ड्रिप सिंचाई मशीन पर सब्सिडी चाहिए तो पढ़े लें ये नियम, इन 3 शर्तों पर ही मिलती है छूट  

ड्रिप सिंचाई मशीन पर सब्सिडी चाहिए तो पढ़े लें ये नियम, इन 3 शर्तों पर ही मिलती है छूट  

पानी की कमी की वजह से किसानों को सिंचाई के लिए जरूरी मात्रा में पानी नहीं मिल पा रहा है. इस समस्‍या को दूर करने के लिए सरकार की तरफ से किसानों को कम पानी में उगने वाली फसलों की खेती के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है. सरकार की तरफ से इसके लिए किसानों को सब्सिडी का फायदा भी दिया जा रहा है. इसे ड्रिप सिंचाई टेक्निक के तौर पर जाना जाता है. 

सरकार की तरफ से मिल रही किसानों को खास सुविधा
क‍िसान तक
  • New Delhi ,
  • Apr 17, 2024,
  • Updated Apr 17, 2024, 6:35 PM IST

भूजल स्‍तर यानी जमीन के नीचे पानी का स्‍तर दिन पर दिन गिरता जा रहा है. लगातार कम होते भूजल की वजह से आज हर जगह  की कमी हो रही है और इसका असर भारत में खेती पर भी दिखाई दे रहा है. पानी की कमी की वजह से किसानों को सिंचाई के लिए जरूरी मात्रा में पानी नहीं मिल पा रहा है. इस समस्‍या को दूर करने के लिए सरकार की तरफ से किसानों को कम पानी में उगने वाली फसलों की खेती के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है. सरकार की तरफ से इसके लिए किसानों को सब्सिडी का फायदा भी दिया जा रहा है. इसे ड्रिप सिंचाई टेक्निक के तौर पर जाना जाता है. 

सरकार कर रही इसके लिए प्रोत्‍साहित 

सरकार की तरफ से किसानों को सिंचाई के लिए ऐसे साधनों का प्रयोग करने के लिए प्रोत्‍साहित किया जा रहा है जो पानी की खपत कम करें. इसका मकसद सिर्फ एक ही है कि कम से कम पानी में ज्‍यादा से ज्‍यादा क्षेत्र में सिंचाई की जा सके.  ड्रिप सिंचाई इसी मकसद को पूरा करने में कारगर है. इस तरीके से सिंचाई करने में किसी पौधे या पेड़ की जड़ पानी सोखने लगती है. ड्रिप सिंचाई के लिए ड्रिप सिंचाई वॉल्‍व्‍स, पाइप, ट्यूब्‍स और एमीटर्स की जरूरत पड़ती है. 

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सरकार की तरफ से मिलती है सब्सिडी 

सरकार की तरफ से ड्रिप सिंचाई योजना के तहत ड्रिप सिंचाई सिस्‍टम या मशीन पर सब्सिडी दी जाती है. ड्रिप सिंचाई को टपक सिंचाई टेक्निक के नाम से भी जाना जाता है. इस सिस्टम को खेत में लगाने पर हर पौधे को पानी सीधा उसकी जड़ों तक मिलता है. इस सिस्टम से सिंचाई करने से भूमि में नमी बनी रहती है. इससे पौधे को ज्यादा पानी की आवश्यकता नहीं होती है.  

ड्रिप इरिगेशन सिस्‍टम से किसान कम पानी में अधिक फसलों का उत्पादन कर सकते हैं. इस तरह की तकनीक से किसान आम, केला, अनानास, लीची, अमरूद, अनार, पपीता, गन्ना, सब्जी लत्तीदार फसल, प्याज जैसी फसलें उगा सकते हैं. 

ड्रिप सिंचाई का प्रयोग ग्रीन हाउस खेती, घरों के बगीचों में, पॉलीहाउस, शेड नेट फार्मिंग के अलावा खेतों में भी किया जा सकता है. बड़ी ड्रिप सिंचाई में फिल्‍टर्स लगे होते हैं जो छोटे एमीटर के बहाव के रास्‍ते में पानी से पैदा होने वाले ऐसे पदार्थों को रोकता है जो अवरोध पैदा कर सकते हैं.  

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सब्सिडी के लिए जरूरी 3 शर्तें 

  • भारत में किसानों को ड्रिप सिंचाई पर सब्सिडी मिलती है. ऐसे किसान जिनके पास ढाई एकड़ तक की सूखी जमीन या फिर डेढ़ एकड़ तक गीली जमीन होती है, उन्‍हें 90 फीसदी तक सब्सिडी मिलती है. हर राज्‍य में यह सब्सिडी राशि अलग-अलग हो सकती है. 
  • ऐसे किसान जिनके पास पांच एकड़ तक की सूखी जमीन हो या फिर ढाई एकड़ तक की गीली जमीन हो, उन्‍हें छोटे किसान के तौर पर जाना जाता है. उन्‍हें 90 फीसदी तक की सब्सिडी मिल सकती है. इसकी मात्रा भी हर राज्‍य में अलग-अलग हो सकती है. 
  • ऐसे किसान जिनके पास पांच एकड़ से ज्‍यादा की सूखी जमीन हो या फिर ढाई एकड़ से ज्‍यादा की गीली जमीन हो, वे दूसरे किसान कहलाते हैं. ऐसे किसान 60 से 80 फीसदी तक की सब्सिडी के हकदार होते हैं. 

 

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