किसानों को खेती-बाड़ी में सबसे नई समस्या आने लगी है मजदूरी की. बढ़ते पलायन और महंगाई के कारण गांवों में मजदूरी महंगी होने के साथ ही मजदूरों की कमी भी होने लगी है. ऐसे में ट्रॉली लोड करने जैसे कुछ काम होते हैं जो मजदूरों के बिना कर पाना संभव नहीं होता है. किसानों की इसी समस्या के समाधान के लिए आज किसान-Tech की इस सीरीज में हम आपको एक ऐसी मशीन के बारे में बताने जा रहे हैं जो गेहूं को बिना किसी मजदूर के ही फटाफट लोड कर देगी.
इस मशीन को ग्रेन लोडर कहा जाता है और यह लगभग सभी तरह के अनाज को ट्रॉली में ऐसे भरती है जैसे किसी वाटर पंप से पानी भरा जा रहा हो. ग्रेन लोडर मशीन के बारे में आपको विस्तार से बताते हैं.
जैसा कि इसके नाम से समझ आ रहा है कि ये मशीन ग्रेन यानी अनाज लोड करने के काम आती है. ग्रेन लोडर मशीन एक आधुनिक कृषि यंत्र है. इसकी मदद से किसान गेहूं या कोई दूसरे अनाज फटाफट और बिना मजदूरों के ही ट्राली में भर सकते हैं. अगर किसानों को अपना अनाज मंडी ले जाना है या साइलो केंद्र ले जाने के लिए ट्रॉली भरनी हो तो ये मशीन घंटों का काम मिनटों में कर देती है, वो भी मजदूरों के बिना. ये मशीन किसानों को मजदूरों की कमी से निजात दिलाने और कम समय में ट्रॉली में अनाज भरने के लिए काफी लाभकारी साबित होती है. ये मशीन चना, सोयाबीन, गेहूं, मूंग, उड़द और धान जैसे लगभग सभी तरह के अनाज लोड करने के लिए उपयोग की जा सकती है.
इसकी जरूरत इसलिए भी बढ़ गई है क्योंकि आजकल किसान खेतों में गेहूं की कटाई सीधे हार्वेस्टर से करवा लेते हैं. हार्वेस्टर से कटाई में किसान गेहूं छुट्टा ही ट्रॉली में भरकर ले आते हैं. जब इस तरह से कई ट्रॉली गेहूं एक जगह इकट्ठा हो जाता है तो फिर इसे मंडी ले जाने के लिए अलग से कई सारे मजदूर लगते हैं और साथ में कई घंटे भी बर्बाद होते हैं. इतना ही नहीं अगर गेहूं को बोरों में भरकर ट्रॉली में लोड कर रहे हैं तो किसान की लागत और भी बढ़ जाती है. ऐसी ही सारी समस्याओं से ग्रेन लोडर मशीन किसानों को निजात दिलाती है.
इस मशीन से 30-35 कुंतल गेहूं एक घंटे में ट्रॉली में भरा जा सकता है. मशीन में अनाज भरने के लिए 4 इंच चौड़ा पाइप होता है जिसके अंदर एक स्प्रिंग होती है, जो अनाज को एक जगह से खींचकर ट्रॉली में चढ़ाती है. ग्रेन लोडर मशीन में पाइप की लंबाई किसान अपनी सुविधा के हिसाब से 20 फीट से लेकर 50 फीट तक लंबा ले सकते हैं.
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ग्रेन लोडर मशीन दो तरह की आती है. इसमें एक मशीन सीधे ट्रैक्टर से चलती है और दूसरी बिजली से चलती है.
1. ट्रैक्टर ऑपरेटेड ग्रेन लोडर
अगर ट्रैक्टर वाली ग्रेन लोडर मशीन की बात करें तो ये खास तौर पर खेतों या ऐसे भंडार घरों में काम आती है जहां बिजली की समस्या हो. इस मशीन को गेहूं से थोड़ा दूर रखकर इसका पाइप अनाज के ढेर में दबा दिया जाता है. मशीन का डिलीवरी प्वाइंट खासा ऊंचा होता है जो सीधे ट्रॉली में ही अनाज गिराता है.
इस मशीन को ट्रैक्टर से चलाने के लिए इसको पीटीओ शाफ्ट से जोड़ा जाता है. खास बात ये है कि ग्रेन लोडर मशीन को चलाने के लिए ट्रैक्टर के इंजन पर भी कोई लोड नहीं पड़ता. ट्रैक्टर से चलने वाली ये ग्रेन लोडर मशीन इंजन के सिर्फ 540 RPM पर ही आराम से चलती है. यानी डीजल की भी खपत बहुत कम होती है. ट्रैक्टर से चलने वाली ग्रेन लोडर में बहुत ताकत होती है इसलिए इसकी अनाज लोड करने की क्षमता काफी ज्यादा होती है. इसका पाइप कितना भी लंबा हो फिर भी यह आसानी से ट्रॉली भर देती है.
2. मोटर ऑपरेडेट ग्रेन लोडर
दूसरे प्रकार की ग्रेन लोडर बीजली की मोटर से भी चलती है. इस ग्रेन लोडर मशीन में एक छोर पर इलेक्ट्रिक मोटर लगी होती है और इसमें भी अनाज खींचने के लिए एक लंबा पाइप होता है. बिजली से चलने वाली ग्रेन लोडर की क्षमता ट्रैक्टर से चलने वाली मशीन से थोड़ी कम ही होती है. इसमें पाइप और स्प्रिंग के साइज के हिसाब से ही मशीन की क्षमता कम और ज्यादा होती है. इसके अलावा मोटर के पॉवर पर भी क्षमता निर्भर करती है. इसमें 7 एचपी, 5 एचपी और 3 एचपी तक की मोटर मिल जाती है.
ग्रेन लोडर मशीन का दाम उसके पाइप और मोटर पर निर्भर करता है.अगर किसान सबसे कम क्षमता वाली मशीन लेते हैं तो ये करीब 25000 रुपये से शुरू हो जाती है. वहीं इसकी अधिकतम कीमत 75000 रुपये तक जाती है. इलेक्ट्रिक मोटर जितने ज्यादा एचपी की होगी, कीमत उतनी ही बढ़ती जाती है. वहीं ट्रैक्टर से चलने वाली ग्रेन लोडर मशीन की कीमत 50000 से शुरू होती है. इस मशीन में गियर बॉक्स लगा होता है और इसकी क्षमता भी काफी होता है.