत घटकर 2024-25 में 0.029 अरब डॉलर रह गया है. जबकि साल 2023-24 में यह 0.039 अरब डॉलर था. 

अमेरिका ने भारत के साथ बढ़ते व्यापार घाटे यानी आयात और निर्यात के बीच अंतर पर चिंता जताई है. पिछले वित्‍तीय वर्ष में अमेरिका को भारत का निर्यात 11.6 प्रतिशत बढ़कर 86.51 अरब डॉलर हो गया है. जबकि 2023-24 में यह 77.52 अरब डॉलर था. साल 2024-25 में आयात 7.44 प्रतिशत बढ़कर 45.33 अरब डॉलर हो गया. जबकि 2023-24 में यह 42.2 बिलियन अरब डॉलर था. 

दोनों देशों के बीच ट्रेड वार्ता 

पिछले वित्त वर्ष में अमेरिका के साथ ट्रेड सरप्‍लस यानी व्‍यापार अधिशेष 41.18 अरब डॉलर तक पहुंच गया है. जबकि 2023-24 में 35.32 अरब डॉलर था. भारत और अमेरिका साल 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को 500 अरब डॉलर तक बढ़ाने के मकसद से एक द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर बातचीत कर रहे हैं. इस बढ़ते सरप्‍लस की वजह से अमेरिका ने दो अप्रैल को भारत समेत कई देशों के खिलाफ बड़े टैरिफ का ऐलान किया था. हालांकि भारत पर टैरिफ को नौ जुलाई तक के लिए सस्‍पेंड कर दिया गया है. फिलहाल दोनों देश व्यापार समझौते पर बातचीत कर रहे हैं. 

किस देश से कितना आयात 

वहीं, 2024-25 में सऊदी अरब, ओमान और मोरक्को से आने वाले शिपमेंट में क्रमश: 32.4 प्रतिशत, 54.93 प्रतिशत और 32.91 प्रतिशत की वृद्धि हुई. यह 1.48 अरब डॉलर, 1.07 अरब डॉलर और 0.81 अरब डॉलर हो गया. जबकि 2023-24 में सऊदी अरब, ओमान और मोरक्को से आयात 1.12 अरब डॉलर, 0.69 अरब डॉलर और 0.61 अरब डॉलर था. यह बात गौर करने वाली है कि भारत अपने बड़े कृषि क्षेत्र के लिए उर्वरकों का एक प्रमुख आयातक है. यह वह क्षेत्र है जो देश की बड़ी आबादी को रोजगार मुहैया कराता है.

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