Counterfeit Seeds: राजस्थान के कृषि मंत्री डॉक्टर किरोड़ी लाल मीणा इन दिनों राज्य भर में नकली खाद के खिलाफ मुस्तैदी से एक अभियान की अगुवाई कर रहे हैं. वहीं खाद के अलावा राज्य में नकली बीजों को लेकर भी काफी सतर्कता बरती जा रही है. राज्य के किसानों को अप्रमाणिक और खराब क्वालिटी की खाद-बीज से सुरक्षित रखने के संकल्प के साथ कृषि मंत्री ने श्रीगंगानगर में बीज उत्पादक फैक्ट्रियों का अचानक निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान कई तरह की गंभीर अनियमितताएं सामने आईं. ये न सिर्फ पहले तय किए गए मानकों का उल्लंघन कर रही थीं बल्कि किसानों को नकली खाद सप्लाई करके उन्हें धोखा भी दे रही थीं.
जांच में सामने आया कि मूंग, चना और ग्वार जैसी फसलों के बीजों की पैकिंग तीन जून को की जा रही थी जबकि उन पर 20 अप्रैल 2025 की तारीख दर्ज थी. बीजों का ट्रीटमेंट करने के नाम पर उन्हें सिर्फ रंग-रोगन करके नया स्वरूप दिया जा रहा था जिससे उनकी अंकुरण क्षमता प्रभावित हो रही थी. ज्यादातर यूनिट्स में बीज टेस्टिंग के लिए जरूरी लैब तक नहीं थी. किसानों से खरीदे गए बीजों की टैगिंग भी नहीं की गई जिससे गुणवत्ता और वैरायटी में मिलावट की आशंका को जोर मिला.
कुछ फैक्ट्रियों में विभाग की मंजूरी के बिना कई वैरायटीज जैसे ज्वार का बीज तैयार किया जा रहा था. पुराने बिके नहीं बीजों को नई तारीख के साथ फिर से बाजार में लाने की तैयारी भी उजागर हुई.चमकीली पॉलीथिन का प्रयोग कर बीजों की वास्तविक स्थिति को छिपाने की कोशिश की जा रही थी. कई मामलों में ऐसे बीज भी मिले जिनके उत्पादन और मार्केटिंग के लिए विभाग की मंजूरी ही नहीं ली गई थी. निरीक्षण के दौरान सर्टिफाइड कंपनियों के खाली पैकेट्स भी मिले. इससे इशारा मिलता है कि किसानों को भ्रमित करने के लिए नकली बीजों को ब्रांडेड नामों से बेचा जा रहा था.
कृषि विभाग का मानना है कि यह पूरी घटना किसानों के साथ गंभीर धोखाधड़ी और घोर लापरवाही का प्रतीक है. इकट्ठा सैंपल टेस्टिंग के लिए जयपुर भेजे गए हैं और दोषियों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी. कृषि मंत्री डॉक्टर किरोड़ी लाल मीणा की मानें तो सरकार का संकल्प राज्य के हर किसान को सिर्फ प्रमाणिक, क्वालिटी वाले और वैरीफाइड कृषि उत्पाद ही मुहैया कराना है. उनका कहना है कि किसानों के हितों की रक्षा के लिए सरकार हमेशा से प्रतिबद्ध रही है और रहेगी.
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