थ्रिप्स कीट आम को पहुंचाता है सबसे ज्यादा नुकसान,अच्छी पैदावार के लिए ऐसे करें उपाय

थ्रिप्स कीट आम को पहुंचाता है सबसे ज्यादा नुकसान,अच्छी पैदावार के लिए ऐसे करें उपाय

आम की फसल तैयार होने से पहले किसानों को कई तरह के चुनौतियों से निपटना पड़ता है. आम की फसल के लिए मामूली से दिखने वाला थ्रिप्स नाम का कीट खूब नुकसान पहुंचाता है. इस कीट की 20 प्रजातियां अभी तक पहचानी गई है. इस कीट का प्रकोप फरवरी से लेकर अप्रैल महीने तक रहता है.

मामूली सा दिखने वाला थ्रिफ्स कीट आम के लिए खतरा
धर्मेंद्र सिंह
  • lucknow ,
  • Feb 13, 2023,
  • Updated Feb 13, 2023, 3:25 PM IST

आम के शौकीन लोगों का इंतजार अब खत्म गया है, क्योंकि अब बाजार में आम दिखने लगा है. उत्तर प्रदेश के लखनऊ में पैदा होने वाले  दशहरी आम को अभी बाजार पहुंचने में 3 महीने से ज्यादा का समय है. वहीं आम की फसल तैयार होने से पहले किसानों को कई तरह के चुनौतियों से निपटना पड़ता है. आम के लिए मामूली से दिखने वाला थ्रिप्स नाम का कीट खूब नुकसान पहुंचाता है. इस कीट की 20 प्रजातियां अभी तक पहचानी गई है. इस कीट का प्रकोप फरवरी से लेकर अप्रैल महीने तक रहता है. आम की पत्तियों और नई कलियों और फूलों पर इसका प्रकोप सबसे ज्यादा होता है. अगर किसानों को इस कीट को पहचानने में थोड़ी भी देरी होती है तो यह फसल के लिए सबसे बड़ा खतरा बन जाता है. इस कीट से निपटने के लिए किसान तक से बातचीत में केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान के कीट विशेषज्ञ ने विशेष सावधानी बरतने की सलाह किसानों को दी है.

थ्रिप्स कीट आम के लिए है बड़ा खतरा

थ्रिप्स कीट को खुली आंखों से नहीं देखा जा सकता है. नर और मादा दोनों तरह के कीट फसल को नुकसान पहुंचाते हैं. यह कीट पौधों के नाजुक हिस्से पर अपना प्रहार करता है जिसके चलते फल का विकास नहीं हो पाता है. इसका संक्रमण आम की फसल पर सबसे तेजी से होता है. फरवरी महीने में जब आम में बौर आने लगती है, तो यह कीट फूलों के अंदर पहुंचकर रस चूसता है जिसके चलते छोटे फल गिर जाते हैं और बड़े फलों पर भूरा खुरदुरा धब्बा पड़ जाता है जिसके चलते किसानों को इनकी कीमत नहीं मिलती है यहां तक कि आम के फलों में छोटी-छोटी दरारे भी दिखने लगती हैं. केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान के कीट रोग विशेषज्ञ डॉ हरिशंकर सिंह ने किसान तक तक बताया कि इस कीट की पहचान करने के लिए किसानों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है. 

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कैसे करें थ्रिप्स की पहचान

उन्होंने आगे कहा कि किसानों के पास स्मार्टफोन हो तो वह इसकी स्क्रीन पर आम के पत्तों को हिला कर पहचान सकते हैं. मोबाइल के स्क्रीन की सतह पर यह कीट आसानी से दिखने लगते हैं. कीट की पहचान होने पर तुरंत इसका उपाय शुरू कर देना चाहिए. इस कीट का का संक्रमण दिखाई देने पर सबसे पहले स्पिनोसैड 44.2 एससी 1 मिली/5 लीटर पानी में, इसके साथ ही स्टीकर 0.3 मिली प्रति लीटर डाल कर मार्च और अप्रैल में छिड़काव करना चाहिए. दूसरा छिडकाव 15 दिन बाद थायमेथाक्सम 1 ग्राम प्रति लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करने से इस कीट की उग्रता में भारी कमी आती है.

ब्लैक थ्रिप्स का लखनऊ में बढ़ा खतरा

ब्लैक थ्रिप्स भूरा और काले रंग का कीट होता है. यह कीट अपने अंडे को पत्तियों,कलियों और अन्य स्थानों पर छोड़ता है. यह कीट पत्ती, फूल और फलों का रस चूसता है जिससे फसल को कुछ ही समय में ज्यादा नुकसान हो जाता है. इसके अलावा यह कीट पौधों के विकास में सबसे बड़ा बाधक होता है. यह पत्तियों को खरोच कर और छेद कर उसका सारा रस चूस लेता है जिससे पत्तियां मुड़ जाती हैं और फल टूट कर गिरने लगते हैं.

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