आम का सीजन लगभग आ गया है. पेड़ों पर मंजर लग गए हैं. इस बीच अधिकतम और न्यूनतम तापमान में अधिक का अंतर देखा जा रहा है. वहीं, तापमान में उतार-चढ़ाव का असर आम के पेड़ों और मंजर में दिखने लगा है, जिसे लेकर किसान काफी परेशान हैं. किसानों की इन्ही परेशानियों को देखते हुए हरियाणा कृषि विभाग ने आम के मंजर और टिकोलों को कीटों और बीमारियों से बचाने के लिए अलग-अलग समय पर स्प्रे करने के लिए एडवाइजरी जारी की है. ऐसा करके किसान आम की पैदावार को बढ़ा कर सकते हैं और टिकोलों को नुकसान से बचाया जा सकता है.
रस चूसक कीटों और हॉपर कीट प्रबंधन के लिए- आम के पेड़ में रस चूसक कीटों और हॉपर कीट लगने पर इमिडाक्लोप्रिड 0.5 मिलीलीटर के हिसाब से छिड़काव करें. वहीं, मिलीबग कीट से बचाने के लिए 2 मिलीलीटर के हिसाब से कार्बोसल्फान 25 EBC का छिड़काव करें.
पाउडरी फफूंदी से बचाव और बौर काला पड़ने से रोकने के लिए- पेड़ में लगे हुए मंजर को काला पड़ने से रोकने के लिए हेक्साकोनाजोल 5EC: 1 मिली/लीटर के हिसाब से, टाईम फ्लोक्स एस्ट्रॉबिन टेबुकोनाजोल (25+50 प्रतिशत) 0.5 ग्राम/लीटर या घुलनशील सल्कर 80 फीसदी WP 2 ग्राम/लीटर के हिसाब से छिड़काव करें.
जब फूल खिल जाए, उसके बाद क्या करें- आम के फल के मटर के आकार का बन जाने तक किसी कीटनाशक का उपयोग न करें, नहीं तो फल प्रभावित होगा. इसके अलावा फूल खिलने के समय अगर बौर काला पड़े तो इसे काला पड़ने से रोकने के लिए एक छिड़काव हेक्साकोनाजोल (SEC) का करें.
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फफूंदी से बचाव के लिए- आम के पेड़ में लगे मंजर को फफूंदी से बचाने के लिए हेक्साकोनाजोल 5 EC: 1 मिली/लीटर के हिसाब से छिड़काव करें.
फल मक्खी से बचाव के लिए- आम के बगीचे में अगर फल मक्खी लग गई हो तो 16 फुट फ्लाई ट्रैप प्रति एकड़ के हिसाब से लगाएं.
फल झड़ने से रोकने के लिए- अगर आम का फल झड़ने लगे तो पौधे में मिली प्लानोफिक्स (Alpha Naphthyl Acetic Acid 4,5 St. 4-5 लीटर पानी में डालकर छिड़काव करें. इसके अलावा बोरोन (20%), 1-1.5 ग्राम/लीटर के हिसाब से 15-15 दिन के अंतराल में 4 छिड़काव करें.
फल की अच्छी वृद्धि और विकास के लिए- अगर किसानों को आम का अच्छा उत्पादन चाहिए तो मािक्रोनुट्रिएंट जिसमें आयरन, जिंक, कॉपर, कैल्शियम और अन्य सूक्ष्म तत्व होते हैं, उसका 3 ग्राम प्रति लीटर के हिसाब से छिड़काव करें. इसके अलावा पोटेशियम नाइट्रेट (13:00:45): 3-5 ग्राम/लीटर के हिसाब से छिड़काव करें.
फल के ऊपर काले-काले छोटे दाग बनने पर- फल के ऊपर काले-काले छोटे दाग होने पर पौधे में 3 ग्राम प्रति लीटर के हिसाब से कॉपर ऑक्सीक्लोराइड का छिड़काव 15 मई के आसपास और एक छिड़काव 25 जून के आसपास पूरे बगीचे में कर दें.