राजस्थान के कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा पिछले कई दिनों से नकली खाद और बीज बेचने वालों पर सख्त कार्रवाई करते हुए नजर आ रहे हैं. अब उनके इस एक्शन ने राज्य के उन लोगों को नाराज कर दिया है. उन्होंने इस फैसले को मंत्री की मनमानी कार्रवाई बताया है और साथ ही हड़ताल का ऐलान कर दिया है. कृषि मंत्री मीणा ने अजमेर, ब्यावर, उदयपुर और गंगानगर में कई फैक्ट्रियों पर छापे मारे और उनकी इस कार्रवाई से ही डीलर्स खासे नाराज बताए जा रहे हैं. राज्य में जल्द ही खरीफ बुवाई का सीजन शुरू होने को है और ऐसे में यह घटनाक्रम उनके सामने नई मुसीबत पैदा कर सकता है.
राजस्थान एग्रीकल्चरल इनपुट डीलर्स एसोसिएशन ने कृषि मंत्री मीणा की तरफ से हुई हालिया कार्रवाई का विरोध किया है. डीलर्स एसोसिएशन ने कृषि मंत्री पर मनमानी का आरोप लगाया है. साथ ही उन्होंने अनिश्चितकालीन हड़ताल का ऐलान कर दिया है. डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष पुरुषोत्तम अग्रवाल का कहना है कि मंगलवार तीन जून को गंगानगर में जो कार्रवाई की गई, वह किसी भी प्रकार से उचित नहीं ठहराई जा सकती है. उनका कहना था कि बीज उत्पादकों पर मनमाने तरीके से कार्रवाई की जा रही है.
उनका कहना था कि अचानक फैक्ट्रियों और दुकानों में घुसकर बीज को नकली बताना आतंकित करने वाली घटना है. यह किसी भी तरीके से सही नहीं है. पुरुषोत्तम अग्रवाल ने कहा कि पहले जांच की जानी चाहिए. अगर जांच में कोई गड़बड़ी पाई जाती है तब कार्रवाई की जानी चाहिए. उन्होंने बताया कि कृषि मंत्री और विभाग के अधिकारियों की मनमानी के खिलाफ खाद और बीज विक्रेताओं ने अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का ऐलान कर दिया है.
इन सबसे बेखबर किरोड़ी लाल मीणा ने बुधवार को भी राजधानी जयपुर के महादेव नगर ( डेहरा जाटावाली रीको क्षेत्र) चोमू में कुछ कंपनियों पर छापे मारे. उन्होंने बताया कि एग्रो केमिकल और कीटनाशक बनाने वाली आधा दर्जन कंपनियों के निरीक्षण के दौरान बड़े स्तर पर कई गड़बड़ियां व अनियमितताएं सामने आईं. इन कंपनियों में जानी-मानी प्रतिष्ठित कंपनियों की पैकिंग में नकली पेस्टिसाइड, अमानक और गुणवत्ताहीन प्रॉडक्ट मिले हैं. इनके निर्माण और बिक्री पर तुरंत बैन लगा दिया गया है. इसके साथ ही किशोरी लाल मीणा ने भारत सरकार के पेस्टिसाइड रूल 1968 के तहत सख्त कानूनी कार्रवाई करने की मांग कर डाली है.
मीणा ने एक्स पर लिखा कि कार्रवाई के निर्देश दिए और तुरंत प्रभाव से इन उत्पादों की बिक्री पर रोक लगाते हुए सीजर की कार्रवाई की गई. इस दौरान कंपनियों को कृषि विभाग की तरफ से प्रॉडक्ट्स के भंडार हेतु मंजूर किए गए गोदामो के अलावा अनाधिकृत गोदामो में पेस्टीसाइड का गलत भंडारण करते हुए पाया गया. मीणा ने बुधवार को कहा है कि किसानों को अमानक बीजों से बचाव के लिए जागरूक होना बेहद जरूरी है. इसके लिए पंचायत स्तर, किसान मेलों, कृषि विभाग के जागरूकता कार्यक्रमों में भाग लेना चाहिए. साथ ही स्थानीय कृषि विज्ञान केन्द्र या कृषि अधिकारी से जानकारी लेकर ही बीज का चुनाव करें.
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