Amla Farming: नवंबर में आंवले की ये किस्में लगाएं, होगा बंपर मुनाफा, जानें खेती के बारे में सबकुछ 

Amla Farming: नवंबर में आंवले की ये किस्में लगाएं, होगा बंपर मुनाफा, जानें खेती के बारे में सबकुछ 

एक स्वस्थ आंवला का पेड़ तीसरे साल से फल देना शुरू करता है और प्रति पेड़ औसतन 40-50 किलो तक फल देता है. बाजार में आंवले की कीमत 25-40 रुपये प्रति किलो तक रहती है. एक हेक्टेयर क्षेत्र से किसान लगभग 5 से 6 लाख रुपये सालाना शुद्ध लाभ कमा सकते हैं.

आंवले की खेतीआंवले की खेती
क‍िसान तक
  • New Delhi ,
  • Nov 01, 2025,
  • Updated Nov 01, 2025, 6:30 AM IST

आंवला को जिसे अंग्रेजी में Indian gooseberry या फिर नेल्ली के नाम से जाना जाता है, बहुत ज्‍यादा औषधीय गुणों के लिए जाना जाता है. इसके फलों का इस्तेमाल कई तरह की दवाएं बनाने में किया जाता है. आंवला से बनी दवाएं एनीमिया से लेकर किसी घाव को भरने में, डायरिया, दांत दर्द और बुखार तक में प्रयोग की जाती हैं. नवंबर का महीना किसानों के लिए आंवला की खेती शुरू करने का बेहतरीन समय माना जाता है. विशेषज्ञों के अनुसार इस मौसम में मिट्टी में नमी बनी रहती है और तापमान भी संतुलित रहता है, जिससे पौधों की जड़ें अच्छी तरह विकसित होती हैं. आंवला न सिर्फ औषधीय गुणों से भरपूर है, बल्कि किसानों के लिए यह कम लागत में अधिक मुनाफा देने वाली फसल भी साबित होती है.

विटामिन-सी का बेस्‍ट सोर्स 

आंवला फल विटामिन-C का अच्छा सोर्स हैं. आंवले के हरे फलों का प्रयोग अचार बनाने में भी किया जाता है. इसके अलावा आंवले से शैम्पू, हेयर ऑयल, डाई, टूथ पाउडर और फेस क्रीम जैसे कई प्रोडक्ट बनाए जाते हैं. यह एक शाखाओं वाला पेड़ है जिसकी औसत ऊंचाई 8-18 मीटर तक होती है और शाखाएं चिकनी होती हैं. इसके फूल हरे-पीले रंग के होते हैं और दो तरह के होते हैं यानी नर फूल और मादा फूल. साथ ही फल हल्के पीले रंग के होते हैं. भारत में उत्तर प्रदेश और हिमाचल प्रदेश भारत में आंवला की खेती खासतौर पर की जाती है. 

क्यों करें आंवले की खेती?

आंवला की मांग सालभर बनी रहती है, जिससे बाजार में किसानों को स्थायी आमदनी मिलती है. इसके पौधे लंबे समय तक फल देते हैं, यानी एक बार लगाई गई फसल 25-30 साल तक लगातार उत्पादन देती है. अगर किसान नवंबर में सही किस्मों का चयन कर अच्छी देखभाल करें, तो आंवला की खेती उन्हें लंबे समय तक स्थायी और मुनाफेदार आय दे सकती है. औषधीय और औद्योगिक उपयोगों के चलते इसकी मांग लगातार बढ़ रही है. इसलिए, इस नवंबर में आंवला लगाना किसानों के लिए एक समझदारी भरा निवेश साबित होगा.

नवंबर ने के लिए बेस्‍ट किस्में

अगर आप इस सीजन में आंवले की खेती करना चाहते हैं, तो कुछ उच्च उत्पादक किस्में हैं जो बेहतर पैदावार और अधिक लाभ देती हैं —

NA-7 (नरेंद्र आंवला-7):  यह किस्म तेजी से बढ़ती है और फल आकार में बड़े व स्वाद में खट्टे-मीठे होते हैं. यह प्रोसेसिंग इंडस्‍ट्री के लिए बेहद उपयुक्त है.
NA-9: इसकी खासियत है कि फल आकार में बड़े, गूदेदार और चमकदार होते हैं. बाजार में इसकी मांग अधिक रहती है.
चकैया :  यह पारंपरिक और लोकप्रिय किस्म है. यह हर प्रकार की मिट्टी में अच्छी तरह फलती है और फलों में रस अधिक होता है.
कृष्णा और कंचन:  ये किस्में रोग प्रतिरोधी होती हैं और कम सिंचाई में भी अच्छी उपज देती हैं.
फ्रांसिस: यह किस्म व्यावसायिक खेती के लिए प्रसिद्ध है. फलों का आकार बड़ा और वजन अधिक होता है.

खेती और सिंचाई 

आंवले की खेती के लिए दोमट या हल्की दोमट मिट्टी सर्वोत्तम रहती है. खेत को अच्छी तरह जोतकर गोबर की सड़ी खाद (10-15 टन प्रति हेक्टेयर) डालें. पौधों के बीच लगभग 8x8 मीटर की दूरी रखें ताकि पेड़ों को फैलने और धूप मिलने की पर्याप्त जगह मिल सके. नवंबर के महीने में पौधारोपण करने से ठंड शुरू होने से पहले पौधे मजबूत जड़ें बना लेते हैं. पहले छह महीने नियमित रूप से हल्की सिंचाई करें. गर्मियों में हर 10-15 दिन में पानी देना चाहिए, जबकि सर्दियों में महीने में एक बार पर्याप्त रहता है. पौधों के चारों ओर मल्चिंग करने से नमी बनी रहती है और खरपतवार कम उगते हैं.

कमाई और मुनाफा

एक स्वस्थ आंवला का पेड़ तीसरे साल से फल देना शुरू करता है और प्रति पेड़ औसतन 40-50 किलो तक फल देता है. बाजार में आंवले की कीमत 25-40 रुपये प्रति किलो तक रहती है. एक हेक्टेयर क्षेत्र से किसान लगभग 5 से 6 लाख रुपये सालाना शुद्ध लाभ कमा सकते हैं.

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