देश में आलू की खेती पूरे साल होती है. मौसम के हिसाब से अलग-अलग क्षेत्र में आलू की अलग-अलग किस्में विकसित की गई है, लेकिन फाल्गुन में होने वाली होली में आलू की बेहद ही मांग रहती है. होली में आलू के चिप्स सबको बेहद ही पसंद हैं. होली की शुरुआत हो गई है. ऐसे में होली में तैयार होने वाले चिप्स बनाने का कई लोग इंतजार कर रहे होंगे. आइए जानते हैं कि चिप्स बनाने के लिए प्रयोग होने वाले आलू के चिप्सोना किस्म की कहानी. जानते हैं कि इस आलू की चिप्साेना किस्म को किसने तैयार किया है. साथ ही जानते हैं कि चिप्सोना आलू अन्य आलू की तुलना में अलग कैसे है.
केंद्रीय आलू अनुसंधान संस्थान शिमला (सीपीआरआई) के द्वारा आलू की चिप्सोना किस्म को विकसित किया गया था. यह आलू चिप्स बनाने वाली कंपनियां की जरूरतों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया था. इसी वजह से इसका नाम चिप्सोना रखा गया. चिप्स कंपनियां आलू की चिप्सोना किस्म के आलू का सबसे ज्यादा प्रयोग करती है. चिप्सोना आलू दूसरे किस्म के आलू के मुकाबले ज्यादा कड़ा होता है. वही इस आलू की सेल्फ लाइफ भी अच्छी होती है. सब्जी बनाने के लिए तो आलू की हर किस्म उपयोगी है, लेकिन चिप्स के लिए अच्छे क्वालिटी का आलू होना अनिवार्य माना गया है. उत्तर प्रदेश के आगरा मंडल और कानपुर मंडल में किसानों के द्वारा बड़े पैमाने पर चिप्सोना आलू की खेती की जा रही है. इस आलू की पैदावार अच्छी है तो वही किसानों को सामान्य आलू के मुकाबले चिप्सोना की खेती करने से मुनाफा भी ज्यादा हो रहा है.
उत्तर प्रदेश में किसानों को चिप्सोना आलू की खेती करने के लिए उद्यान विभाग के द्वारा लगातार प्रोत्साहित किया जा रहा है. उद्यान विभाग के उपनिदेशक विजय बहादुर द्विवेदी ने बताया कि इस आलू को चिप्स बनाने के लिए ही विकसित किया गया था. इसी वजह से चिप्स कंपनियां इसी आलू को खरीदना पसंद करती हैं. इस आलू की खेती करने वाले किसानों को अच्छा फायदा हो रहा है. वहीं इस आलू में शुगर कंटेंट दूसरे आलू के मुकाबले 2 फीसदी कम होता है, जिसकी वजह से वैल्यू एडिट वैरायटी में इसका सबसे ज्यादा प्रयोग होता है. चिप्सोना वेरायटी के आलू का उपयोग शहरों में फिंगर फ्राई के लिए भी बड़े पैमाने पर किया जा रहा है.
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चिप्सोना किस्म के आलू का उत्पादन सामान्य आलू की तरह ही है. एक हेक्टेयर में 30 टन तक चिप्सोना आलू की पैदावार होती है. वहीं इस किस्म के आलू का रेट दूसरे आलू के मुकाबले ढाई सौ से ₹300 प्रति क्विंटल महंगा होता है. वही खेती में भी किसान को चिप्सोना की खेती करने में ज्यादा खर्च करना पड़ता है. प्रति बीघा 15 से ₹20000 तक चिप्सोना आलू की खेती में किसानों का खर्च होता है. पूरे साल मांग अधिक रहने के चलते यह आलू किसानों को अच्छा मुनाफा भी दिला रहा है.