
धान की कटाई शुरू होते ही किसान रबी सीजन की प्रमुख फसल गेहूं की खेती में जुट गए हैं. देश के कई राज्यों में गेहूं की बुवाई का काम भी शुरू हो गया है. लेकिन, किसानों को सबसे ज्यादा परेशानी गेहूं की खेती में होती है. इसकी बुवाई और फिर खाद के छिड़काव में काफी समय और पैसा खर्च होता है. ऐसे में आज हम आपको एक ऐसी मशीन के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसकी मदद से कम समय और कम लागत में आप आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करके गेहूं की बुवाई कर सकते हैं. साथ ही खाद का छिड़काव भी करवा सकते हैं. खास बात है कि ये मशीन आपको किराए पर भी मिल जाएगी और सरकार इस मशीन को खरीदने पर सब्सिडी भी देती है. आइए जानते हैं कौन सी है वो मशीन और क्या है उसकी खासियत.
गेहूं की बुवाई और खाद छिड़काव करने के लिए सुपर सीडर मशीन किसानों के लिए एक बेस्ट ऑप्शन है. ये एक मल्टी टास्किंग मशीन है. ये मशीन बुआई, जुताई, मल्चिंग और खाद फैलाने का काम एक साथ कर देती है. सुपर सीडर मशीन खेत को तैयार करने में लगने वाले समय को काफी कम देती है. साथ ही लागत को घटा देती है. इससे किसानों के समय और पैसे दोनों की बचत होती है. खास बात है कि ये मशीन पराली को जलाए बिना नष्ट कर देती है.
सुपर सीडर मशीन की सबसे बड़ी खासियत ये है कि यह धान की पराली (अवशेष) को खेत में मिलाते हुए गेहूं की बुवाई एक साथ कर देती है. इससे पराली जलाने की जरूरत नहीं पड़ती, और खेत साफ-सुथरा भी रहता है. इसके अलावा यह मशीन बिना खेत की मिट्टी को पलटे ही बीज बो देती है, जिससे मिट्टी की नमी बरकरार रहती है. ऐसे में ये मशीन खासकर धान के बाद की फसलों के लिए बहुत उपयोगी है, क्योंकि उस समय खेत में नमी पहले से होती है.
इसके अलावा इस मशीन से 30–40 फीसदी तक डीजल बचता है. साथ ही सुपर सीडर से बीज और खाद दोनों की समान गहराई और दूरी पर बुवाई होती है, जिससे अंकुरण 90–95 फीसदी तक सफल होता है, जिससे फसल एकसमान और घनी होती है. ये मशीन एक घंटे में एक एकड़ जमीन में फैली पराली को नष्ट कर देती है. इसके बाद गेहूं की बुआई करती है.
इस मशीन के इस्तेमाल से किसानों का भारी-भरकम खर्च बचता है जिससे किसानों की लागत में कमी और आय में वृद्धि होती है. यूं तो ये मशीन आपको किराए पर मिल जाएगी. लेकिन अगर आप नया खरीदना चाहते हैं तो इसे खरीद सकते हैं. इसके लिए राज्य सरकार की तरफ से आपको सब्सिडी भी दी जाती है. इस मशीन की कीमत लगभग 80,000 से 3 लाख रुपये तक है. ऐसे में इस मशीन को किराये पर लेकर देश के छोटे और सीमांत किसान भी आसानी से खेती कर सकते हैं.