Urea Shortage: तेलंगाना में यूरिया के लिए हाहाकार, स्टॉक होते हुए भी तरस रहे किसान! 

Urea Shortage: तेलंगाना में यूरिया के लिए हाहाकार, स्टॉक होते हुए भी तरस रहे किसान! 

Urea Shortage: तेलंगाना दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के फिर से सक्रिय होने के साथ ही खरीफ की बुआई में तेजी आई है, लेकिन यूरिया की भारी कमी के कारण किसानों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. अच्छी बारिश और रकबे में बढ़ोतरी के बावजूद, किसान उर्वरक संकट से जूझ रहे हैं जिससे फसल उत्पादकता प्रभावित होने का खतरा है.

Controversy arose over the shortage of urea and fertilizerControversy arose over the shortage of urea and fertilizer
क‍िसान तक
  • New Delhi,
  • Aug 04, 2025,
  • Updated Aug 04, 2025, 6:45 AM IST

तेलंगाना के एक इलाके से यूरिया न मिलने पर तनाव भड़कने की खबरें हैं. बताया जा रहा है कि गन्नेरुवरम मंडल स्थित ग्रोमोर उर्वरक की एक दुकान पर शनिवार को उस समय तनाव का माहौल हो गया जब किसानों ने विरोध प्रदर्शन किया. उनका आरोप था कि पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध होने के बावजूद उन्‍हें यूरिया नहीं दिया जा रहा है. किसानों ने दावा किया है कि एक हफ्ते पहले दुकान पर 650 बैग यूरिया पहुंचाया गया था लेकिन एक भी बैग बांटा नहीं गया. 

अधिकारी थोप रहे गलत शर्तें 

किसानों ने अधिकारियों पर यूरिया हासिल करने के लिए अनुचित शर्तें थोपने का आरोप भी लगाया. इन शर्तों के तहत लिक्विड उर्वरकों की अनिवार्य खरीद भी शामिल है. किसानों ने बताया कि बार-बार आने के बावजूद उन्हें खाद नहीं मिल पा रही है. उनका आरोप है कि यूरिया सरकारी माध्यमों से वितरित करने के बजाय कालाबाजारी में जा रहा है.  प्रदर्शन उस समय गरमा गया जब किसानों ने कृषि अधिकारी किरणमई से बहस की और खाद के तत्काल और निष्पक्ष वितरण की मांग की. 

यूरिया की कमी से परेशान किसान 

तेलंगाना दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के फिर से सक्रिय होने के साथ ही खरीफ की बुआई में तेजी आई है, लेकिन यूरिया की भारी कमी के कारण किसानों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. अच्छी बारिश और रकबे में बढ़ोतरी के बावजूद, किसान उर्वरक संकट से जूझ रहे हैं जिससे फसल उत्पादकता प्रभावित होने का खतरा है. कृषि विभाग के अनुसार, 16 जुलाई तक 61,10,170 एकड़ में फसलें बोई जा चुकी थीं, जो पिछले साल इसी तारीख को दर्ज 61,63,098 एकड़ से थोड़ा कम है. साथ ही यह सामान्य खरीफ लक्ष्य 66,41,809 एकड़ से भी कम है. 16 जुलाई से पहले रकबे में 10 प्रतिशत से ज्‍यादा की बढ़ोतरी देखी गई, जिसका मुख्य कारण बारिश में सुधार था. 

आ सकती है उपज में गिरावट 

राज्‍य में कपास 40 लाख एकड़ से ज्यादा क्षेत्रफल में बोई जाने वाली प्रमुख फसल बनी हुई है. इसके बाद 10 लाख एकड़ में धान की खेती होती है. बारिश की कमी के बाद अब नाइट्रोजन बेस्‍ड  उर्वरक, यूरिया, की भारी कमी अभी भी बनी हुई है. सप्‍लाई में रुकावट बढ़ती मांग और उत्पादन में अंतराल के कारण नलगोंडा, खम्मम, वारंगल, आदिलाबाद और कामारेड्डी सहित कई जिलों के वितरण केंद्रों से निराश करने वाले दृश्य सामने आ रहे हैं. जुलाई में अब तक सिर्फ 29,000 टन यूरिया ही मिला हुआ है. जबकि राज्य ने 63,000 टन घरेलू और 97,000 टन आयातित यूरिया की मांग की थी. कृषि विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि उर्वरक आपूर्ति में देरी से तेलंगाना की 53.51 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि में उपज में 10-15 प्रतिशत की गिरावट आ सकती है. 

सीएम ने की थी नड्डा से मीटिंग 

मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी ने 8 जुलाई को केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री जे.पी. नड्डा से मुलाकात की थी और अप्रैल-जून के लिए 1.94 लाख मीट्रिक टन की कमी का हवाला देते हुए तेलंगाना का अटका हुआ कोटा तुरंत रिलीज करने की मांग की थी. उन्होंने गैर-कृषि उद्देश्यों के लिए स्टॉक के इस्तेमाल पर कार्रवाई की चेतावनी भी दी थी. साथ ही किसानों के लिए अनियमितताओं की सूचना देने हेतु टोल-फ्री नंबरों का ऐलान किया था. नड्डा ने उन्‍हें पूरी मदद का भरोसा दिलाया था. साथ ही कहा था कि जुलाई और अगस्त में यूरिया की कोई कमी नहीं होने दी जाएगी. हालांकि जमीनी स्थिति में कोई भी बदलाव नहीं हुआ है. कई किसान निजी स्रोतों से बढ़ी हुई दरों पर खरीदने को मजबूर हैं. 


यह भी पढ़ें- 

MORE NEWS

Read more!