Soil Health: भारत में खराब होती जमीन की सेहत सुधारेगी ब्रिट‍िश कंपनी, पूसा और इफको करेंगे सहयोग 

Soil Health: भारत में खराब होती जमीन की सेहत सुधारेगी ब्रिट‍िश कंपनी, पूसा और इफको करेंगे सहयोग 

Micronutrients Deficiency in India: नाइट्रोजन और फास्फेटिक उर्वरकों के अंधाधुंध इस्तेमाल से खराब हो रही है जमीन की उर्वरा शक्त‍ि, फसलों की गुणवत्ता और उत्पादकता पर पड़ रहा है बुरा असर. एंग्लो अमेरिकन कंपनी अपने 'पॉली-4' नामक प्रोडक्ट के जर‍िए एक साथ पूरा करेगी जमीन में चार पोषक तत्वों की कमी.

British company Anglo American Conference  British company Anglo American Conference
ओम प्रकाश
  • New Delhi ,
  • Dec 11, 2023,
  • Updated Dec 11, 2023, 8:18 PM IST

नाइट्रोजन और फास्फेटिक उर्वरकों के अंधाधुंध इस्तेमाल की वजह से भारत की खेती में सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी होने लगी है. नतीजा यह है क‍ि अधिकांश क्षेत्रों के उत्पादन में या तो ठहराव आ गया है या फ‍िर इनकी कमी से पौधों में कई तरह के रोग लग रहे हैं. सल्फर, जिंक, बोरान, आयरन, कॉपर, मैग्नीशियम और मैग्नीज जैसे पोषक तत्वों की कमी से जमीन बीमार हो गई है.  पौधों को कुल 17 पोषक तत्वों की जरूरत होती है. अगर इनकी कमी होती है तो फसलों में कई तरह के रोग लग जाते हैं. इन पोषक तत्वों की कमी पूरा करने के ल‍िए सरकार भी कोश‍िश कर रही है और न‍िजी कंपन‍ियां भी. कई न‍िजी कंपन‍ियां अलग-अलग पोषक तत्वों को बेच रही हैं. खेती की इस कमी को पूरा करने के ल‍िए एंग्लो अमेरिकन नामक इंग्लैंड की एक कंपनी ने 'पॉली-4' नामके एक प्रोडक्ट की भारत में शुरुआत की है, ज‍िसके इस्तेमाल से एक साथ चार पोषक तत्वों की कमी को पूरा करने का दावा क‍िया जा रहा है.

दावा है क‍ि यह प्रोडक्ट पूरी तर‍ह से ऑर्गेन‍िक है और इसके इस्तेमाल से म‍िट्टी में पोटैश‍ियम, सल्फर, मैग्नीशियम और कैल्श‍ियम चार तत्वों की कमी एक साथ पूरी होगी. इस कंपनी ने भारत में खराब हुई खेतों की म‍िट्टी की सेहत को ठीक करने के ल‍िए भारतीय कृष‍ि अनुसंधान, पूसा और इफको के साथ हाथ म‍िलाया है. इफको इसकी मार्केट‍िंग करेगी. इसे क‍िसानों तक पहुंचाने को लेकर ब्रिट‍िश कंपनी ने सोमवार को नास कॉम्प्लेक्स में पूसा के सहयोग से एक सम्मेलन आयोज‍ित क‍िया. ज‍िसमें कई जाने-माने कृष‍ि वैज्ञान‍िक मौजूद रहे. कृष‍ि वैज्ञान‍िकों ने कहा क‍ि म‍िट्टी की जांच में यद‍ि सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी द‍िख रही है तो उसे नजरंदाज न करें बल्क‍ि उसकी पूर्त‍ि करें.

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क‍िन पोषक तत्वों की भारी कमी

दरअसल, इस समय भारत के खेतों में 39 फीसदी ज‍िंक, 23 फीसदी बोरॉन और 42 फीसदी सल्फर की कमी है. ऐसे में पोषक तत्वों का मैनेजमेंट बहुत जरूरी है. इसील‍िए सरकार ने सल्फर कोटेड यूर‍िया की शुरुआत कर दी है. ज‍िंक और बोरोन कोटेड यूर‍िया भी लाने की तैयारी है. ताक‍ि इन दोनों तत्वों की भी जमीन में पूर्त‍ि की जा सके. इस बीच पोषक तत्वों की कमी को पूरा करने के ल‍िए न‍िजी कंपन‍ियां भी बाजार में आ रही हैं. ज‍िस तरह से सूक्ष्म पोषक तत्वों की उपेक्षा की गई है और अब उसके साइड इफेक्ट द‍िखाई देने लगे हैं उसे देखते हुए एक नया और बड़ा बाजार द‍िखाई पड़ रहा है. बस इस बारे में क‍िसानों को जागरूक करने की जरूरत है.

इंग्लैंड की खनन कंपनी एंग्लो अमेरिकन ने शुरू क‍िया सूक्ष्म पोषक तत्वों का कारोबार.

इंडस्ट्री और र‍िसर्च को साथ काम करने की जरूरत

इस मौके पर भारतीय कृष‍ि अनुसंधान संस्थान के न‍िदेशक डॉ. एके स‍िंह ने कहा क‍ि आज कृष‍ि क्षेत्र में जो चुनौत‍ियां हैं उसका समाधान इंडस्ट्री और र‍िसर्च संस्थानों को म‍िलकर करने की जरूरत है. म‍िट्टी की सेहत, फसलों की उत्पादकता और मानव स्वास्थ्य से जुड़े जो मुद्दे हैं उनका समाधान करना होगा. इफको के एमडी डॉ. यूएस अवस्थी ने नए युग के कृषि समाधानों के बारे में बात की. उन्होंने उर्वरकों में नैनो टेक्नोलॉजी के बारे में अपने विचार साझा किए. इस मौके पर उत्तर प्रदेश कृषि अनुसंधान परिषद (उपकार) के महान‍िदेशक डॉ. संजय स‍िंह, चंद्र शेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर डॉ. एके स‍िंह, इफको के मार्केट‍िंग डायरेक्टर योगेंद्र कुमार, बागवानी आयुक्त डॉ. प्रभात कुमार, पूसा के प्र‍िंस‍िपल साइंट‍िस्ट डॉ. राजीव कुमार स‍िंह और एंग्लो अमेर‍िकन के कंट्री मैनेजर नीरज कुमार अवस्थी सह‍ित कई लोग मौजूद रहे. 

खेती के क्षेत्र में उतरी खनन कंपनी

एंग्लो अमेरिकन एक वैश्विक खनन कंपनी है, जिसकी स्थापना 1917 में सर अर्नेस्ट द्वारा दक्षिण अफ्रीका में की गई थी. फ‍िलहाल यह ब्रिट‍िश कंपनी है और इस समय दुनिया भर में इस कंपनी के 105760 कर्मचारी काम कर रहे हैं. इसका कुल रेवेन्यू 3512.7 करोड़ अमेरिकी डॉलर है. अब यह फसल पोषण के क्षेत्र में उतर गई है और व‍िश्व के कई देशों में कारोबार कर रही है. दावा है क‍ि इसका उत्पाद मिट्टी को संरक्षित करते हुए किसानों को अधिक अन्न उगाने में मदद करता है. यह पैदावार, गुणवत्ता और उत्पादकता बढ़ा सकता है, क्योंकि यह बहु-पोषक और ऑर्गेन‍िक तत्व है. कंपनी ने दावा क‍िया है क‍ि 1500 से अधिक वैश्विक वाणिज्यिक प्रदर्शनों से पता चलता है कि पॉली-4 के इस्तेमाल से इसकी उपज में औसतन 3-5 फीसदी का सुधार हुआ है.  

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