Uttar Pradesh News: देश में ईद उल-अज़हा यानी बकरीद (Bakrid 2024) का त्योहार 17 जून, सोमवार के दिन मनाया जाएगा. इसी बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने आगामी पर्व त्योहारों के दृष्टिगत सुदृढ़ कानून-व्यवस्था व श्रद्धालुओं की सुविधाओं के संबंध में शासन स्तर के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए. बैठक में सीएम योगी ने निर्देश देते हुए कहा कि आगामी 16 जून को गंगा दशहरा, 17 जून को बकरीद, 18 जून को ज्येष्ठ माह का मंगल का पर्व है और 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का आयोजन है, जबकि जुलाई माह में मोहर्रम और कांवड़ यात्रा जैसे पवित्र कार्यक्रम होने हैं. स्वाभाविक रूप से यह समय कानून-व्यवस्था की दृष्टि से अत्यंत संवेदनशील है. शासन-प्रशासन को 24×7 एक्टिव मोड में रहने की आवश्यकता है.
उन्होंने कहा कि बकरीद पर कुर्बानी के लिए स्थान का चिन्हांकन पहले से ही होना चाहिए. इसके अतिरिक्त कहीं और कुर्बानी न हो.विवादित/संवेदनशील स्थलों पर कुर्बानी नहीं होनी चाहिए. प्रत्येक दशा में यह सुनिश्चित करें कि कहीं भी प्रतिबंधित पशु की कुर्बानी न हो. हर जिले में कुर्बानी के उपरांत अपशिष्ट के निस्तारण की व्यवस्थित कार्ययोजना होनी चाहिए.
पुलिस अफसरों को निर्देश देते हुए सीएम योगी ने कहा कि नमाज परंपरानुसार एक निर्धारित स्थल पर ही हों. सड़क मार्ग अवरुद्ध कर नमाज की कार्यवाही नहीं होनी चाहिए. आस्था का सम्मान करें किंतु किसी नई परंपरा को प्रोत्साहन न दें. वीडियोग्राफी कराएं, ड्रोन का इस्तेमाल किया जाए. उन्होंने निर्देश देते हुए कहा कि हर एक पर्व शांति और सौहार्द के बीच संपन्न हों, इसके लिए स्थानीय जरूरतों को देखते हुए सभी जरूरी प्रयास किए जाएं. यदि कोई भी कानून हाथ में लेने का प्रयास करे, अराजक तत्वों पर नजर रखें, यदि कोई शांति व्यवस्था को खराब करने का प्रयास करता मिले तो उसके साथ पूरी कड़ाई की जाए.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि ऐसी कोई घटना न हो, जिससे दूसरे धर्म के लोगों की भावनाएं आहत हो. शरारती तत्व दूसरे सम्प्रदाय के लोगों को अनावश्यक उत्तेजित करने की कुत्सित कोशिश कर सकते हैं, ऐसे मामलों पर नजर रखें. संवेदनशील क्षेत्रों में अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की जाए. हर दिन सायंकाल पुलिस बल फुट पेट्रोलिंग जरूर करे. पीआरवी 112 एक्टिव रहे. अराजक तत्वों के साथ पूरी कठोरता से निपटा जाए.
सीएम योगी ने कहा कि पूर्व के अनुभव बताते हैं कि जहां स्थानीय प्रशासन ने संवादहीनता बनाए रखी, वहां अप्रिय घटना की स्थिति बनी. हमें इनसे सीख लेते हुए सतर्क रहना होगा. थाना, सर्किल, जिला, रेंज, जोन, मंडल स्तर पर तैनात वरिष्ठ अधिकारीगण अपने-अपने क्षेत्र के धर्मगुरुओं, समाज के अन्य प्रतिष्ठित जनों के साथ संवाद बनाएं. लोगों के लिए सकारात्मक संदेश जारी कराएं. पीस कमेटी की बैठक कर लें. वहीं मीडिया का सहयोग लें, ताकि शांति और सौहार्द का माहौल बना रहे.
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