मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में उत्तर प्रदेश सरकार ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए एक नई इबारत लिख रही है. प्रदेश में 3000 से अधिक स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) की महिलाएं अब गन्ना बीज उत्पादन जैसे तकनीकी कार्यों में जुट गई हैं. यह पहल न केवल गन्ना उत्पादन की गुणवत्ता और मात्रा को बढ़ा रही है, बल्कि महिलाओं के लिए आय का स्थायी साधन भी बनती जा रही है.
गन्ना विकास विभाग की इस अभिनव योजना के तहत वर्ष 2024-25 में महिलाओं के माध्यम से चार करोड़ से अधिक सिंगल बड बीजों का वितरण किया गया है. इन बीजों को बड़े पैमाने पर किसानों के बीच बांटा जा रहा है, जिससे गन्ने की उपज में स्पष्ट बढ़ोतरी देखने को मिल रही है.
स्वयं सहायता समूह की महिलाएं अब सामूहिक रूप से त्वरित बीज संवर्धन अभियान चला रही हैं. उन्हें तकनीकी प्रशिक्षण से लेकर बीज संरक्षण, देखभाल और गुणवत्ता नियंत्रण तक की जानकारी दी जा रही है. यह अभियान नारी सशक्तिकरण और कृषि नवाचार का एक बेहतरीन उदाहरण बन रहा है.
सरकार ने बीज किट की ऑनलाइन बुकिंग की सुविधा शुरू कर किसानों को तकनीक से जोड़ दिया है. अब किसान घर बैठे ही हाईटेक सीड किट बुक कर पा रहे हैं, जिससे उन्हें उन्नत किस्म की खेती करने में आसानी हो रही है.
प्रदेश में बेहतर उत्पादन क्षमता और रोग प्रतिरोधक क्षमता वाली गन्ने की किस्मों का लगातार विकास किया जा रहा है. इससे किसानों को ऐसी फसलें मिल रही हैं जो कम समय में अधिक मुनाफा दे रही हैं.
यह पूरी रणनीति मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ‘आत्मनिर्भर किसान’ और ‘आत्मनिर्भर नारी शक्ति’ की परिकल्पना को धरातल पर उतारने की दिशा में एक सशक्त कदम है. गन्ने की खेती में अब सिर्फ मिठास ही नहीं, नारी शक्ति का आत्मविश्वास भी घुल चुका है.
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