देशभर में भीषण गर्मी ने लोगों को परेशान कर रखा है. अस्पतालों में तेजी से लू-लपट और हीटवेव के चलते डिहाईड्रेशन के शिकार मरीजों की संख्या बढ़ रही है. छोटे शहरों-कस्बों और ग्रामीण इलाकों में उल्टी-दस्त से बीमार होने वालों की संख्या बढ़ रही है. बीते दिनों बॉलीवुड अभिनेता भी हीटस्ट्रोक के चलते डिहाईड्रेशन की चपेट में आकर मुंबई के अस्पताल में भर्ती कराए गए थे. वे अब ठीक हैं. इस बीच आम जनता को हीट स्ट्रोक, गर्मी से होने वाली बीमारियों से बचने के लिए बीट द हीट कैंपेन के तहत स्वास्थ्य मंत्रालय ने गाइडलाइन जारी की है.
दिल्ली एनसीआर, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश और राजस्थान समेत कई राज्यों में टेंपरेचर 50 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है. जयपुर मौसम विज्ञान केन्द्र निदेशक राधेश्याम शर्मा ने कहा कि इस गर्मी के मौसम में राजस्थान में पहली बार अधिकतम तापमान 50 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है. ऐसे में भीषण गर्मी के दौरान सावधानी बरतना और सुरक्षित रहना जरूरी है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने गाइडलाइन में कहा है कि उच्च तापमान से सावधान रहें, हीटस्ट्रोक के लक्षणों को न अनदेखा करें. गर्मी में स्वास्थ्य की देखभाल करना महत्वपूर्ण है. तरल पदार्थों का सेवन बढ़ाएं और हीट स्ट्रोक के लक्षणों पर ध्यान दें.
अत्यधिक गर्मी की अवस्था में गर्मी का तनाव हो सकता है, जिससे गर्मी से संबंधित विभिन्न बीमारियाँ हो सकती हैं. ऐसे में हीटस्ट्रोक से संबंधित लक्षणों को नजर अंदाज न करें.