
भारत के तेजी से बढ़ते कृषि स्टार्टअप प्लेटफॉर्म सलाम किसान का पहला ड्रोन अगले माह यानी नवंबर के आखिरी तक लॉन्च हो सकता है. कंपनी ने कहा है कि वह अगले छह से 12 महीनों में कई राज्यों तक तेजी से विस्तार करने की योजना पर काम कर रही है. सलाम किसान मध्य प्रदेश से लेकर महाराष्ट्र तक करीब 05 प्रदेशों में एफपीओ के साथ करार करने की प्रक्रिया में है, जिससे वह किसानों की चना की फसल खरीदेगी और उसकी बुवाई से लेकर कटाई तक किसानों के साथ मिलकर काम करेगी. बता दें कि वर्तमान में सलाम किसान सभी तरह की एग्रीकल्चर वैल्यू चेन के रूप में महाराष्ट्र में 15-20 जिलों के 27,000 किसानों के साथ काम कर रही है.
सलाम किसान की संस्थापक और सीईओ धनश्री मंधानी ने बताया कि विस्तार योजना के तहत 03 लाख टन चना खरीदने के लिए 40 किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) के साथ समझौता किया जा रहा है. इसके तहत कंपनी बुवाई से लेकर कटाई तक पूरी प्रोडक्शन चेन को कंट्रोल करेगी. 'बिजनेसलाइन' की रिपोर्ट के अनुसार सलाम किसान गुजरात, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और कर्नाटक और महाराष्ट्र में विस्तार कर रहा है. इसके तहत अधिक बागवानी प्रोडक्ट को एक्सपोर्ट करने, किसानों के लिए फंड्स तक पहुंच प्रदान करने के लिए फाइनेंशियल सर्विसेज शुरू करना शामिल है. जबकि, नवंबर के अंत तक ड्रोन को मैन्यूफैक्चर करना भी शामिल है.
धनश्री मंधानी ने कहा कि हम कंपनी के एक वर्टिकल के रूप में ड्रोन का निर्माण कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि काम शुरू हो चुका है और नवंबर के अंत तक हमारा पहला ड्रोन लॉन्च होने की उम्मीद है. ड्रोन का निर्माण शुरुआत में अपने उपयोग के लिए किया जाएगा. उन्होंने कहा कि अन्य मैन्यूफैक्चरर के ड्रोन का उपयोग करते समय देखी गई जमीनी समस्याओं से संबंधित सभी सुधार और विशेष सुविधाएं हमारे ड्रोन में होंगी.
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सलाम किसान के ड्रोन के उड़ान के समय और पेलोड पर खास ध्यान दिया गया है. सलाम किसान के ड्रोन की उड़ान का समय अधिक होगा. आम तौर पर एक बैटरी केवल सात मिनट तक चलती है. इसलिए पायलट को ड्रोन को नीचे लाना होगा और उसका पानी बदलना होगा, बैटरी बदलनी होगी और फिर उसे उड़ाना होगा. सलाम किसान के ड्रोन में 30 लीटर का बड़ा टैंक होगा, जबकि सामान्य कंपनियों के ड्रोन में 20 लीटर का टैंक होता है. पेलोड की क्षमता और उड़ान समय अधिक होगा. कंपनी की ओर से कहा गया कि हाई स्टैबिलिटी और अधिक क्षमता वाले स्मॉल और मीडियम साइज के ड्रोन पर काम किया जा रहा है.
सलाम किसान के ड्रोन को मैनेज करने के लिए एक मैनेजमेंट सॉफ्टवेयर का भी विकल्प होगा, जो वर्तमान में कोई भी मैन्यूफैक्चरर नहीं देता है. ड्रोन के लिए सर्विस बैकअप और ग्राउंड सपोर्ट सिस्टम दिया जाएगा, जिसमें मैकेनिक और टेक्नीशियन शामिल होंगे.
सलाम किसान चालू रबी सीजन से आउटपुट मार्केट लिंकेज में एंट्री करेगा और एफपीओ के साथ मिलकर 03 लाख टन चना खरीदेगा, जिसके तहत किसानों को बुवाई से लेकर कटाई तक कंपनी के साथ काम करने की जरूरत होगी. शुरुआत में लिंकेज महाराष्ट्र के अकोला, बीड और बुलढाणा जिलों में शुरू होगा. कंपनी ने कहा कि हमने एफपीओ के साथ समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए हैं जहां हम उन्हें बताते हैं कि मिट्टी की तैयारी से लेकर फसल की कटाई और कटाई के बाद क्या करना है. हम उन्हें उपज का पूर्वानुमान देते हैं और सब कुछ ऑटोमेटिक एप्लिकेशन के माध्यम से किया जाएगा. कटाई के बाद हम फसल खरीद लेंगे.
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