देश के सूखा ग्रस्त क्षेत्रों के नक्शे में बुंदेलखंड किसी पहचान का मोहताज नहीं है. लेकिन, बुंंदेलखंड की अब पहचान बदलने वाली है. एक तरफ तो यूपी सरकार ने बुंदेलखंड को प्राकृतिक खेती के लिए चिन्हित किया है. इसके साथ ही राज्य सरकार किसानों को फ्री में देशी गाय देने जा रही है. तो वहीं राज्य सरकार के प्रयासों से बुंदेलखंड में 100 रुपये के खर्च पर देशी गायों का कुनबा बढ़ने जा रहा है. असल में बुंदेलखंड में गौवंश बढ़ाने के उद्देश्य से यूपी सरकार क्षेत्र के किसानों को 100 रुपये के खर्च पर सेक्स सॉर्टेड सीमेन उपलब्ध कराने जा रही है, जिसे 100 फीसदी बछिया होने की गारंटी माना जाता है.
यूपी सरकार के इस फैसले से क्षेत्र के किसानों की तकदीर बदलेगी. असल में उत्तर प्रदेश में बढ़ते हुए गोवंश की संख्या से दुग्ध उत्पादन में कोई खास इजाफा नहीं हुआ है बल्कि इसमें छुट्टा पशुओं की संख्या काफी ज्यादा है.वही सरकार भी दुग्ध उत्पादन के लिए मादा गोवंश संख्या बढ़ाने के लिए अब सेक्स शॉर्टेड सीमेन टेक्नोलॉजी का प्रयोग कर रही है. इस सीमेन के जरिए 90 फ़ीसदी तक बछिया पैदा हो रही है.माना जा रहा है कि बुंदेलखंड में इस तकनीक से देशी गाय का कुनबा बढ़ेगा तो दूध उत्पादन में बढ़ाेतरी होगी. जिसका सीधा फायदा किसानों को मिलेगा.
उत्तर प्रदेश सरकार बुंदेलखंड इलाके में सरकार इस ख़ास तरह के सीमेन पर विशेष सब्सिडी दे रही है.यहां पशुपालकों को ₹100 में सेक्स शॉर्टेड सीमेन उपलब्ध कराया जा रहा है् जबकि बाकी स्थानों पर इसकी दर ₹300 निर्धारित की गई है.बुंदेलखंड में इस सीमेन के उपयोग से पशुपालको की तक़दीर बदल रही है वहीं दूध उत्पादन में भी इसका असर देखने को मिला है.
असल में उत्तर प्रदेश सरकार यहां के सभी 7 जनपदों में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दे रही है तो वही बुंदेलखंड में सेक्स शॉर्टेड सीमेन पर विशेष सब्सिडी दी जा रही है. यहां पर इस सीमेन के उपयोग के लिए पशुपालकों को केवल ₹100 चुकाना होता है. जबकि प्रदेश के अन्य जनपदों में इसकी दर ₹300 रखी गई है .इस सीमेन के उपयोग से गोवंश से बछिया का जन्म सबसे ज्यादा होता है.
पशु के वीर्य में x शुक्राणु Y शुक्राणु बराबर के अनुपात में होते हैं.वही Y शुक्राणु से नर तथा X शुक्ला उसे माता संतान पैदा होती है.सेक्स शॉर्टेड सीमेन टेक्नोलॉजी मेंY शुक्राणु को वीर्य से हटा दिया जाता है जिससे मादा बछिया होने की संभावना 90 फ़ीसदी से अधिक हो जाती है.इस प्रकार वीर्य को लिंग वर्गीकृत वीर्य या सेक्स शॉर्टेड सीमन कहा जाता है.गायों में सामान्यतः कृत्रिम गर्भाधान किया जाता है तो मादा बछिया होने की संभावना 50 फ़ीसदी होती है लेकिन सेक्स शॉर्टेड सीमेन के उपयोग से मादा बछिया होने की संभावना 90% से अधिक होती है.