केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रविवार को अपने संसदीय क्षेत्र विदिशा में थे. वह यहां के गंजबासौदा भी पहुंचे और किसानों के खेत का जायजा लिया. कृषि मंत्री दरअसल नकली बीज की शिकायत पर किसान के खेतों में पहुंचे थे. उन्होंने यहां पर खेती की मिट्टी खोदकर बीज निकाल कर देखे. नकली बीज की वजह से किसान के खेत में कोई अंकुरण नहीं हुआ था. इससे उसे काफी नुकसान भी उठाना पड़ा है. कृषि मंत्री ने किसान को भरोसा दिलाया है कि धोखाधड़ी करने वालों और नकली बीज बेचने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी.
नकली बीजों की वजह से किसान की बोवनी बेकार हो गई और पूरी फसल बर्बाद हो गई. कृषि मंत्री ने कहा कि नकली बीज की जांच की जाएगी. साथ ही उन्होंने यह वादा किया कि सबस्टैंडर्ड या अमानक बीज बनाने वाली कंपनी, सोसायटी के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी. कृषि मंत्री के अनुसार अमानक बीज किसानों के साथ धोखा है.
उन्होंने सभी किसानों को यहां से संदेश दिया और उनसे वादा किया कि सरकार जल्द ही अमानक बीज और कीटनाशक के खिलाफ कानून को सख्त करेगी और इसमें बदलाव भी किया जाएगा. चौहान ने कहा कि घटिया बीज की आपूर्ति किसानों के साथ धोखा है और इसके पीछे जो लोग हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
यह पहली बार नहीं है जब किसी किसान की फसल नकली बीजों के चलते चौपट हुई और उसे नुकसान उठाना पड़ा है. तेलंगाना राज्य के किसान भी कुछ इसी दर्द से गुजर चुके हैं. तेलंगाना के तीन मंडलों वेंकटपुरम, वाजेडु और कन्नाईगुडेम के 18 गांवों में 2,186 एकड़ फसल चौपट हो गई थी. किसानों की मानें तो कंपनियों की तरफ से मक्का के नकली बीज उन्हें सप्लाई किए गए थे और इस वजह से उन्हें लाखों का नुकसान उठाना पड़ा है.
यहां के किसान अब इस बात पर अड़ गए हैं कि जब तक बीज कंपनियां उनके साथ एग्रीमेंट साइन नहीं करेंगी, वो बीज नहीं खरीदेंगे. उनका कहना है कि पहले उन्हें खराब या परिस्थितियों में भी कम से कम 60 फीसदी तक उपज हासिल हो पाती थी. किसानों की मानें तो इन आयोजकों से मिलने वाले बीज, कीटनाशकों और उर्वरकों की किस्मों के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है. किसानों को खेती के लिए जो भी उपलब्ध कराया जाता है उसका वो प्रयोग करते हैं. ये लेन-देन बिना किसी औपचारिक समझौते के होते हैं.
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