बीज में नहीं लगेंगे दीमक और कीट, घर पर ऐसे तैयार करें ये स्पेशल देसी खाद

बीज में नहीं लगेंगे दीमक और कीट, घर पर ऐसे तैयार करें ये स्पेशल देसी खाद

Bijamrit: किसान खेती में जिस बीच का इस्तेमाल करते हैं उसमें कई बार दीमक लगने या कीट लगने की समस्या आती है. ऐसे में किसानों को नुकसान का सामना भी करना पड़ता है. लेकिन किसान इस नुकसान से बचने के लिए बीजामृत का इस्तेमाल कर सकते हैं. 

घर में ऐसे बनाएं स्पेशल खादघर में ऐसे बनाएं स्पेशल खाद
संदीप कुमार
  • Noida,
  • Jun 02, 2025,
  • Updated Jun 02, 2025, 5:05 PM IST

खेती-किसानी में कई बार देखा जाता है कि किसान जब बीज की बुवाई करते हैं, तो उनके लिए सबसे बड़ी समस्या दीमक की आती है. इसके अलावा भी कई तरह के कीट और रोग बीज पर अटैक कर देते हैं, जिसकी वजह से हर बीज पौधा नहीं बन पाता है. जिससे किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ता है. ऐसे में किसान महंगी रासायनिक दवाइयों का इस्तेमाल कर बीज को उपचारित करते हैं, जिससे खेती में लागत बढ़ जाती है. ऐसे में किसान प्राकृतिक खेती के प्रमुख हथियार यानी बीजामृत को बड़ी आसानी से घर पर ही तैयार कर अपने बीज को दीमक लगने और रोग से बचा सकते हैं.

बीजों के लिए बेस्ट है बीजामृत

खेती में रासायनिक दवा के बढ़ते चलन के बीच अब किसानों के बीच जैविक खेती और प्राकृतिक खेती का चलन काफी तेजी से बढ़ता जा रहा है. ऐसे में प्राकृतिक खेती के प्रमुख हथियारों में से एक बीजामृत है, जिसे आप अपने घर पर ही मिलने वाले सामानों से आसानी से तैयार कर सकते हैं. वहीं, किसान बीजामृत का इस्तेमाल कर अपने बीजों को बाहरी बीमारी और दीमक से बचा सकते हैं. साथ ही इसके प्रयोग से बीज भी तेजी से अंकुरित होता है.

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ऐसे तैयार कर सकते हैं बीजमृत

कृषि एक्सपर्ट की मानें तो बीजामृत तैयार करना बहुत ही आसान होता है. ये घर में मिलने वाले सामानों से ही तैयार किया जा सकता है. दरअसल, बीजामृत बनाने के लिए 20 लीटर पानी, 5 किलो देसी गाय का गोबर, 5 लीटर देसी गाय का गौमूत्र और 50 ग्राम खाने वाला चूना और 50 ग्राम खेत की उपजाऊ मिट्टी से बड़े ही आसानी से बीजामृत को तैयार किया जा सकता है. बता दें कि इसे बनाने के लिए इन सभी सामानों को इकट्ठा करने के बाद  ड्रम में भर दें, फिर उसे एक हफ्ते तक ऐसे ही रहने दें. इसके बाद उसमें पानी मिलाएं और हर दिन सुबह और शाम डंडे से इसे चलाते रहें. ऐसे में एक हफ्ते बाद आपका बीजामृत पूरी तरह से तैयार हो जाएगा.

बीज उपचारित करने का तरीका

एक बार बीजामृत तैयार कर लेने के बाद आप बीजों को इससे उपचारित कर सकते हैं. बीज को उपचारित करने के लिए 20 एमएल बीजामृत किलो किसी भी फसल बीज को उपचारित करने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं. इसी तरह से जिस अनुपात में आपका बीज बढ़ता जाएगा, उसी अनुपात में बीजामृत को बढ़ा सकते हैं. दरअसल, बीज में बीजामृत मिलाकर इसे रात भर रखना होता है, जिससे बीज उपचारित हो जाता है और फिर इस उपचारित बीज को आप खेतों में बुवाई कर सकते हैं.

बीजामृत के क्या हैं फायदे

बीजामृत के कई फायदे हैं. एक्सपर्ट बताते हैं कि प्राकृतिक खेती में बीजामृत का इस्तेमाल फायदेमंद होता है. इसका  पहला फायदा ये हैं कि इसे सस्ते में आसानी से बनाया जा सकता है. इसके अलावा दूसरा ये भूमि जनित रोग को कंट्रोल करता है. साथ ही बीज के लिए जो हानिकारक कवक होते हैं बीजामृत न केवल उससे बचाता है.बल्कि जो भूमि में फायदेमंद केंचुए, राइजोबियम सूक्ष्म जीव बैक्टीरिया के लिए फायदेमंद पोषक तत्व भी है. 

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