महाराष्ट्र में खरीफ फसलों के बीज की कालाबाजारी हो रही है. इससे किसानों को प्रयाप्त मात्रा में बीज नहीं मिल पा रहा है. वहीं, व्यापारी भी किसानों से सरकारी रेट से ज्यादा पैसे वसूल रहे हैं. ऐसे में अनदाताओं की परेशानी बढ़ गई है. लेकिन शिकायत मिलने के बाद कृषि विभाग ने बीज की कालाबाजारी करने वाले बीज और खाद विक्रेताओं के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है. किसानों को ऊंचे दामों पर बीज बेचने वाले जालना, बीड और छत्रपति संभाजीनगर के सात डीलरों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है.
द फ्री प्रेस जर्नल की रिपोर्ट के मुताबिक, कृषि विभाग की कार्रवाई के बाद बीज और खाद विक्रेताओं में हड़कंप मच गया है और उन्होंने डीलरों के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है. सरकार ने आदेश जारी किया है कि कपास के बीज 864 रुपये प्रति किट बेचे जाएं. हालांकि, डीलर इन किटों को ऊंचे दामों पर बेच रहे हैं. सरकार ने निर्देश दिया है कि अगर डीलर ऊंचे दामों पर बीज बेचते पाए गए तो उनके खिलाफ आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया जाना चाहिए.
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छत्रपति संभाजीनगर कृषि विभाग ने जालना, बीड और छत्रपति संभाजीनगर की विभिन्न बीज दुकानों पर डमी ग्राहक भेजे. छत्रपति संभाजीनगर के वैजापुर में ज्ञानेश्वर काले बिना परमिट के और ऊंचे दामों पर कपास के बीज बेचते पाए गए. इसलिए, उनके खिलाफ वैजापुर पुलिस में मामला दर्ज किया गया. इसी तरह, गंगापुर में आकाश अप्पासाहेब सुकासे, भूषण रामेश्वर पाटिल, विशाल बाबासाहेब पाठे और पवन सोपान बोरकर के खिलाफ फर्जी बीज रखने के आरोप में कार्रवाई की गई है.
बीड जिले के गेवराई में रमेश प्रभाकर डार्के के खिलाफ ऊंचे दामों पर बीज बेचने के आरोप में कार्रवाई की गई. गेवराई पुलिस थाने में मामला दर्ज किया गया है. जालना जिले के घनसावंगी में एमएस ग्रीन फर्टिलाइजर्स को बिना परमिट के कपास के बीज बेचते हुए पाया गया. ऐसे में तीर्थपुरी थाने में मामला दर्ज किया गया है. इसी तरह, जालना जिले के अंबाड़ में बीज व्यापारी अनिल गायकवाड़ और पांडुरंग शेलके के खिलाफ मामला दर्ज किया गया.
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गुजरात के एक व्यापारी परेशकुमार पटेल और उनके सहयोगियों ने बिना परमिट के पैठण में कूरियर सेवाओं के माध्यम से कपास के बीज भेजे. इस मामले को लेकर पैठण थाने में मामला दर्ज किया गया है. कृषि अधिकारी एपी गवली, पीके वडकुटे, धर्मनाथ काकड़े और अन्य ने कार्रवाई को अंजाम दिया.