धान की फसल मेहनत से उगाई जाती है, लेकिन अगर कटाई के वक्त थोड़ी सी भी गलती हो जाए, तो पूरी मेहनत पर पानी फिर सकता है. खासकर बासमती धान में, जहां हर दाने की क्वालिटी मायने रखती है. अगर कटाई सही समय और सही तरीके से की जाए, तो चावल न सिर्फ चमकदार और स्वादिष्ट बनता है, बल्कि बाजार में ऊंचे दाम भी दिलाता है. तो आइए जानते हैं-धान की कटाई से पहले किन सावधानियों का रखना है खास ध्यान और कौन-सी 10 बातें आपकी फसल को बना सकती हैं “बेहतर क्वालिटी और ज्यादा मुनाफे वाली”.
 1. सही नमी स्तर पर करें कटाई
 - धान की कटाई तभी करें जब उसमें 18 से 20 प्रतिशत तक नमी हो.
  - अगर धान में नमी कम होगी तो मिलिंग के समय दाने टूट सकते हैं, जिससे चावल की गुणवत्ता घट जाती है.
 
2. पकने की स्थिति पहचानें
 - कटाई तब करें जब खेत की 80-85% बालियां पूरी तरह पक चुकी हों.
  - अगर जल्दी कटाई कर दी जाएगी, तो दाने अधपके रह जाएंगे और चावल की क्वालिटी कमजोर हो जाएगी.
 
3. कंबाइन हार्वेस्टर की स्पीड रखें धीमी
 - अगर आप कंबाइन हार्वेस्टर से कटाई कर रहे हैं, तो मशीन की थ्रेशिंग स्पीड धीमी रखें.
  - ऐसा करने से दानों पर ज्यादा दबाव नहीं पड़ेगा और टूट-फूट कम होगी.
 
4. सुबह की ओस हटने के बाद करें कटाई
 - धान की कटाई सुबह की ओस सूखने के बाद ही करें.
  - गीले दानों की कटाई से झड़ने और नुकसान की संभावना बढ़ जाती है.
 
5. कटाई के तुरंत बाद करें सुखाई
 - कटाई के बाद धान को तुरंत सुखाना बहुत जरूरी है.
  - इसे धीरे-धीरे छांव में या हल्की धूप में सुखाएं.
  - तेज धूप में सीधे फैलाने से दानों में दरारें आ सकती हैं.
 
6. सही नमी पर करें भंडारण
 - भंडारण से पहले धान की नमी लगभग 12% तक लाना चाहिए.
  - ज्यादा नमी वाले धान को स्टोर करने से फफूंदी और खराबी का खतरा रहता है.
 
7. कटाई के समय नुकसान कम करें
 - कटाई के दौरान मशीन की सेटिंग सही रखें ताकि धान के दाने खेत में न छूटें.
  - धान गिरने या टूटने से उत्पादन घटता है और नुकसान बढ़ता है.
 
8. मिलिंग से पहले करें स्टोर
 - धान को मिलिंग से पहले कम से कम 3 से 4 हफ्ते तक स्टोर करें.
  - इससे दाने सख्त हो जाते हैं और मिलिंग के दौरान टूटने की संभावना कम रहती है.
 
9. अच्छी क्वालिटी के लिए सही प्रोसेसिंग
 - अगर कटाई, सुखाई और भंडारण की प्रक्रिया सही तरीके से की जाए, तो चावल की क्वालिटी बेहतर रहती है.
  - अच्छी क्वालिटी के चावल को बाजार में ऊंचा दाम मिलता है.
 
10. निर्यात के लिए क्वालिटी पर ध्यान
 - भारत दुनिया में सबसे ज्यादा बासमती चावल निर्यात करने वाला देश है.
  - इसलिए अगर किसान निर्यात बाजार में अपनी फसल बेचना चाहते हैं, तो क्वालिटी बनाए रखना बेहद जरूरी है.
 
धान की कटाई केवल एक प्रक्रिया नहीं, बल्कि यह फसल की गुणवत्ता और मुनाफे से जुड़ी अहम कड़ी है.
अगर किसान सही समय पर और सही तरीके से कटाई करें, नमी और भंडारण पर ध्यान दें, तो उन्हें बेहतर उपज के साथ-साथ अच्छा बाजार भाव भी मिल सकता है.
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