Sulfur Coated Urea : सरकार ने सल्फर कोटेड यूरिया को बाजार में उतारने की मंजूरी दी, जानिए इसकी कीमत और फायदे

Sulfur Coated Urea : सरकार ने सल्फर कोटेड यूरिया को बाजार में उतारने की मंजूरी दी, जानिए इसकी कीमत और फायदे

सरकार ने सल्फर कोटेड यूरिया को यूरिया गोल्ड नाम से बाजार में उतारने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. सल्फर कोटेड यूरिया की कीमत को भी तय कर दिया गया है.

सरकार ने सल्फर कोटेड यूरिया लॉन्च करने को दी मंजूरी,सरकार ने सल्फर कोटेड यूरिया लॉन्च करने को दी मंजूरी,
जेपी स‍िंह
  • NEW DELHI,
  • Jan 07, 2024,
  • Updated Jan 07, 2024, 11:37 AM IST

सरकार ने सल्फर कोटेड यूरिया को यूरिया गोल्ड नाम से बाजार में उतारने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय के उर्वरक विभाग ने उर्वरक निर्माता कंपनियों से कहा है कि इसकी कीमत जीएसटी सहित 266.50 रुपये होगी. बता दें कि आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीईए) ने 28 जून 2023 को सल्फर कोटेड यूरिया को यूरिया गोल्ड नाम से मंजूरी दी थी. अब नीम लेपित यूरिया के 45 किलोग्राम बैग के समान एमआरपी पर 40 किलोग्राम बैग में सल्फर कोटेड यूरिया की बिक्री शुरू होगी. 

सल्फर कोटेड यूरिया क्या है?

सल्फर कोटेड यूरिया में नाइट्रोजन के साथ सल्फर की कोटिंग होती है. सल्फर पौधों के लिए बेहद जरूरी होता है. इसलिए जमीन में हो रही सल्फर की कमी को पूरा करने में मदद करती है. सल्फर पौधों में प्रोटीन बनाने और रोग से सुरक्षा करता है. इसके उपयोग से फसलों की उत्पादकन बढ़ता है. 

सल्फर कोटेड यूरिया क्यों है जरूरी?

सल्फर फसल के चौथा जरूरी पोषक तत्व है, जिस पर किसान प्रायः ध्यान नहीं देते हैं. अपने देश में सल्फर के उपयोग पर विशेष ध्यान न दिये जाने के कारण मृदा के नमूनों में 40 प्रतिशत गंधक (सल्फर) की कमी पाई गई है. तिलहनी फसलों के लिए सल्फर बेहद जरूरी है. सभी फसलों के लिए तिलहनी फसलों के लिए नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटाश, सल्फर  जिंक और बोरान जरूरी तत्व हैं, लेकिन किसानों को संतुलित उर्वरक के नाम पर नाइट्रोजन, फास्फोरस, और पोटाश के उपयोग पर बल दिया गया है. सल्फर, जिंक और आयरन के उपयोग पर विशेष ध्यान न दिये जाने के कारण इन तत्वों की कमी पाई गई है. अब सबसे ज्यादा उपयोग किए जाने यूरिया में सल्फर के कोटेड होने से सल्फर की कमी दूर करने में मदद मिलेगी. 

यूरिया गोल्ड से कैसे होगा फायदा?

यूरिया खाद की मदद से खेतों में नाइट्रोजन की पर्याप्त आपूर्ति हो पाती है, जिससे फसल की पैदावार बढ़ती है. सामान्य यूरिया के माध्यम से किसानों ने अपने खेतों में नाइट्रोजन की कमी को दूर किया है और फसल की पैदावार में वृद्धि की है. अब यूरिया गोल्ड के इस्तेमाल से पौधों में नाइट्रोजन का बेहतर इस्तेमाल करने की क्षमता बढ़ती है. साथ ही यूरिया की खपत भी कम होगी, जिससे किसानों को दोहरा फायदा मिलने की उम्मीद है. भारत में खेती योग्य भूमि की स्थिति बिगड़ रही है और यूरिया के अंधाधुंध इस्तेमाल से मिट्टी की उर्वरकता और उपज भी घट रही है,

बेहतर पैदावार की उम्मीद

सल्फर कोटेड यूरिया से नाइट्रोजन धीरे-धीरे रिलीज होती है, जबकि यूरिया गोल्ड में ह्यूमिक एसिड मिला होने की वजह से इसकी लाइफ ज्यादा होती है. यह मौजूदा यूरिया का अच्छा विकल्प है. 15 किलो यूरिया गोल्ड 20 किलो पारंपरिक यूरिया के बराबर फायदा देगा. सल्फर-कोटेड यूरिया से मिट्टी के स्वास्थ्य को बढ़ाने, पोषक तत्वों का पूरा फायदा उठाने और फसल की बेहतर पैदावार सुनिश्चित करने में अहम भूमिका निभाने की उम्मीद है. यूरिया गोल्ड की मदद से पर्यावरण को भी बहुत फायदा होगा.
 

 

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