Mustard Green: सेहत के लिए वरदान है सरसों, घर में उगाना है आसान, खाने के लिए रेगुलर मिलेगी साग

Mustard Green: सेहत के लिए वरदान है सरसों, घर में उगाना है आसान, खाने के लिए रेगुलर मिलेगी साग

सर्दी में अगर सरसों का साग नहीं खाया तो इस मौसम का मजा अधूरा ही रह जाता है. सरसों का साग सर्दियों की पहचान है. लेकिन क्या आपको पता है कि आप अपने घर में ही ऑर्गनिक सरसों उगा सकते हैं.

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निशा डागर तंवर
  • नई दिल्ली,
  • Jan 08, 2025,
  • Updated Jan 08, 2025, 3:10 PM IST

    आजकल न्यूट्रिशनिस्ट लोगों को एक ही सलाह देते हैं और वह है कि आप लोकल और सीजनल फूड खाएं यानी जो जिस मौसम में उगता है, उसी मौसम में खाया जाए. जैसे कि सरसों सर्दियों की फसल है और इसका साग इस मौसम में बहुत ही चाव से खाया जाता है. खासतौर पर उत्तर भारत में यह सर्दियों का स्पेशल डिश है जिसे आजकल पूरे हिंदुस्तान में खाया जाता है. 

    सरसों खाने के फायदे 

    1. विटामिन K का अच्छा सोर्स- सरसों का साग विटामिन K का एक अच्छा स्रोत है. विटामिन K दिल की सेहत के साथ-साथ आपकी हड्डियों को मजबूत रखने में मदद करता है. विटामिन K ब्लड क्लोटिंग में मदद करता है. 

    2. कैंसर को रोकने में मददगार- पावरफुल एंटीऑक्सिडेंट के अलावा, सरसों के साग में ग्लूकोसाइनोलेट्स नामक प्लांट कंपाउंड्स होते हैं. ग्लूकोसाइनोलेट्स कैंसर सेल्स की ग्रोथ को रोकने में मदद करते हैं. 

    3. दिल के लिए अच्छा- सरसों के साग में विटामिन सी, फ्लेवोनोइड और बीटा-कैरोटीन होने से दिल की सेहत अच्छी होती है. सरसों के साग में ऐसे कंपाउंड होते हैं जो पाचन तंत्र में बाइल एसिड को बांधने में मदद करते हैं, जिससे कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद मिलती है. 

    4. आंखों के लिए अच्छा- सरसों के साग में एंटीऑक्सीडेंट प्रोफाइल में ल्यूटिन और ज़ेक्सैंथिन होते हैं. एक रिसर्च के अनुसार, ये दो पोषक तत्व आंखों को स्वस्थ रखने के लिए महत्वपूर्ण हैं और उम्र से संबंधित विजन लॉस को कम करने में मदद कर सकते हैं. 

    घर में उगाएं सरसों 

    पालक-मेथी की तरह आप घर में सरसों भी उगा सकते हैं. सरसों का साग सर्दियों के मौसम में सबसे अच्छा उगता है. 

    • सबसे पहले आपको सरसों के बीज, बड़े और लंबे गमले और पॉटिंग मिक्स की जरूरत होगी. पॉटिंग मिक्स तैयार करने के लिए आप मिट्टी, रेत और गोबर की खाद या वर्मीकंपोस्ट मिला सकते हैं. 
    • सबसे पहले पॉटिंग मिक्स को गमलों में भर दें और इसमें लाइन से सरसों के बीज लगाएं. स्प्रिंकल करके पानी दें और गमले को ऐसी जगह पर रखें जहां धूप आती हो.  
    • इन बीजों को विकसित होने में सात से दस दिन लगते हैं. समय पर जरूरत के हिसाब से पानी दें ताकि मिट्टी सूखे नहीं. 
    • एक बार लगाए गए बीजों से आप तीन-चार बार सरसों का साग ले सकते हैं. दो से तीन हफ्तों में सरसों के पौधे इतने बड़े हो जाते हैं कि आप साग के लिए काट सकते हैं. 
    • एक अच्छा तरीका यह भी है कि आप एक-एक हफ्ते के अंतराल पर कई बैच में बीज लगा दें ताकि आपको लगातार साग मिलता रहे. 

    इस तरह करें खाने में शामिल 

    ज्यादातर लोग, सरसों को साग के रूप में ही खाते हैं. सरसों के साथ मेथी या पालक और बथुआ आदि मिलाकर हरा साग बनाया जाता है. इसे पंजाब-हरियाणा में मक्के की रोटी के साथ खाते हैं. हालांकि, सरसों से आप सूप और चटनी जैसी चीजें भी बना सकते हैं. 

     

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