आम में इस कीट खतरा बढ़ा, बौर-फल को नुकसान, मोबाइल से पहचान कर ऐसे करें रोकथाम

आम में इस कीट खतरा बढ़ा, बौर-फल को नुकसान, मोबाइल से पहचान कर ऐसे करें रोकथाम

आम के बाग में कुछ बौर पर सरसों के दाने के आकार के छोटे फल दिख रहे हैं, जबकि कुछ बौर अभी भी कोमल अवस्था में हैं, जिनमें परागण होना बाकी है. मौसम में बदलाव के कारण इस बार आम के बागों में एक खतरनाक कीट का प्रकोप देखने को मिल रहा है, जिससे फसल को भारी नुकसान होने की आशंका है. एक्सपर्ट्स के अनुसार अगर इस कीट की रोकथाम में लापरवाही की गई तो आम को कई नुकसान पहुंच सकता है.

मिलीबग कीट का सफायामिलीबग कीट का सफाया
जेपी स‍िंह
  • Noida,
  • Mar 20, 2025,
  • Updated Mar 20, 2025, 6:11 PM IST

अभी आम के बाग में कुछ बौर पर सरसों के दाने के आकार के फल दिखाई दे रहे हैं, जबकि कुछ बौर अभी भी कोमल अवस्था में हैं, जिनमें परागण होना बाकी है. मौसम में बदलाव के कारण इस बार आम की फसल पर थ्रिप्स कीट का प्रकोप देखने को मिल रहा है. फल और बागवानी के आईसीएआर संस्थान, सीआईएसएच लखनऊ के प्रधान कृषि वैज्ञानिक और पौध रोग सुरक्षा विशेषज्ञ डॉ. एच.एस. सिंह ने किसानों को सतर्क रहने की सलाह दी है. उन्होंने बताया कि किसानों को अपने बगीचे का नियमित रूप से निरीक्षण करना चाहिए और विशेष रूप से आम की कोमल पत्तियों और बौर पर ध्यान देना चाहिए, अन्यथा बौर और फलों को ये कीट अधिक नुकसान कर सकता है.

डॉ. एच.एस. सिंह ने बताया कि हाल ही में हुई बारिश के कारण आम के बगीचों में थ्रिप्स (Thrips) की पहली पीढ़ी उभरकर सामने आई है. यह थ्रिप्स मुख्य रूप से नई कोमल पत्तियों पर दिखाई दे रही है. उन्होंने बताया कि थ्रिप्स कीट के प्रकोप को निम्न लक्षणों से आसानी से पहचाना जा सकता है:

  • इस कीट से प्रभावित पत्तियां धीरे-धीरे कठोर हो जाती हैं. 
  • आम की कोमल पत्तियों और बौर पर छोटे-छोटे काले धब्बे दिखाई देते हैं. 
  • आम की पत्तियां सिकुड़ने और मुड़ने लगती हैं. 
  • बौर सूखकर गिरने लगता है. 
  • आम के छोटे-छोटे फलों पर भूरे या काले धब्बे नजर आते हैं, जिससे फल विकृत हो जाते हैं.

उन्होंने आगे बताया कि संभावना है कि जब ये पत्तियां पूरी तरह कठोर हो जाएंगी, तब तक थ्रिप्स जमीन में गिरकर अपनी अगली पीढ़ी के रूप में उभरने लगेगी. उन्होंने कहा कि इससे संभावित खतरा यह है कि अगर थ्रिप्स की नई पीढ़ी पत्तियों के कठोर होने के बाद निकलती है, तो उस समय तक आम के बौर (मंजर) भी कठोर हो सकते हैं. हालांकि, उसमें लगे छोटे-छोटे फल अभी भी कोमल अवस्था में होंगे, जिन पर थ्रिप्स के आक्रमण की संभावना बन सकती है.

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इस कीट पहचान में मोबाइल करेगा मदद

डॉ सिंह ने बताया कि इस कीट को कंट्रोल करने के लिए सबसे पहले आम के पेड़ पर  थ्रिप्स की मौजूदगी का निरीक्षण करना चाहिए. इसके लिए मोबाइल स्क्रीन की सहायता से थ्रिप्स कीट की मौजूदगी जांच कर सकते हैं. इसके लिए मोबाइल स्क्रीन को काला रखें और कोमल पत्तियों के नीचे लगाएं. इसके बाद ऊपर से हल्के हाथ से पत्तियों को झटका दें. थ्रिप्स की छोटी-छोटी काली आकृतियां स्क्रीन पर घूमती हुई दिखाई देंगी. मोबाइल का स्क्रीन फंक्शनल नहीं रहने पर काला होता है जिस पर सफेद रंग के थ्रिप्स कीट आसानी से दिख जाएंगे. एक पत्ती पर थ्रिप्स की संख्या 200 तक हो सकती है. आम के बौर के नीचे मोबाइल रखकर झटका देने से थ्रिप्स की मौजूदगी का पता लगाया जा सकता है.

थ्रिप्स नियंत्रण के लिए इन दवाओं का करें छिड़काव  

यदि पेड़ के कुछ हिस्सों में ही कोमल पत्तियां हैं और वहां थ्रिप्स का प्रकोप दिखाई दे रहा है, तो केवल उन्हीं हिस्सों में छिड़काव करना उचित होगा, जिसे 'सिलेक्टिव स्प्रे' कहा जाता है. यदि थ्रिप्स का प्रभाव व्यापक रूप से पूरे पेड़ पर दिखाई दे रहा है, तो कुछ दिनों बाद पूरे पेड़ पर छिड़काव करना बेहतर होगा. 

मार्च में फूलों के खिलने की प्रारंभिक अवस्था या फल सेटिंग के समय इमिडाक्लोप्रिड 17.8% SL 0.3 मिली प्रति लीटर या थायोमेथोक्साम 25% WG 0.3 ग्राम प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें.

इन दवाओं में से किसी एक का घोल बनाकर प्रभावित भाग या जरूरत के अनुसार पूरे पेड़ पर छिड़काव करना चाहिए या नीम के तेल या अन्य जैविक कीटनाशकों का उपयोग भी थ्रिप्स कीट के नियंत्रण में सहायक हो सकता है. छिड़काव से पहले थ्रिप्स की वास्तविक स्थिति का निरीक्षण जरूर करें. बिना निरीक्षण के पूरे पौधे पर स्प्रे न करें, विशेष रूप से तब जब आम का मंजर कड़ी अवस्था में हो. केवल प्रभावित पत्तियों या कोमल मंजर पर ही छिड़काव करना अधिक प्रभावी हो सकता है.

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