
अक्सर आपने सुना होगा कि पौधों के लिए चावल का पानी फायदेमंद रहता है. पौधों के लिए चावल का पानी इस्तेमाल करना कोई मिथ है या ये वाकई कोई जादू है तो इस पर आपको बता दें कि इसका सही मात्रा में प्रयोग जादुई है. लेकिन अगर गलत तरीके से इसे प्रयोग किया जाए तो फिर यह नुकसान दायक हो सकता है. चावल का पानी एक सरल, सस्ता और टिकाऊ प्राकृतिक सप्लीमेंट है. लेकिन फिर भी इसे जादुई खाद नहीं कहा जा सकता. यह जरूर है कि यह पौधों को हल्का पोषण देता है.
चावल के पानी में नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटैशियम जैसे आवश्यक पोषक तत्वों के साथ-साथ विटामिन और खनिज भी पाए जाते हैं. इसमें मौजूद स्टार्च मिट्टी की सेहत को सुधारता है और उसमें नमी बनाए रखने में मदद करता है. हालांकि, इसे सही तरीके से डाइल्यूट करना बहुत जरूरी है, ताकि फंगस या बैक्टीरिया न पनपे. साथ ही, ध्यान रखें कि चावल का पानी नियमित खाद का विकल्प नहीं, बल्कि एक सप्लीमेंट के तौर पर ही उपयोग किया जाना चाहिए.
अगर आप राइस वॉटर यूज करना चाहते तो कुछ बातों का ध्यान रखें. चावल के पानी में मौजूद स्टार्च हाइड्रोपोनिक सिस्टम में बैक्टीरिया और फंगस को बढ़ा सकते हैं इसलिए इस तकनीक में इसे प्रयोग करने से बचें. हमेशा इस बात का ध्यान रखें कि यह सिर्फ एक सप्लीमेंट है मुख्य खाद नहीं. ऐसे में इसके ज्यादा प्रयोग से फंगस, दुर्गंध और पोषक असंतुलन जैसी समस्याएं हो सकती हैं. अक्सर लोग ज्यादा फायदे के लिए फर्मेंटेड राइस वॉट का प्रयोग करते हैं. लेकिन अगर इसे ठीक से संभाला न जाए तो फफूंद लगने का खतरा बढ़ जाता है.
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