धार्मिक संगठनों की नाराजगी के बाद बैकफुट पर सरकार, 11 पशु-आधारित बायोस्टिमुलेंट की मंजूरी वापस ली

धार्मिक संगठनों की नाराजगी के बाद बैकफुट पर सरकार, 11 पशु-आधारित बायोस्टिमुलेंट की मंजूरी वापस ली

कृषि मंत्रालय ने 11 पशु-आधारित बायोस्टिमुलेंट्स की मंजूरी वापस ले ली. हिन्दू-जैन समुदायों की धार्मिक और नैतिक चिंताओं के चलते यह फैसला लिया. जानिए आईसीएआर के महानिदेशक एमएल जाट ने क्‍या कहा...

ICAR DG Dr ML JaatICAR DG Dr ML Jaat
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Oct 04, 2025,
  • Updated Oct 04, 2025, 4:46 PM IST

कृषि मंत्रालय ने शुक्रवार को 11 ऐसे बायोस्टिमुलेंट्स की मंजूरी वापस ले ली है, जो पशु स्रोतों से बनाए जाते हैं. यह कदम हिन्दू और जैन समुदायों द्वारा उठाए गए नैतिक और धार्मिक सवालों के मद्देनजर लिया गया है. पशु-आधारित प्रोटीन हाइड्रोलाइजेट से तैयार किए जाने वाले ये उत्पाद, पहले धान, मिर्च, टमाटर, कपास, खीरा, सोयाबीन, अंगूर और हरी मूंग जैसी फसलों में इस्तेमाल के लिए मंजूर थे. भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) ने इस साल की शुरुआत में इन्हें तकनीकी आधार पर मंजूरी दी थी.

ICAR के डीजी ने कही ये बात

ICAR के महानिदेशक एम.एल. जाट ने पीटीआई से कहा, "ये 11 बायोस्टिमुलेंट पहले मंजूर थे और बाजार में बिक रहे थे. अब इन्हें नैतिक, धार्मिक और आहार संबंधी चिंताओं के चलते रोक दिया गया है." उन्होंने यह भी बताया कि ये उत्पाद तब तक निलंबित रहेंगे, जब तक कि इनके पत्तियों पर छिड़काव (फोलियार स्प्रे) के दौरान प्री-हार्वेस्ट इंटरवल डेटा उपलब्ध नहीं हो जाता. जाट ने कहा, "पहले केवल उच्च पैदावार की तकनीकी मंजूरी के आधार पर ही ये उत्पाद मंजूर किए गए थे."

FCO के तहत कंट्रोल होते हैं बायोस्टिमुलेंट

बायोस्टिमुलेंट्स को भारत में फर्टिलाइजर कंट्रोल ऑर्डर (FCO), 1985 के तहत नियंत्रित किया जाता है, जिसे 2025 तक कई बार संशोधित किया गया है. इन संशोधनों के अनुसार, निर्माता और आयातक अब बायोस्टिमुलेंट्स का पंजीकरण कराना, वैज्ञानिक प्रभावकारिता और सुरक्षा डेटा जमा करना और मल्‍टी-डोज फील्ड ट्रायल, विषाक्तता और रासायनिक विश्लेषण सहित सभी परीक्षण प्रोटोकॉल का पालन करना अनिवार्य है. FCO के शेड्यूल VI में केवल वही उत्पाद कानूनी तौर पर निर्मित, आयात या मार्केटिंग किए जा सकते हैं, जो मंजूर हों. 2025 के मध्य तक अस्थायी पंजीकरण समाप्त कर दिया गया, जिससे स्थायी पंजीकरण का पालन अब अनिवार्य हो गया है.

क्‍या है पशु-आधारित प्रोटीन हाइड्रोलाइजेट?

पशु-आधारित प्रोटीन हाइड्रोलाइजेट, पशु स्रोतों (जैसे मांस, हड्डी, खाल, या मछली) से प्राप्त प्रोटीन का ऐसा रूप है जिसे हाइड्रोलाइसिस प्रक्रिया से छोटे पेप्टाइड्स और अमीनो एसिड में तोड़ा गया हो. हाइड्रोलाइसिस में प्रोटीन को एंजाइम या एसिड-आधारित प्रक्रिया से तोड़ा जाता है, ताकि यह पौधों के लिए आसानी से अवशोषण लायक हो जाए.

धार्मिक संगठनों ने आरोप लगाया था कि सरकार ने स्लॉटर हाउस लॉबी को फायदा पहुंचाने के लिए लिया. जिससे स्लॉटर हाउस और मीट उद्योगों के वेस्‍ट- हड्डियां, खून, चमड़ा और आंतरिक अवशेष आदि से बनी खाद और बायोस्टिमुलेंट बनेंगे, जबक‍ि पहले से शाकाहार आधारित विकल्‍प मौजूद हैं.

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