आज भी ग्रामीण इलाकों में खेती में ट्रैक्टर का सबसे ज्यादा इस्तेमाल होता है. किसान खेतों में फसल बोने, उनकी कटाई करने और उन्हें बाजार तक पहुंचाने के लिए ट्रैक्टर का इस्तेमाल करते हैं. ट्रैक्टर का इस्तेमाल कई अन्य तरीकों से भी किया जाता है. किसान ट्रैक्टर में कई तरह के कृषि उपकरण जोड़कर अपने खेती के काम को आसान बनाते हैं. ऐसे में किसान वही ट्रैक्टर खरीदते हैं, जिन पर उन्हें सबसे ज्यादा भरोसा होता है. इसी सिलसिले में महिंद्रा समूह के तहत घरेलू ट्रैक्टर उद्योग में अग्रणी ब्रांड स्वराज ट्रैक्टर्स के स्वराज डिवीजन को राजस्थान सरकार की ओर से भामाशाह पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. स्वराज डिवीजन को यह पुरस्कार सामुदायिक विकास में उत्कृष्ट पहल के लिए दिया गया है.
स्वराज डिवीजन ने जोधपुर जिले की सरकारी स्कूलों को मजबूत बनाने के लिए कई अहम कदम उठाए हैं. विशेष रूप से, उन्होंने स्कूलों की छतों पर वर्षा जल संचयन (रूफटॉप रेनवाटर हार्वेस्टिंग) सिस्टम लगाए और शिक्षण-सामग्री उपलब्ध कराई ताकि बच्चों की पढ़ाई बेहतर हो सके. इस पहल से शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार हुआ है.
राजस्थान के ग्रामीण क्षेत्रों में पानी की कमी और फ्लोराइड प्रदूषण जैसी समस्याएं आम हैं. स्वराज डिवीजन ने ‘सर्व मंगल ग्रामीण विकास संस्थान’ के साथ मिलकर 78 गांवों, 20 ब्लॉकों और 8 जिलों में साफ पानी पहुंचाने और कृषि के लिए सिंचाई सुविधा देने का काम किया है. यह पहल पानी की समस्या को कम करने में बहुत मददगार साबित हुई है.
पिछले छह सालों में स्वराज डिवीजन ने 18 पारंपरिक जल स्रोतों का नवीनीकरण किया है, जिससे लगभग 37.2 लाख क्यूबिक मीटर पानी संग्रहित हुआ है. इसके अलावा, 57 सरकारी स्कूलों में वर्षा जल संचयन टैंक्स लगाए गए हैं, जिससे 57 लाख लीटर साफ पानी उपलब्ध हुआ. इन प्रयासों से 48,000 से अधिक लोगों, 37,000 पशुओं और 3,000 हेक्टेयर कृषि भूमि को फायदा हुआ है.
भामाशाह अवॉर्ड स्वराज डिवीजन की ग्रामीण समुदायों को सशक्त बनाने की दूरदर्शिता और सतत विकास के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक है. स्वराज की ये पहलें न केवल गांवों को आत्मनिर्भर बना रही हैं, बल्कि शिक्षा, स्वास्थ्य और खेती के क्षेत्र में भी स्थायी सुधार ला रही हैं. स्वराज डिवीजन की यह उपलब्धि राजस्थान के ग्रामीण विकास के लिए प्रेरणा का स्रोत है. ऐसे सामूहिक प्रयासों से देश के गांवों का भविष्य उज्जवल होगा और ग्रामीण समाज मजबूत बनेगा.
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