ड्र‍िप स‍िंचाई से ब‍िहार के इस क‍िसान ने खेती में अपनी राह बनाई आसान, जानें कैसे

ड्र‍िप स‍िंचाई से ब‍िहार के इस क‍िसान ने खेती में अपनी राह बनाई आसान, जानें कैसे

कुछ लोग पानी की उचित व्यवस्था होने की वजह से खेत पर अंधा-धुंध पानी बहा देते हैं. इससे खेत की फसलों पर कई तरह की समस्या आ सकती है. जैसे बीजों का सही अंकुरण न होना, पौधों की जड़ सड़- गल जाना, पानी वाले कीड़ों का प्रकोप बढ़ जाना आदि. इन सभी समस्याओं का समाधान ड्रिप सिंचाई है.

ड्रिप प्रणाली से सिंचाई करने पर पानी सीधा पौधों की जड़ तक जाता हैं जिससे पौधे को अधिक पौषण मिलता है. फोटो साभार: Freepikड्रिप प्रणाली से सिंचाई करने पर पानी सीधा पौधों की जड़ तक जाता हैं जिससे पौधे को अधिक पौषण मिलता है. फोटो साभार: Freepik
नयन त‍िवारी
  • Noida,
  • Jan 05, 2023,
  • Updated Jan 05, 2023, 3:38 PM IST

खेती करने के लिए सिंचाई करना एक महत्वपूर्ण कार्य है. कुछ लोग पानी की उचित व्यवस्था होने की वजह से खेत पर अंधा धुंध पानी बहा देते हैं. कई बार यह प्रयोग सफल नहीं हो पाता. इससे खेत की फसलों पर कई तरह की समस्या आ सकती है. जैसे बीजों का सही अंकुरण न होना, पौधों की जड़ सड़- गल जाना, पानी वाले कीड़ों का प्रकोप बढ़ जाना आदि. इन सभी समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए ड्रिप सिंचाई का प्रयोग करें इसके कई लाभ हैं. बिहार के एक गन्ना किसान सचिन सिंह नें जल भराव वाली सिंचाई को छोड कर ड्रिप पद्धिति को अपनाया. जिसके बाद उन्हें बहुत से लाभ देखने को मिले. आइए जानते हैं ड्रिप सिंचाई क्या है और इससे ब‍िहार के किसान को किस तरह से लाभ हुआ.

ड्रिप सिंचाई

ड्रिप सिंचाई मतलब टपक सिंचाई होती है. इस तरह की सिंचाई में पूरे खेत में छोटी व्यास वाली पाइपें कई जगहों पर जोड़ दी जाती हैं इससे खेत के पौधों तक पानी टपक के माध्यम से बूंद-बूंद कर सीधा जड़ में पहुंचता है. पिछले कुछ सालों में तरह की सिंचाई काफी लोकप्रिय हुई है और लगातार सरकार द्वारा इस पद्धति को अपनाने की अपील की जा रही है.

ये भी पढ़ें Millets: नेफेड ने म‍िलेट आउटलेट क‍िया शुरू, एक छत के नीचे म‍िलेंगे सारे मोटे अनाज

ड्रिप सिंचाई के एक नहीं बल्कि अनेक फायदे हैं. किसान इस तरह की सिंचाई कर खेती को आधुनिक बना कर अधिक लाभ प्राप्त कर सकते हैं. आइए जानते हैं इस तरह की खेती से क्या लाभ होते हैं.

ड्रिप सिंचाई से होने वाले लाभ

ड्रिप सिंचाई का सबसे बड़ा लाभ है, पानी की बचत होना. इस तरीके से यदि आप खेत की सिंचाई करते हैं तो सीमित पानी में भी आप बड़े क्षेत्रफल की सिंचाई कर सकते हैं. सिर्फ पानी की बचत ही नहीं और भी बहुत तरह के फायदे हैं. बिहार के पश्चिम चंपारण से रामनगर प्रखंड के गन्ना किसान सचिन सिंह ने बताया कि ड्रिप सिंचाई का प्रयोग कर इन्हें गन्ने से अधिक लाभ हुआ है. पानी बहाकर सिंचाई करने पर खेत के हर हिस्से तक पानी एक समान नहीं पहुंचता था. इस माध्यम से सिंचाई करने पर पानी का ठहराव सीधा की पौधे की जड़ पर होता है.जिसके कारण गन्ने के केन की लम्बाई 18- 19 फुट तक हुई.

इसके अलावा सचिन ने बताया कि पानी बहाकर सिंचाई करने पर पूरे खेत में अनावश्यक रूप से घास- फूस और खरपतवार उग आते थे जिसे साफ करवाने के लिए 12-1300 रुपये का खर्च आता था. इस पद्धति की सिंचाई करने पर घास कम उगते हैं. इसके अलावा एक गन्ने के पौधे से 12- 13 टहनियां निकलीं जो कि गन्ना किसान के लिए फायदे का सौदा साबित हुआ.

ये भी पढ़ें छुट्टा पशु मजबूत करेंगे यूपी की अर्थव्यवस्था, गोबर से सीएनजी और पेंट बनाने की योजना

MORE NEWS

Read more!