
धान की कटाई शुरू हो चुकी है और इसके साथ ही अब किसान रबी सीजन की खेती में भी जुट गए हैं. कृषि वैज्ञानिक किसानों को गेहूं और मक्का लगाने के लिए उपयुक्त समय बता रहे हैं. उनका कहना है कि इस समय गेहूं और मक्का की बुवाई करने का सही समय है. साथ ही गेहूं की बुवाई के लिए जिस तरह का तापमान होना चाहिए, वह समय इस दौरान इन फसलों की बुवाई के लिए अनुकूल है. डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, पूसा समस्तीपुर के वैज्ञानिकों के अनुसार, गेहूं और मक्का की बुवाई करने के दौरान बीजों के चयन सहित खेतों का उपचार करना बेहद जरूरी है, जिसको लेकर वे अपने साप्ताहिक समसामयिक में किसानों को सुझाव दे रहे हैं.
कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार किसान गेहूं की बुवाई को लेकर बीजों के चयन पर विशेष ध्यान दें. वैज्ञानिक गेहूं की किस्मों में जो उत्तर बिहार के लिए अनुशंसित की गई हैं, उन बीजों के बारे में बताते हुए कहते हैं कि एचडी-2967, डीडब्ल्यू-39, डीडब्ल्यू-187, एचयूडब्ल्यू- 468, सीबीडब्ल्यू–38 किस्मों का चयन किसान कर सकते हैं. वहीं, छिड़काव विधि से गेहूं की बुवाई के लिए प्रति हेक्टेयर 125 किलोग्राम और सीड ड्रिल से पंक्ति में बुवाई के लिए 100 किलोग्राम बीज का इस्तेमाल करना चाहिए. बीज के अच्छे जमाव के लिए खेत में नमी पर भी किसान को ध्यान देने की जरूरत है.
डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, पूसा समस्तीपुर के कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार, रबी मक्का की बुवाई के लिए यह समय काफी अनुकूल है. किसान हाइब्रिड किस्मों में शक्तिमान-1 (सफेद), शक्तिमान-2 (सफेद), शक्तिमान-3 (पीला), शक्तिमान- 4 (पीला), शक्तिमान- 5 (पीला), गंगा-11 (नारंगी पीला), राजेंद्र संकर मक्का-1, राजेंद्र संकर मक्का-2 एवं राजेंद्र हाइब्रिड मक्का दीप ज्वाला का इस्तेमाल कर सकते हैं. इसके साथ ही संकुल किस्मों में देवकी (सफेद), लक्ष्मी (सफेद) एवं सुआन (पीला) किस्म का उपयोग मक्का की बुवाई में कर सकते हैं.
कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार, गेहूं और मक्का की बुवाई से पहले किसान को खेतों की तैयारी जरूर कर लेनी चाहिए. जहां गेहूं की बुवाई से पहले 2.5 ग्राम बेविस्टीन से प्रति किलोग्राम गेहूं के बीज का उपचार करना चाहिए, वहीं मक्का की बुवाई के दौरान खेत की जुताई में 100 से 150 क्विंटल कंपोस्ट, 60 किलोग्राम नाइट्रोजन, 75 किलोग्राम फास्फोरस और 50 किलोग्राम पोटाश का उपयोग प्रति हेक्टेयर करना चाहिए. 20 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर मक्का के बीज को 60×20 सेंटीमीटर की दूरी पर बुवाई करनी चाहिए.