डायबिटीज, गठिया, एलर्जी ऐसी समस्याएं हैं, जो धीरे-धीरे शरीर को जकड़ लेती हैं. ऐसी कई खतरनाक बीमारियों के पीछे सूजन मुख्य कारण होती है. एनसीबीआई पर उपलब्ध शोध के अनुसार, शरीर में लंबे समय तक हो रही सूजन की वजह से कई गंभीर बीमारियों जन्म लेती है. ऐसे में अगर आप भी गठिया, डायबिटीज और एलर्जी जैसी बीमारियों से परेशान हैं और इससे छुटकारा पाना चाहते हैं तो इस फूल की मदद से आप इन बीमारियों से छुटकारा पा सकते हैं. इस फूल का नाम सिंहपर्णी है. इस फूल का इस्तेमाल सदियों से किया जा रहा है. आयुर्वेद में भी इस फूल का इस्तेमाल किया जाता है. ऐसे में आइए जानते हैं क्या है ये फूल और कैसे किया जाता है इसका इस्तेमाल.
सिंहपर्णी एक प्रकार का पौधा है जिसका फूल पीले रंग का होता है. इसका वैज्ञानिक नाम टारैक्सैकम ऑफिसिनेल है. इसे डेंडेलियन और लायन टूथ के नाम से भी जाना जाता है. यह पौधा अपने विशेष औषधीय गुणों के लिए जाना जाता है. यही कारण है कि इसकी पत्तियों, फूलों और जड़ों का उपयोग लंबे समय से पारंपरिक चिकित्सा और कई तरह के रोगों को ठीक करने के लिए किया जाता है. पुराने समय में सिंहपर्णी का उपयोग शरीर की विभिन्न बीमारियों को ठीक करने के लिए किया जाता था. उसी के आधार पर आज भी इस फूल का इस्तेमाल गठिया, डायबिटीज और एलर्जी जैसी बीमारियों को ठीक करने के लिए किया जाता है.
सिंहपर्णी के फायदों की बात करें तो इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं. सूजन के कारण शरीर में कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं जैसे गठिया, एलर्जी और डायबिटीज. सिंहपर्णी में सूजन-रोधी गुण होते हैं. इस वजह से इसका इस्तेमाल इन बीमारियों में किया जाता रहा है.
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सिंहपर्णी फूल विटामिन और खनिजों का एक समृद्ध स्रोत हैं, जिनमें विटामिन ए, सी और के, साथ ही कैल्शियम, पोटेशियम और आयरन शामिल हैं. वे स्वस्थ आहार में योगदान दे सकते हैं और आवश्यक पोषक तत्व प्रदान कर सकते हैं.
मधुमेह के रोगियों के लिए भी सिंहपर्णी का उपयोग फायदेमंद हो सकता है. दरअसल, एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध के अनुसार, सिंहपर्णी में एंटी-डायबिटिक गुण होते हैं, जो ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित कर टाइप 2 डायबिटीज के मरीजों के लिए फायदेमंद हो सकता है. इस आधार पर सिंहपर्णी का पौधा डायबिटीज के मरीजों के लिए फायदेमंद हो सकता है.