मॉनसून का मौसम बारिश के लिए जाना जाता है. इस मौसम में पौधे हरे भरे हो जाते हैं. वहीं पेड़-पौधों के लिए तो मॉनसून की बारिश वरदान भी मानी जाती है. एक तरफ मॉनसून जहां पौधों में जान फूंकने का काम करती है तो वहीं कई तरह के बीमारियों को न्योता भी दे जाती है. ऐसे में पौधों की सही देखभाल करना किसी चुनौती से कम नहीं होता है. लेकिन कुछ बातों का ध्यान रखकर आप आसानी से अपने पौधों की सही देखभाल कर सकते हैं. आइए जानें टिप्स.
बारिश के दिनों में सबसे पहले आप ये सुनिश्चित करें कि आपका पौधा सही और अनुकूल जगह पर रखा हुआ है. सही और अनुकूल जगह का मतलब ऐसी जगह से है जहां पर पर्याप्त मात्रा में हवा, पानी और धूप आती हो, ताकि पौधे बारिश से प्रभावित नहीं हो और अच्छी तरह से विकसित हो सके.
मॉनसून के दौरान पौधों को अलग से पानी देने की बहुत कम जरूरत पड़ती है. क्योंकि कई बार ज्यादा पानी की वजह से पौधे की जड़े कमजोर होकर सड़ने लगती हैं. इसलिए कुछ दिनों पर आप हमेशा अपने गमले को देखते रहे और पानी की जरूरत हो तभी उनमें पानी डालें. दरअसल सही और संतुलित पानी की मात्रा से पौधे न सिर्फ नुकसान से बचेंगे बल्कि अच्छी तरह से ग्रो भी करेंगे.
बारिश के मौसम में कई बार पौधों में कीड़े लग जाते हैं. जो पौधे को नुकसान पहुंचा सकते हैं. ये कीड़े कई तरह से पौधे को नुकसान पहुंचाते हैं. कई कीड़े तो पौधे की जड़ को ही काट देते हैं जिससे उनकी पत्तियां पीली पड़ने लगती हैं. वहीं कई कीड़े पत्तियों को ही चाट जाते हैं. इसलिए बारिश में पौधों पर समय-समय पर कीटनाशक आदि का छिड़काव करते रहना चाहिए.
मॉनसून में पौधे को सबसे ज़्यादा नुक़सान बारिश की वजह से होता है. इससे बचने का अच्छा उपाय है कि पौधों को शेड्स या फिर अग्रो कवर के अंदर रखें. यह पौधों को सुरक्षित रखने का बहुत ही आसान और किफायती तरीका है. यह शेड्स काफी हद तक मौसम के खराब प्रभाव को कम कर देते हैं.
बारिश के मौसम में पौधों को सही मात्रा में धूप और हवा मिलती रहे यह बहुत जरुरी होता है. साथ ही साथ इस बात का ख़्याल रखना होता है कि पौधों को पर्याप्त मात्रा में पोषक तत्व मिल रहे हैं या नहीं. यदि आवश्यकता पड़े तो आप पौधों में खाद का प्रयोग भी कर सकते हैं.