Battery Maintenance: वारंटी से भी कई साल आगे तक चलेगी ट्रैक्टर की बैटरी, जानें ये रखरखाव की टिप्स

Battery Maintenance: वारंटी से भी कई साल आगे तक चलेगी ट्रैक्टर की बैटरी, जानें ये रखरखाव की टिप्स

वैसे तो ट्रैक्टर की बैटरी 3 से 5 सालों तक आराम से चलती है. कंपनियां भी ट्रैक्टर की बैटरी पर 3 से 3.5 साल तक की वारंटी देती हैं. लेकिन जब ये बैटरी खराब हो जाती है तो किसान की जेब पर बड़ा खर्चा आता है. इसलिए हम आपको ट्रैक्टर की बैटरी के मेंटेनेंस की कुछ जरूरी टिप्स दे रहे हैं.

tractor batterytractor battery
स्वयं प्रकाश निरंजन
  • नोएडा,
  • Oct 30, 2025,
  • Updated Oct 30, 2025, 8:45 AM IST

भारत में अधिकतर ट्रैक्टर लेड-एसिड बैटरी के साथ आते हैं. इन बैटरियों को नियमित रखरखाव की जरूरत होती है क्योंकि लगातार इस्तेमाल के साथ ही इनके इलेक्ट्रोलाइट्स वाष्पित हो जाते हैं. इसलिए, बैटरी की क्षमता को प्रभावित किए बिना उसके सही ढंग से काम करने के लिए समय पर सर्विसिंग जरूरी है. वैसे तो ट्रैक्टर की बैटरी 3 से 5 सालों तक आराम से चलती है. कंपनियां भी ट्रैक्टर की बैटरी पर 3 से 3.5 साल तक की वारंटी देती हैं. लेकिन जब ये बैटरी खराब हो जाती है तो किसान की जेब पर बड़ा खर्चा आता है. इसलिए हम आपको ट्रैक्टर की बैटरी के मेंटेनेंस की कुछ जरूरी टिप्स दे रहे हैं.

बैटरी रखरखाव की चेकलिस्ट-

  • अपने ट्रैक्टर की बैटरी को हर महीने चेक करते रहें. ताकि आने वाली दिक्कतों को समय से पकड़ा जा सके. बैटरी केस में कोई दरारें, कहीं से उभार या रिसाव जरूर चेक करें.  
  • चूंकि ट्रैक्टर में कंपन बहुत होता है इसलिए ये सुनिश्चित करें बैटरी बॉक्स में बैटरी कसकर लगी हो. ताकि कंपन से इसे कोई नुकसान ना पहुंचे. 
  • बैटरी की केबलों, क्लैम्पों और इन्सुलेशन को चेक करें कि उनमें कोई घिसाव, क्षरण, कहीं कोई कटा या ढीले कनेक्शन ना हो.
  • बैटरी टर्मिनलों को साफ करें. ट्रैक्टर के बैटरी टर्मिनलों पर खेत से आने वाले अम्लीय धुएं, धूल और नमी के कारण गंदगी, मैल और जंग जल्दी जमा हो जाती है. ये जमाव बैटरी के करंट को प्रभावित करते हैं. 
  • बैटरी में समय पर डिस्टिल्ड वाटर भरें. अगर आपके ट्रैक्टर में लेड-एसिड बैटरी है, तो बैटरी में पानी भरना जरूरी है. इसका पानी सूखने पर बैटरी की परफॉर्मेंस कम हो जाएगी और फिर ये खराब हो सकती है.
  • इसके अलावा बैटरी में सही चार्ज बनाए रखें. ट्रैक्टर की बैटरियां इस्तेमाल न होने पर भी अपने आप डिस्चार्ज हो जाती हैं. इसलिए अगर आप ट्रैक्टर का ज़्यादा इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं, तो उसे हर कुछ हफ़्तों में बीच-बीच में स्टार्ट करते रहें. 
  • बैटरी को रिचार्ज करने के लिए ट्रैक्टर का इंजन कुछ देर तक स्टार्ट करके छोड़ दें. इससे बैटरी में चार्ज वापस से सही तरीके से मेन्टेन हो जाता है. 
  • बैटरी का चार्ज लेवल चेक करने के लिए वोल्टमीटर का उपयोग करें. ट्रैक्टर बंद होने पर फुल चार्ज बैटरी की रीडिंग 12.6 से 12.8 वोल्ट होना चाहिए. इंजन चालू होने पर 13.5 से 14.5 वोल्ट की रीडिंग दिखनी चाहिए.
  • बैटरी की देखभाल विशेष रूप से ऑफ-सीज़न के दौरान भी जरूरी है. ऐसा इसलिए क्योंकि गर्मी में इसका लिक्विड वाष्पित हो जाता है, और कड़ाके की ठंड में कमज़ोर बैटरी जम सकती है. 
  • इसलिए ये सुनिश्चित करें कि बैटरी के वेंट छेद बंद न हों, ताकि इसके अंदर की गैसें सुरक्षित रूप से बाहर निकल सकें. 
  • सर्दियों से पहले बैटरी को पूरी तरह चार्ज कर लें, क्योंकि पूरी तरह चार्ज की गई बैटरी के जमने की संभावना कम होती है.
     

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