गुड़हल या हिबिस्कस भारत में सबसे खूबसूरत और आकर्षक दिखने वाले फूलों में से एक है. मान्यता है कि गुड़हल मां दुर्गा का प्रिय फूल है. माता के चरणों में गुड़हल का फूल चढ़ाने से आपकी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. गुड़हल के पेड़ को घर पर लगाना बहुत ही आसान है. आप इसे बड़े गमलों में बलाकनी में भी लगा सकते हैं.
आज हम आपको बता रहे हैं गुड़हल के पौधे को लगाने का तरीका:
हिबिस्कस उगाने का पहला कदम बीज या कटिंग में से चुनना है. बहुत से लोग इसे कटिंग से लगाते हैं ताकि फूल जल्दी मिलने लगें. जबकि बीज से पौधा लगाने के बाद इस पर फूल आने में समय लगता है.
आप पौधा चाहे कटिंग के ज़रिए उगाएं या बीजों के ज़रिए, सबसे जरूरी है मिट्टी. मिट्टी तैयार करने के लिए बगीचे की मिट्टी, कोकोपीट और वर्मीकम्पोस्ट का मिश्रण गमले में डालें.
सबसे पहले गुड़हल के पेड़ से एक हेल्दी कटिंग लें. गुड़हल से कटिंग लेते समय इसे स्लांट काटें. कटिंग को जहां से काटा है, जब वह भाग सूख जाए तो इसे रूटिंग पाउडर में डुबोकर गमले में बो दें. कटिंग को जड़ पकड़ने में 10-20 दिन लग सकते हैं.
हिबिस्कस नम मिट्टी में अच्छी तरह से अंकुरित होता है और बढ़ता है, लेकिन सुनिश्चित करें कि यह बहुत गीला न हो क्योंकि इससे मिट्टी काई हो सकती है जिससे जड़ें सड़ती हैं. शुरुआत में, मिट्टी को दिन में एक या दो बार पानी से स्प्रे करें, सुनिश्चित करें कि यह गीली हो.
जब कटिंग जड़ पकड़ लेगी तो इस पर छोटी पत्तियां आने लगेंगी. इसके लगभग 20 दिन बाद पौधे इतने बड़े हो जाएंगे कि इन्हें ट्रांसप्लांट किया जा सकता है. एक बार जब हर एक पौधे में कम से कम 3-5 बड़ी पत्तियां आ जाएं, तो पौधे को एक बड़े गमले में ट्रांसफ़र करने का समय आ जाता है.
कटिंग लगाकर गमले को सीधा धूप में नहीं रखना चाहिए. जब आप पौधे को ट्रांसप्लांट कर दें तो इसके कुछ घंटे बाद पौधे को सीधा धूप में रखें. इससे पहले इनडायरेक्ट धूप में रखना चाहिए.
हिबिस्कस नियमित रूप से छंटाई करना महत्वपूर्ण है. इसलिए सुनिश्चित करें कि तने के चारों ओर 6-8 से अधिक पत्तियां न हों.
अगर आप बीज के ज़रिए उगा रहे हैं, तो यह एक लंबी प्रक्रिया होगी और पहला फूल खिलने में मिट्टी और खाद के आधार पर लगभग एक साल या उससे ज़्यादा समय लग सकता है. लेकिन एक स्वस्थ पेड़ से कटिंग के साथ, सही खाद के साथ पहला फूल लगभग 6 महीने में ही मिल सकता है.