धान की फसल पर मंडरा रहा इस कीट का खतरा, बचाव के लिए तुरंत करें ये 4 उपाय

धान की फसल पर मंडरा रहा इस कीट का खतरा, बचाव के लिए तुरंत करें ये 4 उपाय

धान की फसल में धान की फसल में इन दिनों भूरा माहू कीट का प्रकोप देखा जा रहा है. इस कीट के आक्रमण को देखते हुए किसान काफी परेशान है क्योंकि इस कीट के लगने से फसलों को काफी नुकसान होता है.

धान की फसल पर कीट का खतराधान की फसल पर कीट का खतरा
संदीप कुमार
  • Noida,
  • Sep 28, 2025,
  • Updated Sep 28, 2025, 10:56 AM IST

देश के लगभग सभी राज्यों धान की फसल में बालियां आनी शुरू हो गई है.लेकिन अब लगातार बदलते मौसम के बीच किसानों के लिए एक समस्या खड़ी हो गई है.दरअसल, धान की फसल में धान की फसल में इन दिनों भूरा माहू कीट का प्रकोप देखा जा रहा है. इस कीट के आक्रमण को देखते हुए किसान काफी परेशान है क्योंकि इस कीट के लगने से फसलों को काफी नुकसान होता है. ऐसे में विशेषज्ञों के अनुसार, अगर किसान समय रहते सावधानी नहीं बरतेंगे तो यह कीट फसल को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है. इससे धान की पैदावार घट सकती है और आर्थिक हानि हो सकती है. आइए जानते हैं बचाव के उपाय.

भूरा माहू कीट का लक्षण

भूरा माहू कीट धान की जड़ से रस चूसता है, जिससे पौधा पीला होकर सूखने लगता है. ऐसे में किसानों को कुछ उपाय अपनाने की जरूरत है. भूरा माहू कीट लगने पर पौधे का हरा रंग धीरे-धीरे पीला पड़ने लगता है. जैसे-जैसे इसका प्रकोप बढ़ता है, पूरा पौधा सूखने लगता है. कई बार खेत का एक बड़ा हिस्सा इस कीट से प्रभावित हो जाता है और किसानों की पूरी मेहनत बेकार चली जाती है. यह कीट एक पौधे से दूसरे पौधे पर तेजी से फैलता है. धान की जड़ों पर हमला करके यह पौधों को कमजोर कर देता है. अगर समय रहते इसका इलाज न किया जाए तो फसल झुलसने लगती है और उत्पादन काफी कम हो जाता है.

बचाव का जान लें उपाय

बचाव के लिए किसान क्या करें: खेत में ज्यादा पानी न भरने दें, प्रभावित पौधों को तुरंत जला दें या खेत से बाहर कर दें. जरुरत पड़ने पर कृषि विशेषज्ञ की सलाह से दवा का छिड़काव करें.

संक्रमित पौधों को हटाएं: अगर किसी पौधे में भूरा माहू का प्रकोप दिखाई दे, तो उसे तुरंत खेत से निकालकर नष्ट कर दें. कई बार पौधों को जला देना भी बेहतर विकल्प होता है, ताकि कीट और इसके अंडे आसपास की फसल में फैल न सकें और बाकी पौधों को सुरक्षित रखा जा सके.

नियमित निगरानी करें: किसान अपने खेत की समय-समय पर निगरानी करें. अगर किसी पौधे के पत्ते पीले या सूखे दिखाई दें, तो तुरंत कृषि विशेषज्ञ से संपर्क करें. नियमित निरीक्षण से भूरा माहू के शुरुआती प्रकोप का पता चल जाता है और समय रहते सही कदम उठाकर फसल को नुकसान से बचाया जा सकता है.

दवा का छिड़काव: यदि प्रकोप ज्यादा हो जाए तो कृषि विशेषज्ञ की सलाह पर ही दवा का छिड़काव करें. बाजार में कई प्रकार की दवाएं उपलब्ध हैं लेकिन बिना सलाह के छिड़काव करना नुकसानदेह हो सकता है.

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