Asli-Nakli: बाजार में मिल रहे झाड़ू वाले जीरे से रहें सावधान, ऐसे करें इसकी पहचान

Asli-Nakli: बाजार में मिल रहे झाड़ू वाले जीरे से रहें सावधान, ऐसे करें इसकी पहचान

खाने में जीरे का प्रयोग बड़ी मात्रा में किया जाता है. लेकिन कई बार लोग बाजार से नकली जीरा खरीद लेते हैं. ऐसे में इन दिनों बाजार में मिलने वाले जीरे में झाड़ू का फूल मिलाया जा रहा है. जो न सिर्फ आपका स्वाद बल्कि आपकी सेहत भी बिगाड़ सकता है. ऐसे में जानें असली और नकली जीरे की पहचान कैसे करें.

कैसे करें असली और नकली जीरे की पहचान?कैसे करें असली और नकली जीरे की पहचान?
प्राची वत्स
  • Noida,
  • Jul 03, 2023,
  • Updated Jul 03, 2023, 2:59 PM IST

भारतीय रसोई में मसालों का इस्तेमाल अगर ना हो तो खाने का स्वाद अधूरा रह जाता है. इसीलिए भारत में मसालों की खेती और मसालों का प्रयोग अधिक मात्रा में होता रहा है. मसालों में कई चीजें शामिल होती हैं. इन सूची में अजवाईन, काली मिर्च, अनारदाना, सौंफ, धनिया, जीरा, भारतीय दाल, सौंफ, मेथी, सरसों, खसखस या पोस्ता, आदि शामिल हैं. इन्हीं की वजह से भारत का जायका न सिर्फ भारत में बल्कि पूरी दुनिया में मशहूर है. ऐसे में जीरे का प्रयोग अधिक से अधिक किया जाता है. इसका उपयोग सब्जी बनाने से लेकर दालों में तड़का लगाने तक के लिए किया जाता है.

जीरा ना सिर्फ आपके स्वाद को बढ़ाता है बल्कि पेट संबंधी समस्याओं को भी दूर करता है. यही कारण है कि कई लोग सुबह खाली पेट जीरा पानी भी पीना पसंद करते हैं.

कई गुणों से भरपूर है जीरा

जीरे में एंटीऑक्सीडेंट, फाइबर, आयरन, कॉपर, पोटैशियम, मैंगनीज, कैल्शियम, जिंक, मैग्नीशियम और विटामिन प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं. वहीं, जीरे का सेवन पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में भी सहायक होता है. जिस वजह से जीरा की मांग बाजार में हमेशा बनी रहती है. बढ़ती मांग को देखते हुए अब जीरा में मिलावट की खबर सामने आ रही है. दरअसल बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए दुकानदार इसमें मिलावट कर रहे हैं.  तो आइए जानते हैं नकली जीरे की पहचान करने का तरीका और इसे खाने के कुछ नुकसान के बारे में.

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जीरे में इन चीजों की हो रही मिलावट

आजकल नकली जीरा में घास के फूलों की मिलावट की जा रही है. आपको बता दें जिस फूल से झाड़ू बनाई जाती है उसका इस्तेमाल जीरा बनाने के लिए किया जा रहा है. दरअसल कुछ लोग इस घास को पानी में उबालकर गुड़ की चाशनी में पकाते हैं. फिर उसके बाद इस घास को सूखने के लिए छोड़ देते हैं.  सूखने के बाद घास का रंग जीरा जैसा दिखने लगता है. जिसके बाद इसमें पत्थर या स्लरी का पाउडर मिक्स करके छान लिया जाता है. ऐसे में ये घास बिल्कुल असली जीरे के जैसी लगती है. 
जहां असली जीरे का सेवन पेट के लिए बहुत फायदेमंद होता है. वहीं नकली जीरा खाने से आपको पेट से जुड़ी कई समस्याएं देखने को मिल सकती हैं. नकली जीरा खाने से पेट दर्द और पेट में पथरी की समस्या भी हो सकती है. साथ ही आपको स्किन इन्फेक्शन होने का भी खतरा रहता है. इसके अलावा नकली जीरा खाने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी कम होने लगती है. असली जीरा पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है तो वहीं नकली जीरा के सेवन पेट संबंधी बीमारी होने का खतरा बढ़ सकता है. 

नकली जीरे की पहचान कैसे करें

  • असली और नकली जीरे की पहचान करने के लिए आप पानी का इस्तेमाल कर सकते हैं. 
  • इसके लिए एक कटोरे में पानी लें, अब इसमें थोड़ा सा जीरा डालें. 
  • नकली जीरा से रंग निकलने लगे ग और कुछ ही देर में जीरा का रंग फीका पड़ने लगेगा. 
  • इसके साथ ही नकली जीरा भी पानी के संपर्क में आते ही टूटने लगता है. 
  • इसके अलावा जीरे को उसकी महक से भी पहचाना जा सकता है.
  • असली जीरे की सुगंध बहुत तेज होती है.
  • वहीं नकली जीरे में कोई खुशबू नहीं होती है.

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