कपास की बुवाई की है तो पढ़ लें ये खबर, अक्टूबर के दूसरे पखवाड़े में जल्द निपटा लें ये काम

कपास की बुवाई की है तो पढ़ लें ये खबर, अक्टूबर के दूसरे पखवाड़े में जल्द निपटा लें ये काम

भारत में कपास की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है. वहीं कपास की फसल को अधिक देखभाल की जरूरत होती है. इस फसल के लिए कीड़े और बीमारियों का समय माना जाता है. कीड़े लगने से पैदावार भी प्रभावित होती है.

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संदीप कुमार
  • Noida,
  • Oct 26, 2023,
  • Updated Oct 26, 2023, 3:54 PM IST

भारत में कपास की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है. कपास खरीफ सीजन की प्रमुख फसलों में से एक है. साथ ही ये फसल किसानों के लिए अच्छी आमदनी का एक साधन भी है. ये एक लंबी अवधि वाली नकदी फसल है, इसलिए कपास की फसल को अधिक देखभाल की जरूरत होती है. खासकर इस समय जब मॉनसून का सीजन खत्म हो गया हो. ये समय इस फसल के लिए कीड़े और बीमारियों का समय माना जाता है. कीड़े लगने से पैदावार भी प्रभावित होती है. वहीं इस साल भी ये समस्या हरियाणा में देखी जा रही है.

जहां कपास की फसल पर बड़ी मात्रा में गुलाबी सुंडी नामक कीड़े यानी पिंक बॉलवर्म का खतरा देखा जा रहा है. इसको लेकर हरियाणा कृषि विभाग ने अक्टूबर महीने के दूसरे पखवाड़े में इस रोग से बचने के उपाय के बारे में एडवाइजरी जारी की है.

अक्टूबर के दूसरे पखवाड़े में क्या करें?

दरअसल अक्टूबर के महीने में गुलाबी सुंडी का प्रकोप नरमा की फसल में ज्यादा बढ़ जाता है. विशेषकर देर से लगाई गई नरमा फसल में गुलाबी सुंडी का प्रकोप ज्यादा होता है. गुलाबी सुंडी का प्रकोप यदि नरमा की फसल में ज्यादा है तो जल्द से जल्द फसल की चुनाई करें और फसल को आगे न बढ़ाएं. संभव हो तो गुलाबी सुंडी द्वारा ग्रसित नरमा की चुगाई और रखरखाव अलग अलग करें. नरमा की अंतिम चुगाई के बाद अपने खेत में भेड़-बकरियों और अन्य जानवरों को चुगने दें.

ऐसे करें गुलाबी सुंडी का नियंत्रण

  • कपास में लगे गुलाबी सुंडी कीड़े की रोकथाम के लिए 7-10 दिनों के अंतराल पर नीम से बने जैविक कीटनाशक का छिड़काव करते रहना चाहिए.
  • नीम आधारित कीटनाशक को 150 लीटर पानी में घोलकर प्रति एकड़ के हिसाब से कपास की फसल पर छिड़काव करें.
  • किसान चाहें तो विशेषज्ञों की सलाह पर रासायनिक कीटनाशक दवाई को एक लीटर में घोलकर फसल पर छिड़क सकते हैं.
  • कृषि विशेषज्ञों की मानें तो इसकी रोकथाम के लिए सुबह और शाम को कपास की फसल में निगरानी करते रहें.
  • ध्यान रखें कि कृषि वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों की सलाह पर कीटनाशक दवाओं का छिड़काव करना चाहिए.

इस साल अधिक है गुलाबी सुंडी का प्रकोप

भारत में शीर्ष कपास उत्पादक राज्यों में इस साल कपास की फसलों में गुलाबी सुंडी का प्रकोप देखा जा रहा है. इसमें गुजरात, हरियाणा, महाराष्ट्र, पंजाब, आंध्र प्रदेश और राजस्थान शामिल हैं. इन राज्यों के किसानों को गुलाबी सुंडी से फसलों के अधिक नुकसान होने का डर सता रहा है. दरअसल नरमा फसल के लिए गुलाबी सुंडी काफी खतरनाक मानी जाती है. प्रत्येक वर्ष नरमा के खेत में फूल आने के समय अगर फसलों में कम नमी होती है तो गुलाबी सुंडी का प्रकोप अधिक देखा जाता है.

 

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