अगर आप बाजरे की खेती करते हैं तो आपको कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना चाहिए. बाजरे का मौसम चल रहा है, ऐसे में आपको जानना चाहिए कि उसकी अधिक से अधिक पैदावार कैसे ले सकते हैं. यह भी जानना चाहिए कि फसल पर कीटों का प्रकोप हो जाए तो उससे बचाव के क्या उपाय हैं. बाजरा भी उन फसलों में एक है जिस पर कीटों का हमला तेजी से होता है. अगर किसान इन कीटों का प्रबंधन न करें, समय रहते नियंत्रण और सावधानियां न बरतें तो पूरी फसल चौपट हो सकती है. ऐसे में आज हम जानेंगे कि बाजरे पर किस तरह के कीट लगते हैं और इन कीटों से बचाव का सरल उपाय क्या है. बाजरे पर सबसे अधिक बालों वाली सूंडियों का प्रकोप होता है जो कि एक प्रकार का कीट है.
बालों वाली सूंडियों कीट की सूंडियां छोटी अवस्था में होती हैं तो ये इकट्ठी होकर बाजरे के पत्तों की निचली सतह पर नुकसान पहुंचाती हैं. ये ऐसे कीट हैं जो बाजरे को पत्तों को पूरी तरह से छलनी कर देते हैं. बालों वाली सूंडिया पत्तों पर अकेली घूमती हैं और पत्तों को खाती रहती हैं. इसलिए समय रहते बाजरे को इन सूंडियों से नहीं बचाया जाए तो पूरी की पूरी फसल चौपट हो सकती है.
ये भी पढ़ें: Kharif Sowing Part-I: राजस्थान में दोगुनी हुई बाजरे की बुवाई, लेकिन पिछले साल से कम है लक्ष्य
बालों वाली सूंडियों की दो प्रजातियां हैं-बिहार हेयरी कैटरपिलर और रेड कैटरपिलर. इसमें बिहार हेयरी कैटरपिलर सूंडियां जुलाई के दूसरे पखवाड़े से अगस्त के अंत तक सक्रिय रहती हैं और पत्तों को भारी नुकसान पहुंचाती हैं. दूसरी प्रजाति की बालों वाली सूंडी का नाम रेड कैटरपिलर है जो अगस्त से फसल की पकाई तक नुकसान करती है. इसलिए जब तक फसल कटकर घर न आ जाए तब तक किसानों को सूंडियों से फसल को बचाए रखना चाहिए.
ये भी पढ़ें: Millets: रंग लाने लगी मोटे अनाजों को लोगों की थाली तक पहुंचाने की मुहिम
अब आइए ये जान लेते हैं कि बालों वाली सूंडियों से बाजरे की फसल को कैसे बचाना है.