रबी फसलों की बुवाई से पहले खेतों की तैयारी शुरू करें, सरसों, मटर और गाजर की बुवाई के लिए सही समय

रबी फसलों की बुवाई से पहले खेतों की तैयारी शुरू करें, सरसों, मटर और गाजर की बुवाई के लिए सही समय

15 अक्टूबर 2025 तक के लिए मौसम आधारित कृषि सलाह जारी, कीट-रोग नियंत्रण से लेकर बुवाई की तकनीक तक किसानों को दी गई विस्तृत सिफारिशें.

sarso ki khetisarso ki kheti
क‍िसान तक
  • New Delhi ,
  • Oct 10, 2025,
  • Updated Oct 10, 2025, 8:08 PM IST

भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थानों द्वारा 15 अक्टूबर 2025 तक के लिए साप्ताहिक मौसम आधारित कृषि परामर्श जारी किया गया है. कृषि भौतिकी संभाग के विशेषज्ञों के अनुसार, रबी फसलों की बुवाई से पहले खेतों की अच्छी तरह से सफाई और मिट्टी की तैयारी बेहद जरूरी है.

विशेष रूप से किसान मेड़ों, नालों और रास्तों को साफ कर कीटों के अंडों और रोगजनकों को नष्ट करें. इस समय सरसों, मटर, गाजर, पत्तेदार सब्जियां और फूलों की बुवाई के लिए मौसम अनुकूल है.

सरसों की बुवाई पर सुझाव:

  • मिट्टी में नमी की उपस्थिति सुनिश्चित करें.
  • उन्नत किस्में: पूसा विजय, पूसा सरसों-29, पूसा सरसों-30.
  • बीज उपचार: केप्टान @ 2.5 ग्राम प्रति किग्रा बीज.
  • बीज दर: 1.5-2.0 किग्रा/एकड़.
  • कतार से कतार दूरी: 30-50 सेमी.

मटर की बुवाई के लिए सुझाव:

  • किस्म: पूसा प्रगति
  • बीज उपचार: केप्टान + राईजोबियम.
  • गुड़ वाले पानी से बीज का टीकाकरण करें.
  • बुवाई के अगले दिन करें

गाजर की बुवाई:

  • किस्म: पूसा रुधिरा
  • बीज दर: 2.0 किग्रा/एकड़.
  • देसी खाद, पोटाश व फॉस्फोरस डालना जरूरी.
  • मशीन से बुवाई से बीज की बचत और बेहतर उत्पादन.

पत्तेदार सब्जियों की बुवाई:

  • सरसों साग, पालक, शलगम, बथुआ, मेथी, गांठ गोभी, धनिया आदि की बुवाई मेड़ों पर करें.
  • मृदा में नमी का विशेष ध्यान रखें.

फूलों की खेती:

  • ब्रोकली, फूलगोभी, बंदगोभी की पौधशाला तैयार करें.
  • गुलाब की छंटाई के बाद बाविस्टीन का लेप लगाएं.
  • गैंदा और ग्लेडिओलस की बुवाई करें.

धान की फसल की सुरक्षा:

  • ब्लास्ट रोग: हर 2-3 दिन में निगरानी करें.
  • False Smut: ब्लाइटोक्स 50 @ 500 ग्राम/एकड़ 10 दिन के अंतराल पर छिड़काव करें.

सब्जियों में रोग नियंत्रण:

  • मिर्च और टमाटर में विषाणु रोग से ग्रसित पौधों को उखाड़ें.
  • इमिडाक्लोप्रिड @ 0.3 मि.ली./लीटर का छिड़काव करें.

कृषि वैज्ञानिकों का सुझाव है कि किसान मौसम के अनुरूप कृषि कार्य करें और बुवाई से पहले खेतों की नमी और मिट्टी की जांच अवश्य करें. बीज उपचार और कतारों में बुवाई से उत्पादन में सुधार होता है.

धान में ब्लास्ट रोग की निगरानी करें

इस मौसम में किसान धान के ब्लास्ट (बदरा) रोग का आक्रमण होने की निगरानी हर 2 से 3 दिन के अंतराल पर करें. इस रोग का संकेत है पत्तियों में एक छोटी आंख जैसा धब्बा जिसका अंदर का भाग हल्का भूरा और बाहर गहरे भूरे रंग का होता है. आगे जाकर अनेक धब्बे मिलकर एक बड़ा धब्बा बन जाता है.

इस मौसम में धान (पूसा सुगन्ध-2511) में आभासी कंड (False Smut) आने की काफी संभावना है. इस बीमारी के आने से धान के दाने आकार में फूल जाते हैं. इसकी रोकथाम के लिए ब्लाइटोक्स 50 की 500 ग्राम प्रति एकड़ की दर से आवश्यकतानुसार पानी में मिलाकर 10 दिन के अंतराल पर 2-3 बार छिड़काव करें.

किसान गुलाब के पौधों की कटाई-छटाई करें. कटाई के बाद बाविस्टीन का लेप लगाएं ताकि कवको का आक्रमण न हो.

इस मौसम में गेंदे की तैयार पौध की मेड़ों पर रोपाई करें. किसान ग्लेडिओलस की बुवाई भी इस समय कर सकते हैं.

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