Potato App: आलू के किसानों के लिए काम की खबर, ये कंपनी लॉन्च करेगी क्रॉप इंटेलिजेंस ऐप, ऐसे मिलेगा फायदा

Potato App: आलू के किसानों के लिए काम की खबर, ये कंपनी लॉन्च करेगी क्रॉप इंटेलिजेंस ऐप, ऐसे मिलेगा फायदा

मौसम की मार के कारण कई बार आलू की फसल खराब हो जाती है. ऐसे में किसानों की मेहनत और पैसा दोनों बर्बाद हो जाता है. इसी समस्या से छुटकारा पाने के मकसद से पेप्सिको ने भारत में क्रॉप इंटेलिजेंस मॉडल की शुरुआत की है. वहीं इसके लिए एक मोबाइल ऐप बनाया जाएगा जिसके डैशबोर्ड पर कई तरह की जानकारियां उपबल्ध होंगी. आइए इस खबर के बारे में विस्तार से जानते हैं-

पेप्सिको ने भारत में आलू किसानों के लिए लॉन्च किया क्रॉप इंटेलिजेंस ऐप, सांकेतिक तस्वीर पेप्सिको ने भारत में आलू किसानों के लिए लॉन्च किया क्रॉप इंटेलिजेंस ऐप, सांकेतिक तस्वीर
व‍िवेक कुमार राय
  • Noida ,
  • Jun 09, 2023,
  • Updated Jun 09, 2023, 5:41 PM IST

आलू किसानों को खेती के दौरान कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है. किसानों की इन्हीं समस्याओं के मद्देनजर पेप्सिको ने अपने ब्रांड लेज के तहत एक ‘क्रॉप एंड प्लॉट लेवल इंटेलिजेंस मॉडल’ लॉन्च किया है. जिसका उद्देश्य उपज की गुणवत्ता बढ़ाने के साथ-साथ आलू की पैदावार को बेहतर करने में मदद करना है. इस मॉडल को क्रॉपिन के साथ मिलकर लॉन्च किया गया है. जोकि एग्री-टेक कंपनियों में एक अग्रणी कंपनी है. क्रॉपिन को खेती के लिए पहले इंडस्ट्री क्लाउड के निर्माण के लिए जाना जाता है. वहीं इस मॉडल को सबसे पहले मध्य प्रदेश और गुजरात में पायलट प्रोजेक्ट की तरह शुरू किया गया है. 

गौरतलब है कि पेप्सिको की यह पहल आलू की खेती करने के दौरान आने वाली चुनौतियों से मुकाबले में किसानों की मदद के उद्देश्य से शुरू की गई है. वहीं, अभी तक, प्रोजेक्ट में परीक्षण के तौर पर 62 खेत हैं, जिनमें गुजरात में 51 और मध्य प्रदेश में 11 शामिल हैं. आइए इस खबर के बारे में विस्तार से जानते हैं- 

ऐप लॉन्च करने का उद्देश्य

कंपनी का कहना है कि किसान अकसर यह नहीं समझ पाते कि फसल में पानी, खाद या कीटनाशक कितना डालना है. साथ ही उनके पास मौसम से जुड़ा पुख्ता डाटा भी नहीं होता है. इसकी वजह से कई बार किसानों की फसल खराब हो जाती है. इस पहल के तहत सेटेलाइट की मदद से किसानों को सटीक जानकारी दी जाएगी. 

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यह सिस्टम 10 दिन तक का पूर्वानुमान लगा पाएगा यानी आने वाले 10 दिनों में क्या होने वाला है उसके बारे में विस्तार से पहले ही बता देगा जिससे किसानों को मौसम व उसके कारण फसलों को होने वाली संभावित बीमारी के बारे में पता चल सकेगा. वहीं इसके लिए एक मोबाइल ऐप बनाया जाएगा जिसके डैशबोर्ड पर कई तरह की जानकारियां उपबल्ध होंगी.

किसानों को दी जा रही ट्रेनिंग

प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक, लेज चिप्स बनाने के लिए भारत में 27 हजार किसानों से प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से जुड़ी हुई है. वहीं कंपनी चिप्स के लिए 100 फीसदी आलू 14 राज्यों में मौजूद इन्हीं 27 हजार किसानों से प्राप्त करती है. पैदावार को बेहतर और सुरक्षित बनाने की पहल के शुरुआती स्टेज में इन्हीं में से 62 किसानों को जरूरी ट्रेनिंग मुहैया कराई जा रही है. किसानों को डैशबोर्ड के बारे में बताया जा रहा है कि कैसे वे इसकी मदद से लाभ ले सकते हैं. मॉडल के ट्रायल के 62 में 51 किसान गुजरात और 11 मध्य प्रदेश से शामिल किए गए हैं.

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कंपनी के मुताबिक, किसान अकसर यह नहीं समझ पाते कि फसल में पानी, खाद या कीटनाशक कितना डालना है. साथ ही उनके पास मौसम से जुड़ा डाटा भी नहीं होता है. इसकी वजह से कई बार फसल खराब हो जाती है. इस पहल के तहत सेटेलाइट के माध्यम से किसानों को सटीक जानकारी दी जाएगी. यह सिस्टम 10 दिन तक पूर्वानुमान लगा पाएगा जिससे किसानों को मौसम व उसके कारण फसलों को होने वाली संभावित रोगों के बारे में पता चल सकेगा. इसके लिए एक मोबाइल ऐप बनाया जाएगा जिसके डैशबोर्ड पर कई तरह की जानकारियां उपबल्ध होंगी.
 

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